विजय दिवस

विजय दिवस : 10 लाख लोग शरणार्थी होकर भारत आए, विस्थापितों में 90 फीसदी थे हिंदू

796 0

नई दिल्ली। 1971 में पाकिस्तान सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में बर्बरतापूर्ण कार्रवाई का नतीजा यह हुआ कि वहां के 10 लाख लोग शरणार्थी होकर भारत आ गए। इन विस्थापितों में 90 फीसदी हिंदू थे।

पाक के खूनी साजिशकर्ताओं ने पूर्वी पाकिस्तान में रहने वाली हिंदू आबादी को निशाना बनाया

पाकिस्तान और उसके खूनी साजिशकर्ताओं ने पूर्वी पाकिस्तान में रहने वाली हिंदू आबादी को निशाना बनाया था। इस तथ्य को याद रखने के बजाय, पाकिस्तान में बहस आज भी उस कल्पनालोक में की जा रही है, जिसके अनुसार बांग्लादेश के निर्माण को हिंदुओं का रचा षड्यंत्र मानना चाहिए।

14 दिसम्बर 1971 को बांग्लादेश की आजादी  हो गई थी निश्चित 

पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण के दो दिन पहले, 14 दिसम्बर 1971 को जब बांग्लादेश की आजादी प्राय: निश्चित हो गई थी। ढाका में प्रमुख बुद्धिजीवियों को घेर लिया और उन्हें घोर अमानवीय यातनाएं दीं। फिर उनके शवों को ढाका के समीप के रायरबाजार और मीरपुर में फेंक दिया। रायरबाजार में जिस जगह पर बड़ी संख्या में शवों को फेंका गया था, वहां उनकी स्मृति में एक स्मारक बनाया गया है और बांग्लादेशी उस तिथि पर वहां अपने इन शहीद बुद्धिजीवियों की स्मृति में हरेक साल ‘शहादत दिवस’ मनाते हैं। अपने देश के बंगाली मुसलमान भाइयों के प्रति पाकिस्तान का ऐसा दुष्टतापूर्ण और घृणित व्यवहार था।

भारत-पाक के 1971 युद्ध ने इंदिरा गांधी को लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचाया 

बिहारी मुस्लिम शरणार्थी से लेकर और जमायत-ए-इस्लामी के कट्टर बंगाली इस्लामिक सदस्यों तक ने ‘रजाकार’ नाम से स्थानीय लड़ाकू सेना बनाई

पाकिस्तानी सेना और उसके स्थानीय सहयोगी, इनमें बिहारी मुस्लिम शरणार्थी से लेकर और जमायत-ए-इस्लामी के कट्टर बंगाली इस्लामिक सदस्यों तक ने ‘रजाकार’ नाम से स्थानीय लड़ाकू सेना बनाई थी। यह नाम भारत से हैदराबाद की आजादी के लिए उसके निजाम द्वारा अपने मुस्लिम बाशिंदों को लेकर बनाई गई सशस्त्र सेना ‘रजाकार’ के नाम पर रखा गया था। ये रजाकार भारत के साथ मिलकर रहने के मजबूत विचारवाले लोगों की आकांक्षाओं को बर्बरता से रौंदने के चलते कुख्यात थे।

हिंदुओं को दबाने के लिए ये रजाकार उन्हें भीषण यातनाएं देते, उन्हें लूट लेते, उनकी हत्या कर देते और उनकी स्त्रियों के साथ करते थे बलात्कार 

स्थानीय लोगों-खासकर हिंदुओं को दबाने के लिए ये रजाकार उन्हें भीषण यातनाएं देते, उन्हें लूट लेते, उनकी हत्या कर देते और उनकी स्त्रियों के साथ बलात्कार करते थे। ऐसे में शक की कोई गुंजाइश नहीं कि पाकिस्तानी सेना को उसी उदाहरण से प्रेरणा मिली हो। रजाकार की तर्ज पर उसने मुक्ति की चाह रखने वाली बंगाली आबादी को शारीरिक-मानसिक यातनाएं देने। उन्हें लूटने, उन्हें जान से मारने और उनकी महिलाओं तक से दुराचार करने के लिए स्थानीय बाशिंदों ने‘अल-बदर’ और ‘अस-शम्स’ जैसे सशस्त्र दल बनाए थे। लूटमार करने वाले इन समूहों के नाम इस्लामिक इतिहास से लिये थे ताकि मुस्लिमों में जेहादी भावनाएं भरने के लिए आसानी से वह काम आ सके।

Related Post

Central Force in nandigram

वोटिंग के दिन नंदीग्राम में तैनात होंगी केंद्रीय बलों की 22 कंपनियां

Posted by - March 31, 2021 0
कोलकाता । पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए नंदीग्राम (Nandigram) में केंद्रीय बलों की 22 कंपनियां तैनात…
CM Vishnu Dev Sai

मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को किया नमन

Posted by - August 16, 2024 0
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu Dev Sai) ने आज शुक्रवार काे अपने निवास में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न…
amit shah pawar meeting

महाराष्ट्र : महाविकास अघाड़ी सरकार में सेंध! गुजरात मे हुई शाह और पवार की मुलाकात

Posted by - March 28, 2021 0
नई दिल्ली। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र ने महाराष्ट्र…