काशी की बेटी का वर्ल्ड रिकार्ड

काशी की बेटी का वर्ल्ड रिकार्ड, 101 देशों की ‘रंगोली’ बनाकर दिया शांति का संदेश

840 0

वाराणसी। पूरी दुनिया से कोरोना वायरस के खात्मे की जंग में भारत के चाहे आम हो या खास सभी लोग अपने-अपने तरीके से इस जंग में जिम्मेदारी निभा रहे हैं। देश के पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लॉकडाउन के बीच बनारस की एक बेटी ने अनोखा काम कर वर्ल्ड रिकार्ड बना दिया है।

101 देशों के झंडो वाली रंगोली बनाकर उसी देश की भाषा में शांति का संदेश देकर यह रिकार्ड बनाया

यहां की बेटी 101 देशों के झंडो वाली रंगोली बनाकर उसी देश की भाषा में शांति का संदेश देकर यह रिकार्ड बनाया है। काशी से पूरी दुनिया को इस मुश्किल वक्त में शांति का संदेश वाली इस बिटिया ने साबित कर दिया है कि किसी भी काल और परिस्थिति में इंसान के अंदर अगर इच्छाशक्ति होतो वह अपनी प्रतिभा को साबित कर सकता है।

भारत में एक दिन में कोरोना के 8000 से अधिक नये मामले आए

बनारस के विश्वनाथ गली में रहने वाली रोशनी यादव काशी विद्यापीठ से ललित कला में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही हैं। जिन्होंने दुनिया के करीब 101 देशों के झंडों का रंगोली बनाने के साथ साथ उस देश में बोले जाने वाली भाषा में “शान्ति” शब्द भी रंगोली में ही लिखकर वर्ल्ड रिकार्ड इंडिया में अपना नाम दर्ज कराया है।

रोशनी का मकसद है कि रंगोली जैसी लोककला को नई पीढ़ी के बच्चों के बीच ले जाना है

रोशनी को रंगों से चित्र बनाने से ज्यादा, भारत के लोक कला रंगोली बनाने में ज्यादा रुचि है। पहले भी रोशनी बनारस और अन्य शहरों में 500 से ज्यादा रंगोलियां बना चुकी हैं। रोशनी बताती हैं कि लॉकडाउन के दौर में काशी के चार बार के गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डधारी डॉ. जगदीश पिल्लई का 56 लोगों से 11551 लोका: समस्ता: सुखिनो भवन्तु लिखवाकर गाने के साथ वीडियो का विमोचन किया गया था, जिसमें मुझे भी शामिल होने का मौका मिला था।

रोशनी ने बताया कि ‘रंगोली’ सिखाती है त्याग की भावना

रोशनी को चित्र बनाने से अधिक रंगोली बनाने में रूचि है। रोशनी बताती हैं कि रंगोली में सबसे बड़ी बात यह है बड़ी मेहनत से बनाया गया एक रंगोली को थोड़ी देर में मिटा दिया जाता है। रोशनी बताती हैं कि रंगोली में सबसे बड़ी बात यह है बड़ी मेहनत से बनाया गया एक रंगोली को थोड़ी देर में मिटा दिया जाता है।

रोशनी ने बताया कि इसमें एक ऐसा जीवन संदेश भी जुड़ा रहता है कि जीवन कितना भी रंगीन दिखे एक दिन त्यागना और मिट्टी में मिलना ही पड़ता है। रोशनी बताती हैं कि हर देशों का झंडा तो अलग अलग साइज का है मगर ज्यादातर झंडे एक ही साइज के हैं। इसलिए ज्यादातर रंगोली भी 12″x9″ साइज़ की हैं। इसके जरिए दुनिया के बारे में इतनी जानकारी भी मुझे हासिल हुई।

लॉकडाउन में काशी का नाम विश्व पटल पर लाना मेरे लिए गौरव की बात

इसको बनाने में करीब 10 किलो रोली और मार्बल का चूरा लगा। कई साल से लगातार रंगोली बनाने के अपने अनुभव को लॉकडाउन के दौरान एक वर्ल्ड रिकॉर्ड में बदलकर अपनी काशी का नाम विश्व पटल पर लाना मेरे लिए गौरव की बात है। बेटी की इस उपलब्धि पर रोशनी के परिवार एवं रिश्तेदारों में जश्न का माहौल है। 101 असली झंडों के इमेज के साथ रंगोली में बनी झंडा और रंगोली बनाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया है। रोशनी का मकसद है कि रंगोली जैसी लोककला को नई पीढ़ी के बच्चों के बीच ले जाना है।

Related Post

CM Vishnudev Sai

केंद्रीय मंत्री खट्टर और मुख्यमंत्री साय ने विभागों के कामकाज की समीक्षा की

Posted by - July 10, 2024 0
रायपुर। केंद्रीय विद्युत और शहरी आवास मंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) आज बुधावार काे छत्‍तीसगढ़ दौरे पर हैं।…
Atal Residential Schools

उप्र में कोरोना से निराश्रित बच्चों को भी मिलेगा अटल आवासीय विद्यालय योजना का लाभ

Posted by - April 20, 2023 0
लखनऊ। निर्धन श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश में शुरू की गई अटल आवासीय…
Faith over Corona epidemic

कोरोना महामारी पर भारी पड़ी आस्था, संगम में 10 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

Posted by - January 14, 2021 0
प्रयागराज। वैश्विक महामारी कोरोना पर आस्था (Faith over Corona epidemic) का सैलाब त्रिवेणी संगम भारी पड़ता नजर आया है। दुनिया…