UPITS 2025: Khadi Fashion Show

UPITS 2025:खादी फैशन शो ने खादी को दी आधुनिक पहचान, परंपरा और फैशन का संगम बना आकर्षण

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ग्रेटर नोएडा । उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS 2025) के तीसरे दिन शनिवार को प्रदर्शनी स्थल पर रिकॉर्ड तोड़ भीड़ उमड़ी। कुल 1,25,204 आगंतुकों ने ट्रेड शो का हिस्सा बनकर इसकी लोकप्रियता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। इनमें 35,368 बी2बी और 89,836 बी2सी आगंतुक शामिल रहे। कुल मिलाकर इन तीन दिनों में 2.65 लाख से ज्यादा विजिटर्स, 76 हजार से ज्यादा बी2बी बायर्स और 1.89 लाख से ज्यादा बी2सी विजिटर्स इस मेगा इवेंट का हिस्सा बन चुके हैं। इससे यह साबित हो गया कि यूपीआईटीएस 2025 अब भारत के सबसे बड़े राज्य-नेतृत्व वाले व्यापार मंचों में शुमार हो चुका है।

सबसे खास उपलब्धि रही अंतरराष्ट्रीय खरीदार-विक्रेता बैठक, जिसे फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन्स (FIEO) ने आयोजित किया। इस मंच पर सीमा-पार सहयोग की नई राहें खुलीं और उत्तर प्रदेश सहित देशभर के निर्यातकों को वैश्विक खरीदारों से सीधे जुड़ने का अवसर मिला। परिणामस्वरूप 288 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए जिनकी कुल व्यावसायिक राशि ₹89 करोड़ रही। इसने स्पष्ट संदेश दिया कि उत्तर प्रदेश अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत में अपनी सशक्त पहचान बना रहा है।

ओडीओपी पवेलियन में 46 हजार से ज्यादा मिलीं लीड्स

ओडीओपी पवेलियन, जहां 466 स्टॉल संचालित हुए, विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। पहले दिन अपेक्षाकृत मामूली कारोबार हुआ, लेकिन दूसरे दिन आंकड़े अभूतपूर्व उछाल पर पहुंचे। 11,305 विज़िटर्स से 46,005 लीड्स उत्पन्न हुईं और कुल ₹20.77 करोड़ के सौदों पर सहमति बनी। यह वित्तीय प्रतिबद्धता पहले दिन की तुलना में कई गुना अधिक थी और इसने यूपी के उद्यमिता व निर्यात की क्षमता को उजागर किया।

डिजिटल सशक्तिकरण और निर्यात संर्वधन पर गहन चर्चा

तीसरे दिन के सत्रों में डिजिटल सशक्तिकरण और निर्यात संवर्धन पर गहन चर्चा हुई। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन्स द्वारा आयोजित “ई-कॉमर्स: भारतीय निर्यात के लिए नई सीमा” विषयक सत्र ने दिखाया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म किस प्रकार छोटे और मध्यम उद्यमों को वैश्विक मंच पर ला सकते हैं। इसमें औद्योगिक विकास एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ और एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने भाग लिया। राकेश सचान ने समानांतर रूप से “लोकल से ग्लोबल” विषयक सत्र की अध्यक्षता की, जिसमें ओडीओपी की ताकत और वैश्विक स्तर पर इसकी संभावनाओं को सामने रखा गया। उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि हर जिले के विशिष्ट उत्पाद को विश्व मानचित्र पर स्थापित किया जाए और इसके लिए डिजिटल माध्यमों का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।

सीएम युवा में तीन दिन के अंदर 5.5 हजार से ज्यादा बिजनेस पूछताछ

यूपीआईटीएस 2025 में आयोजित सीएम युवा कॉन्क्लेव तीसरे दिन का एक और बड़ा आकर्षण रहा। इस मंच ने युवाओं को उद्यमिता की दिशा में न केवल प्रेरित किया बल्कि उनके विचारों को आकार देने का अवसर भी दिया। पहले तीन दिनों में कुल 5,525 बिज़नेस पूछताछ दर्ज हुईं, जिनमें से अकेले तीसरे दिन ही 2,200 पूछताछ सामने आईं। इस दौरान 101 बिज़नेस-टू-बिज़नेस बैठकें आयोजित की गईं और 39 बिज़नेस प्रेज़ेंटेशन युवाओं ने निवेशकों और मेंटर्स के सामने दिए। तीन दिनों में 3,500 पंजीकरण प्राप्त होना इस बात का प्रमाण है कि यह मंच युवाओं के लिए नेटवर्किंग और निवेश का सशक्त साधन बन चुका है।

ग्रामीण विकास और कृषि आधारित उद्योगों पर विशेष फोकस

तीसरे दिन ग्रामीण विकास और कृषि आधारित उद्योगों पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने “उत्तर प्रदेश की फूड बास्केट का लाभ उठाना” विषय पर चर्चा की और राज्य की खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के उद्देश्यों को रेखांकित किया। इसका मकसद आपूर्ति श्रृंखला का औद्योगीकरण, फार्म-टू-मार्केट लिंकेज को मजबूत करना और कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना है। इसी क्रम में मत्स्य पालन विभाग ने “ब्लू रिवोल्यूशन” के तहत जलीय कृषि की संभावनाओं को सामने रखा। उत्तर प्रदेश के विशाल जल संसाधनों का उपयोग करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रोटीन आपूर्ति और रोजगार सृजन को बढ़ाने की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।

खादी फैशन शो (Khadi Fashion Show) और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बटोरी सुर्खियां

तीसरे दिन का सबसे बहुप्रतीक्षित आकर्षण था खादी फैशन शो (Khadi Fashion Show) । इस आयोजन ने खादी को केवल पारंपरिक कपड़े के रूप में नहीं, बल्कि आधुनिक परिधान और स्थायी फैशन के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया। शो ने खादी (Khadi) को ‘राष्ट्र के वस्त्र’ से ‘फैशन के वस्त्र’ में बदलने का उत्सव मनाया। कार्यक्रम में एमएसएमई, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री राकेश सचान ने भाग लिया और खादी के वैश्विक महत्व को रेखांकित किया। शाम का समय संस्कृति के रंगों से सराबोर रहा। कथक की शास्त्रीय सुंदरता, थारू और बधावा नृत्यों की जीवंतता और लोकगायन की भावपूर्ण गूंज ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पद्मश्री मालिनी अवस्थी के सुरमयी गायन ने न केवल दिन का, बल्कि पूरे तीन दिवसीय आयोजन का भव्य समापन किया।

खादी (Khadi) को पारंपरिक परिधान से निकालकर आधुनिक फैशन के रूप में पेश किया गया

हॉल खचाखच भरा था… दर्शकों को खादी फैशन शो का बेसब्री से इंतज़ार था। जैसे ही रोशनी जली और संगीत गूंजा, सबकी निगाहें रैंप की ओर टिकी रह गईं। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 के तीसरे दिन आयोजित “री-स्पन: द खादी एडिट” ने उत्तर प्रदेश की कपड़ा विरासत को आधुनिक अंदाज़ में प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर प्रदेश के एमएसएमई, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उत्पादन, वस्त्र एवं हथकरघा मंत्री राकेश सचान भी मौजूद रहे।

हौट कॉउचर में खादी की विरासत

“री-स्पन: द खादी एडिट” ने खादी (Khadi) को पारंपरिक परिधान से निकालकर आधुनिक फैशन की धुरी के रूप में पेश किया। रैंप पर मॉडल्स ने खादी की विविधता को हौट कॉउचर (Haute Couture) अंदाज़ में प्रदर्शित किया। कहीं चिकनकारी और रेशमी बुनावट को इंडो-वेस्टर्न लुक में ढाला गया तो कहीं खादी को ऑफिस वियर, कैज़ुअल्स और पार्टी वियर की शक्ल में प्रस्तुत किया गया।

कारीगरों को मिला वैश्विक मंच

शो का उद्देश्य केवल फैशन का प्रदर्शन भर नहीं था, बल्कि यह स्थानीय बुनकरों और कारीगरों के कौशल को दुनिया तक पहुँचाने का जरिया भी बना। विदेशी बायर्स, उद्योग जगत के विशेषज्ञ और फैशन डिज़ाइनरों ने खादी की संभावनाओं पर गहरी रुचि दिखाई। खादी की आधुनिक प्रस्तुति ने इसे सस्टेनेबल फैशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में स्थापित किया।

खादी (Khadi) के जादू ने छोड़ी अमिट छाप

करीब दो घंटे तक चले “री-स्पन: द खादी एडिट” का समापन तालियों की गड़गड़ाहट के बीच हुआ। रोशनी, संगीत और खादी के अनूठे डिज़ाइनों से सजा यह मंच दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव साबित हुआ। शो ने यह संदेश स्पष्ट किया कि खादी केवल अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि भविष्य के फैशन का भी मजबूत आधार है।

सीएम युवा पवेलियन युवाओं के लिए बना व्यावहारिक बिज़नेस सीखने का मंच

ग्रेटर नोएडा एक्सपो मार्ट में चल रहे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) 2025 में इन्वेस्ट यूपी पवेलियन व्यापारिक संवाद और निवेश की संभावनाओं का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। यह पवेलियन निवेशकों, उद्यमियों और एमएसएमई प्रतिनिधियों को आकर्षित कर रहा है, जो उत्तर प्रदेश में निवेश, क्षेत्रीय नीतियों, प्रोत्साहन योजनाओं, भूमि उपलब्धता और ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां पहुंच रहे हैं।

राज्य की निवेश प्रोत्साहन एजेंसी के रूप में, इन्वेस्ट यूपी व्यवसाय स्थापित करने या विस्तार करने के इच्छुक लोगों को विशेष मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। इसके संवादात्मक सत्र और सक्रिय सहभागिता राज्य की नवाचार, उद्यमिता और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

ओडीओपी और स्थानीय हस्तशिल्प ने खींचा ध्यान

25–29 सितंबर तक चल रहे इस शो में ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) पहल विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। मिर्जापुर के कालीन, मुरादाबाद का पीतल, फिरोजाबाद का कांच का समान, कन्नौज का इत्र और बनारस की साड़ी जैसी उत्कृष्टता वाले उत्पाद दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। राज्य के स्थानीय उत्पादों की यह झलक न सिर्फ उनकी कला और कौशल को प्रदर्शित करती है, बल्कि उद्यमियों और निवेशकों के लिए व्यावसायिक अवसर भी खोलती है।

सीएम युवा पवेलियन: युवाओं के लिए लॉन्चपैड

सीएम युवा पवेलियन ने युवाओं के लिए व्यावहारिक बिज़नेस मॉडल, मेंटरशिप, फंडिंग और सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराकर उन्हें प्रेरित किया। यह पवेलियन युवा उद्यमियों के लिए सीखने और नेटवर्किंग का मंच बनता जा रहा है, जो उन्हें भविष्य में अपने व्यवसाय को सफल बनाने के लिए आवश्यक दिशा और साधन प्रदान करता है।

UPITS 2025 के तीसरे संस्करण ने राज्य की औद्योगिक, सांस्कृतिक और उद्यमशीलता शक्ति को प्रदर्शित करते हुए यह साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश निवेशकों, युवा उद्यमियों और वैश्विक कारोबारियों के लिए तेजी से विकसित हो रहा है।

सीएम योगी की दूरदर्शी सोच का गरीब और वंचित परिवारों को मिल रहा लाभ, उनकी ज़िंदगी में आ रहे सकारात्मक परिवर्तन

उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं भी चर्चा का केंद्र रहीं, जो उत्तर प्रदेश आठ साल पहले बीमारू राज्य के नाम से जाना जाता था, वर्तमान में उसी उत्तर प्रदेश की उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी लोग लेते दिखे। इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य के लोग जानकारी लेते हुए दिखाई दिये ताकि वह प्रदेश के उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं को अपना यहां भी लागू कर सकें। इस दौरान पूरे देश में सबसे अधिक आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ कार्ड बनाने की प्रक्रिया की भी जानकारी ले रहे थे।

अब तक 5.38 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए, देश में उत्तर प्रदेश कार्ड बनाने में अव्वल

ट्रेड शो के हाल नंबर चार के स्टॉल नंबर 9 पर में स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएआई) के तहत उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक उपलब्धियों और सशक्त स्वास्थ्य संरचना का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान साचीज़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किए गए स्वास्थ्य सुधारों और उनके नेतृत्व में राज्य में किए जा रहे क्रांतिकारी प्रयासों को साझा किया।आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक उत्तर प्रदेश में लगभग 9 करोड़ लक्षित लाभार्थियों में से 5.38 करोड़ लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसके चलते उत्तर प्रदेश पूरे देश में इस मामले में प्रथम स्थान पर है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और वंचित परिवारों को मुफ्त इलाज और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्रदान करना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर किसी भी तरह का दबाव न पड़े। उत्तर प्रदेश में अब तक 87 प्रतिशत पात्र परिवारों में से कम से कम एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड बन चुका है, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए प्रयासों का प्रत्यक्ष परिणाम है।विटामिन और फ़ूड सप्लीमेंट खरीदेंविटामिन और फ़ूड सप्लीमेंट खरीदें

प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना को प्राथमिकता दी और राज्य के सभी नागरिकों को इससे जोड़ने के लिए कठोर प्रयास किए। योगी सरकार की नीतियों और योजनाओं के चलते उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हुआ है। उनके नेतृत्व में राज्य ने स्वास्थ्य अवसंरचना में वृद्धि की है और जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाई है। मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना को राज्य के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम और अभियान चलाए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को हर संभव सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया ताकि योजना का पूरा लाभ सुनिश्चित किया जा सके।

प्रदर्शनी में साचीज़ के सीईओ अर्चना वर्मा ने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे व्यापक बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना ने गरीब और वंचित परिवारों को न केवल मुफ्त इलाज दिया है, बल्कि उनकी ज़िंदगी में भी सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं। योजना के तहत बनाए गए आयुष्मान कार्डों ने लाभार्थियों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं। साचीज़ के सीईओ ने यह भी रेखांकित किया कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं। उन्होंने अस्पतालों, चिकित्सा उपकरण निर्माताओं और औषधि उद्योग से जुड़े निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य विभाग एवं साचीज़ द्वारा निवेशकों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।

योगी सरकार के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में निवेशकों के लिए पैदा हुए नए अवसर

प्रदर्शनी में यह भी बताया गया कि उत्तर प्रदेश की चिकित्सा अवसंरचना का सुदृढ़ीकरण दोहरी सफलता का प्रतीक है। एक ओर जहां गरीबों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ मिल रही हैं, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य क्षेत्र के हितधारकों के लिए विकास और निवेश के नए रास्ते खुल रहे हैं। इस पहल से न केवल राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर बढ़ा है, बल्कि निवेशकों के लिए नए अवसर भी पैदा हुए हैं। साचीज़ के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश को देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य बाज़ार के रूप में देखा जा सकता है, जो निवेशकों के लिए एक सशक्त और भरोसेमंद पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध कराता है। प्रदेश की बढ़ती स्वास्थ्य अवसंरचना ने ना केवल लाभार्थियों को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान की हैं, बल्कि इसने चिकित्सा क्षेत्र में नए आयामों का भी निर्माण किया है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर, डायरेक्टर डीजीएमआईएस, नोडल अधिकारी साचीज़ डॉ. सचिन वैश्य, अमरेन्द्र सिंह महाप्रबंधक पॉलिसी एवं पब्लिक हेल्थ साचीज़, डॉ. रविकांत सिंह महाप्रबंधक संचालन साचीज़ और डॉ. नितिन गुप्ता टीम लीड टेक्निकल सपोर्ट यूनिट सहित साचीज़ के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

निवेशकों की पहली पसंद बन रहा उत्तर प्रदेश

प्रदर्शनी में आयुष्मान भारत योजना और योगी सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए प्रयासों से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में हुए बदलाव को प्रदर्शित किया गया। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनसे प्रदेश के गरीब और वंचित वर्ग को फायदा हुआ है। अब उत्तर प्रदेश न केवल एक सशक्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में अग्रसर है, बल्कि यह निवेशकों के लिए भी एक आकर्षक गंतव्य बन चुका है।

उत्तर प्रदेश की प्रगति देखकर हर्षित हो रहे युवा, जान रहे कैसे उनका अपना राज्य वैश्विक बाजार में अपनी जगह बना रहा है

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में औद्योगिक विकास, निवेश और रोजगार सृजन की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। इन्हीं प्रयासों का जीवंत उदाहरण है उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS-2025), जो न सिर्फ कारोबारियों और विदेशी बॉयर्स तक सीमित है बल्कि बच्चों और युवाओं के लिए भी उत्सुकता और प्रेरणा का बड़ा स्रोत बन गया है। हर दिन प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हजारों की संख्या में स्कूली बच्चे और कॉलेज छात्र यहां पहुंच रहे हैं। वे स्टॉल दर स्टॉल जाकर बदलते उत्तर प्रदेश की झलक देख रहे हैं, जहां आधुनिक मशीनरी, अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और पारंपरिक हैंडीक्राफ्ट्स एक साथ सजे हुए हैं।

बच्चों के लिए बना खास अनुभव

शनिवार को ग्रेटर नोएडा के शेरॉन इंटरनेशनल स्कूल के बच्चे अपने शिक्षकों के साथ पहुंचे। कोऑर्डिनेटर अनुज ने बताया कि बच्चों ने मशीनरी और हैंडीक्राफ्ट्स को बहुत ध्यान से देखा। उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि यूपी में एक ही छत के नीचे आधुनिक उद्योग और परंपरागत कला दोनों कितनी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। छात्र कभी किसी टेक्सटाइल मशीन को देखते तो कभी सजावटी सामान को हाथ में लेकर उसका डिज़ाइन समझते। वे उद्यमियों से सवाल करते,“सर, ये प्रोडक्ट किन देशों में एक्सपोर्ट होते हैं?”, “ये मशीन कैसे काम करती है?” बच्चों का यह उत्साह खुद उद्यमियों को भी ऊर्जा दे रहा था।

योगी सरकार का विज़न, यूपीआईटीएस का मंच

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कहते रहे हैं कि “उत्तर प्रदेश को भारत का ग्रोथ इंजन बनाना है।” यूपीआईटीएस उसी विज़न का साकार रूप है। यह न सिर्फ व्यापारियों को विदेशी खरीदारों से जोड़ रहा है, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी यह संदेश दे रहा है कि उत्तर प्रदेश अब उद्योग और नवाचार में नई पहचान बना रहा है। यहां वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) से लेकर MSME और स्टार्टअप्स तक के उत्पाद बच्चों के सामने रखे गए हैं। इससे उन्हें यह समझने का मौका मिल रहा है कि उनका अपना राज्य कैसे वैश्विक बाजार में अपनी जगह बना रहा है।

सुरक्षा और सुविधा पर पूरा ध्यान

डीआईओएस राजेश सिंह ने बताया कि छात्रों की सुविधा के लिए खास रूट मैप तैयार किया गया है, ताकि वे आसानी से सभी स्टॉल्स तक पहुंच सकें। एंट्री से एग्जिट तक वॉलंटियर्स की तैनाती की गई है। जिलाधिकारी मेधा रूपम ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से बच्चों को स्कूल से लाने और वापस छोड़ने की मुफ्त व्यवस्था की गई है। उनके खाने-पीने का भी निशुल्क इंतजाम किया गया है। उन्होंने बताया कि यूपीआईटीएस में छात्रों के लिए रोज क्विज कॉन्टेस्ट भी कराया जा रहा है। इसमें बच्चे उत्तर प्रदेश की औद्योगिक प्रगति, हस्तशिल्प और नवाचार से जुड़े सवालों के जवाब देते हैं। बच्चों में उत्साह इतना है कि कई बार स्टॉल्स से ही ग्रुप बनाकर तैयारी करते दिख जाते हैं। विजेताओं को अंतिम दिन सम्मानित किया जाएगा।

भविष्य की पीढ़ी के लिए प्रेरणा

जिलाधिकारी ने बताया कि यूपीआईटीएस 2025 बच्चों के लिए केवल सैर-सपाटा नहीं, बल्कि सीखने और सपने देखने का अवसर है। यहां वे देख रहे हैं कि कैसे योगी सरकार की नीतियों ने प्रदेश को कृषि प्रधान राज्य से उद्योग और निवेश का हब बना दिया है। यह अनुभव बच्चों को न केवल गर्व का एहसास करा रहा है, बल्कि उन्हें भविष्य में वैज्ञानिक, उद्यमी और नवप्रवर्तक बनने की प्रेरणा भी दे रहा है। वास्तव में यूपीआईटीएस 2025 बदलते उत्तर प्रदेश का वह चेहरा है, जो आने वाली पीढ़ियों के सपनों को आकार दे रहा है।

3 दिन में आए 30 हजार से ज्यादा बच्चे

जिलाधिकारी ने बताया कि तीन दिन में अब तक 30 हजार से ज्यादा छात्र छात्राएं ट्रेड शो में आ चुके हैं। पहले दिन 10 हजार, दूसरे दिन 12 हजार और तीसरे दिन अब तक 8 हजार ने ट्रेड शो का भ्रमण किया है।

प्रदेश के उद्यमियों को सीधे वैश्विक बाजार तक पहुंचाने की हो रही पहल

उत्तर प्रदेश उद्योग जगत में नई उड़ान भर रहा है और इसकी सबसे बड़ी मिसाल बनी है यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जिस दूरदृष्टि और पारदर्शी नीति के साथ इस आयोजन को शुरू किया है, वह न सिर्फ प्रदेश के उद्यमियों को वैश्विक बाजार तक पहुंचा रही है, बल्कि निवेश और औद्योगिक विकास की नई संभावनाओं के दरवाजे भी खोल रही है। यूपीआईटीएस का सबसे बड़ा आकर्षण बी2बी मीटिंग्स का अनूठा मॉडल है, जिसे पूरी तरह पारदर्शी और डिजिटल बनाया गया है। इस बार 520 से अधिक विदेशी बॉयर्स यहां पहुंचे हैं और उद्यमियों के साथ उनकी लगातार मीटिंग्स और एमओयू भी हो रहे हैं।

डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ी हर जानकारी

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) द्वारा इन सभी विदेशी खरीदारों का पंजीकरण यूपीआईटीएस की आधिकारिक वेबसाइट पर कराया गया है। इतना ही नहीं, वेबसाइट पर यह भी दर्ज है कि कौन-सा बॉयर हॉल नंबर 15बी में किस टेबल पर बैठकर उद्यमियों से मिलेगा। पारदर्शिता का यह स्तर इस आयोजन की सबसे बड़ी खासियत बन गया है। प्रदेश के उद्यमी वेबसाइट पर जाकर अपने सेक्टर के अनुसार विदेशी बॉयर्स की लिस्ट देख सकते हैं और अपने उत्पादों की प्रस्तुति के लिए उनसे मुलाकात का समय तय कर सकते हैं। यहां उन्हें जो भी स्लॉट मिलता है, उसी के आधार पर वे बुकिंग कर सीधे वैश्विक बाजार के बड़े खरीदारों तक पहुंच बना सकते हैं।

बातचीत से एमओयू तक का सफर

बी2बी हॉल में जब उद्यमी अपने उत्पादों का परिचय देते हैं और यदि विदेशी खरीदार प्रभावित होता है, तो वहीं पर तत्काल एमओयू (MoU) साइन कर सकता है। यह त्वरित प्रक्रिया न केवल कारोबार को गति देती है, बल्कि उद्यमियों को तत्काल बाजार में उतारने का अवसर भी देती है। अगर किसी उत्पाद में खरीदार तत्काल समझौता करने की बजाय आगे बातचीत करना चाहता है, तो इसे बिजनेस लीड माना जाता है। ये लीड भविष्य में गहरे रिश्तों और बड़े अनुबंधों का रास्ता खोल सकती हैं।

योगी सरकार की नीतियों का असर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा कहा है कि “उत्तर प्रदेश को भारत का ग्रोथ इंजन बनाना है।” यही वजह है कि सरकार ने पारदर्शिता, तकनीक और ग्लोबल कनेक्टिविटी पर जोर दिया है। यूपीआईटीएस उसी दृष्टिकोण का परिणाम है, जहां वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) से लेकर स्टार्टअप्स और MSME सेक्टर तक के उद्यमियों को विश्व स्तरीय मंच मिल रहा है। प्रदेश में सड़क, बिजली, एयरपोर्ट और लॉजिस्टिक हब जैसी आधारभूत संरचना के विकास ने भी विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है। यही कारण है कि बी2बी मीटिंग्स के जरिए न सिर्फ छोटे उद्यमी बड़े बाजारों तक पहुंच रहे हैं, बल्कि प्रदेश के औद्योगिक मानचित्र को भी नई पहचान मिल रही है। यूपीआईटीएस में चल रही बी2बी मीटिंग्स केवल एक इवेंट भर नहीं हैं, बल्कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो उत्तर प्रदेश को वैश्विक व्यापारिक नक्शे पर मजबूत स्थिति दिलाने जा रही है। विदेशी बॉयर्स और भारतीय उद्यमियों के बीच बनी यह सीधी कड़ी आने वाले वर्षों में करोड़ों के व्यापार और हजारों रोजगार का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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