हल्द्वानी। उत्तराखंड में हल्द्वानी के कुसमखेड़ा क्षेत्र की रहने वाली प्राची अधिकारी दक्षिण भारतीय सिनेमा जगत टाॅलीवुड का माना जाना चेहरा है। प्राची ने अपनी फिल्मों के जरिये जहां लोगों का मनाेरंजन कर अपने अभिनय को लोहा मनवाया है। तो वहीं कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री केयर्स कोष में उचित धनराशि देकर अपना योगदान दिया है, लेकिन उन्हाेंने अपने योगदान की राशि को सार्वजनिक नहीं किया है।
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प्राची ने बताया कि उसने टॉलीवुड फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाकर अपने प्रशंसकों और लोगाें का मनोरंजन किया है। वह अब तक 20 से अधिक फिल्मों में बतौर अभिनेत्री अभिनय कर चुकी हैं। उनकी दो तमिल फिल्मों को हिन्दी में भी डब किया गया है। प्राची ने महज सात साल की उम्र में अभिनय की दुनियां में पदार्पण किया। उन्होंने कहा वह अब ऐसे किरदार निभाना चाहती हैं जिसका उनके वास्तविक जीवन से किसी प्रकार का ताल्लुक न हो।
उन्होंने कहा कि आपको ऐसे किरदार भी निभाने चाहिए जो आप वास्तव नहीं हैं और यही अभिनय है। उन्होंने बताया कि कोरोना के खिलाफ जंग में उन्होंने पीएम केयर्स में योगदान दिया है और लोगों से भी अपने सार्मथ्य के अनुसार योगदान करने की अपील की है।
हिन्दू महासभा की ब्रांड एम्बेसेडर प्राची पीतल धातु निर्मित गणपति की प्रतिमा को हमेशा अपने साथ रखती हैं। इस प्रतिमा को वह गन्नू कहकर सम्बोधित करती हैं और अपने लिए बेहद शुभ मानती हैं। उन्होंने कहा कि मैं शूटिंग छोड़ सकती हूं, मैं करोड़ों का नुकसान बर्दाश्त कर सकती हूं लेकिन गन्नू मेरे से दूर हो जाए तो वो मैं बर्दाश्त नहीं कर सकतीं।
वह गणपति की परम भक्त हैं। उन्हीं को अपना सब कुछ मानती हैं। टाॅलीवुड से बालीवुड की ओर पदार्पण के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अच्छे आफर मिलने पर ही वह हिन्दी फिल्मों में काम करना पसंद करेंगी।