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1 हजार से अधिक एमओयू के लिए योगी सरकार ने उपलब्ध कराई भूमि

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 35 लाख करोड़ के निवेश को आकर्षित करने के बाद योगी सरकार (Yogi Government) की प्राथमिकता सभी निवेशकों को उनकी परियोजनाओं के लिए जमीन मुहैया कराने की है। इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से सरकार ने जो 22 हजार से अधिक निवेश करार किए हैं, उनमें से 1450 से ज्यादा एमओयू के लिए सरकार को भूमि अधिग्रहण के अनुरोध प्राप्त हुए हैं।

बड़ी बात ये है कि योगी सरकार (Yogi Government) ने प्राप्त अनुरोध के सापेक्ष एक हजार से अधिक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली है। जल्द ही बाकी एमओयू के लिए भी भूमि उपलब्ध होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि यूपीजीआईएस (UPGIS) के दौरान ही सरकार की ओर से सभी विभागों को एमओयू के आधार पर भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे। यूपीसीडा समेत कई विभागों ने तो पहले से ही लैंड बैंक जैसी सुविधा पर काम शुरू कर दिया था।

2 एमओयू के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी

जानकारी के अनुसार योगी सरकार (Yogi Government) के साथ एमओयू करने वाले 1450 से अधिक निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में अपनी परियोजना की शुरुआत के लिए प्रदेश सरकार से भूमि की मांग की है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर सभी विभागों ने निवेशकों के साथ बातचीत करके अब तक एक हजार से अधिक एमओयू के लिए भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली है। बाकी बचे 400 से अधिक एमओयू के लिए भी युद्धस्तर पर भूमि उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।

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बड़ी बात ये है कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (GBC) से पहले ही योगी सरकार (Yogi Government) ने 2 एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया भी पूर्ण कर ली है। वहीं, 16 ऐसे निवेशक भी हैं, जिन्हें उनकी मांग के अनुरूप भूमि के विकल्प भी सुझाए गए हैं। सरकार ने जो व्यवस्था की है, उसके अनुसार डीएम लॉगिन से विकल्प सुझाया जा सकता है। इसमें साइट विजिट की भी सुविधा प्रदान की गई है।

गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में सर्वाधिक भूमि की मांग

गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद जैसे वेस्ट यूपी के इलाकों में सर्वाधिक भूमि की मांग है। हालांकि, मांग के सापेक्ष सबसे अधिक भूमि राजधानी लखनऊ में उपलब्ध होने की जानकारी दी गई है। लखनऊ में 72 एमओयू के लिए भूमि की मांग की गई, जिसके सापेक्ष सर्वाधिक 46 भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है। इसी तरह अलीगढ़ में 51 में 42, आजमगढ़ में 43 में 42, जौनपुर में 44 में 40, गौतमबुद्धनगर में 93 में 36 और मेरठ में 44 में 32 भूमि की उपलब्धता करा दी गई है। गाजियाबाद में सबसे ज्यादा 157 भूमि की मांग है, जिसमें फिलहाल 18 की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है।

कई जनपदों में शत प्रतिशत भूमि उपलब्ध

लखनऊ के अलावा कई ऐसे जनपद हैं, जहां मांग के अनुरूप 100 प्रतिशत भूमि की उपलब्धता सुनिश्चत की जा चुकी है। ऐसे जनपदों में फतेहपुर (19), मऊ (10), चंदौली (12), हमीरपुर (11), महोबा (11), अंबेडकरनगर (10), फर्रूखाबाद (5), श्रावस्ती (4), सिद्धार्थनगर (4), बलिया (3), कौशांबी (2), लखीमपुर खीरी (2) और पीलीभीत (1) शामिल हैं। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में एकमात्र कन्नौज है, जहां फिलहाल भूमि की मांग शून्य है। सरकार ने जो व्यवस्था की है, उसके अनुसार सभी जनपदों के डीएम को भूमि की उपलब्धता की जानकारी इन्वेस्ट यूपी के माध्यम से निवेशकों को उपलब्ध करानी है।

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