The world is amazed by the cleanliness and hygiene of Maha Kumbh

महाकुंभ की स्वच्छता, सफाई, लाइटिंग व अन्य व्यवस्थाओं से दुनिया अचंभित

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि इस बार के प्रयागराज महाकुंभ (Maha Kumbh) की स्वच्छता, सफाई, लाइटिंग व अन्य व्यवस्थाओं से दुनिया अचंभित हो गयी। संगम की पवित्र त्रिवेणी पर देश विदेश से आये 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने बिना किसी जातिगत, धार्मिक, भाषाई, क्षेत्रीय, पंथ व परम्परा का भेदभाव किये वगैर पवित्र स्नान किया। महाकुम्भ 2025 ने सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में पिरोने का भी कार्य किया है। महाकुम्भ से एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना भी साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में देश-विदेश से आए लोगों ने स्वच्छता, सफाई की बहुत प्रशंसा की। स्वच्छता कर्मियों के परिश्रम से देश व प्रदेश का मस्तक विश्व पटल पर ऊंचा हुआ व प्रतिष्ठा भी बढ़ी है। इसके लिए सफाई कर्मियों की जितना भी सम्मान किया जाए वह कम है। इसके लिए उन्होंने सभी सफाई मित्रों को धन्यवाद देते हुए नमन किया।

नगर विकास मंत्री (AK Sharma) गुरूवार को प्रयागराज महाकुम्भ-2025 (Maha Kumbh) को अपने परिश्रम से सफल बनाने वाले कर्म योगियों को आभार प्रकट करने, गंगा पूजन, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य कर्मियों का सम्मान समारोह तथा स्वच्छ कुम्भ कोष एवं आयुष्मान योजना से आच्छादित प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ 2025 आधुनिक भारत के साथ आधुनिक उ0प्र0, नये भारत के साथ नया उ0प्र0, डिजिटल इंडिया एवं डिजिटल उ0प्र0 को पूरे विश्व पटल में प्रदर्शित किया। इस बार का महाकुम्भ दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था तथा दुनिया की सबसे विकसित होने वाले देश एवं ऐसे उ0प्र0 में हुआ जो कि गुंडाराज के लिए नहीं बल्कि आधुनिक हाइवेज, आधुनिक सुविधाओं एवं औद्योगिक क्रांति के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग नोडल विभाग के रूप में इस महाकुम्भ में भारतीय संस्कृति, भारतीयता की समृद्ध विरासत के साथ भारत एवं उ0प्र0 के विकसित स्वरूप को दिखाने का प्रयास किया।

तीर्थराज प्रयाग की पावन धरा पर मां गंगा-यमुना-सरस्वती की पवित्र त्रिवेणी की गोद में महाशिवरात्रि के परम पवित्र उत्सव के साथ ही 2025 के महाकुंभ (Maha Kumbh) का आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, आस्था एवं श्रद्धा का महापर्व संपन्न हो गया। धरती पर मानवता के सबसे बड़े इस महासंगम में पवित्र त्रिवेणी पर 66 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने बिना किसी भेदभाव के पवित्र स्नान किया। यह संख्या देश के अपने सबसे बड़े प्रदेश की ढ़ाई गुना और देश की आधी आबादी के बराबर है।

इतने बड़े आयोजन का लगभग दो महीने तक संगम तीर्थ के एक छोटे से भूभाग पर निर्विघ्न, निरंतर, दिव्य, भव्य और सरल रूप से चलना एक खगोलीय रचना तो है ही, साथ ही यह ईश्वरीय अनुकंपा से एवं यहाँ आये हुए साधु-संतों की साधना से उत्पन्न हुई ऊर्जा से ही संभव है। कोई भी मानवीय पुरुषार्थ इसके लिए पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने (AK Sharma) कहा कि प्रयाग से मैं स्वयं अपने पहले के आरंभिक जीवन से जुड़ा रहा। इस महापर्व को सफलता पूर्वक संपूर्ण कराने के लिए मैं पूज्य भारद्वाज ऋषि, पधारे हुए पूज्य साधु-संतों, स्वयं तीर्थराज, माँ त्रिवेणी, भगवान भास्कर, लेटे हुए हनुमान जी, भगवान वेणी माधव, भगवान सोमेश्वरनाथ व तक्षकेश्वर महादेव, माँ ललितांबा, अक्षय वट, सिविल लाइन मंदिर और अन्य पूज्य देवी देवताओं का साष्टांग धन्यवाद करता हूँ जिनका मैंने कुम्भ की सफलता का आशीर्वाद माँगा था।

साथ ही यह सफलता मेला प्रशासन, पुलिस एवं इंफ्रास्ट्रक्चर कार्यों से जुड़े देवतुल्य कर्मियों-अधिकारियों के अथक परिश्रम का परिणाम है। केंद्र एवं राज्य सरकार के अनेक विभागों एवं आयोजन से जुड़ी हुई अनगिनत एजेंसियों का इसमें अमूल्य योगदान है।
प्रयागराज नगर एवं मेला क्षेत्र को स्वच्छ, सुंदर, सुशोभित और हर तरह से अलौकिक बनाने में नगर विकास विभाग तथा प्रयाग नगर निगम की अहम भूमिका रही है। साथ ही इसे स्वप्नलोक की तरह दीप्तमान करने में बिजली विभाग ने वैश्विक मानदंड स्थापित किया है। महाकुंभ के नोडल विभाग के मंत्री के रूप में उन सबका हृदय से आभार करता हूँ।

महाकुंभ (Maha Kumbh) की भव्यता बढ़ाने में निजी एवं उद्यमी क्षेत्र के लोगों ने भी अपार योगदान दिया है। जैसे कि ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोग, नाविक बंधु, फूल-माला बेचने वाले और अन्य ऐसे लाखों व्यापारी और उद्यमी लोग।

प्रयाग सहित आस-पास के अनेक नगर निकायों की पूजनीय जनता ने श्रद्धालुओं की सेवा भी किया और लंबे समय तक अनेक असुविधाएं भी सहीं। उनका भी हृदय से धन्यवाद।

इस महाकुंभ ने प्रदेश और देश का मस्तक पूरे विश्व में ऊँचा किया है। विशेष रूप से सफ़ाई, जलापूर्ति एवं विद्युत आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाओं की वंदनीय व्यवस्था की वजह से मैं इससे जुड़े सभी कर्मियों का विशेष रूप से नतमस्तक धन्यवाद करता हूँ।

उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh) को स्वच्छता का प्रतीक बनाने के लिए 250 से अधिक नुक्कड़ नाटकों का मंचन किया गया। महाकुंभ को लेकर विश्व पटल पर नए आयाम एवं कीर्तिमान बने। इसमें सबसे ज्यादा कार्यकर्ताओं द्वारा एक साथ एक जगह की सफाई करना या सबसे ज्यादा लोगों द्वारा एक साथ नदी की सफाई करना तथा 8 घंटे में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा हैंड प्रिंटिंग करने का कीर्तिमान बना है।

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