Mango Blossoms

आम के बौर तो सलामत रहेंगे ही फल की उपज और गुणवत्ता भी बढ़ जाएगी

174 0

लखनऊ। उत्तर प्रदेश आम (Mango) का सर्वाधिक उत्पादक है। आम के रकबे और प्रजातियों के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक है। इसका उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार संजीदा है। ऐसा तभी संभव है जब बौर (Mango Blossoms) लगने के साथ ही फसल की उचित देखरेख हो।

मालूम हो कि मौसम के बासंती होने साथ ही आम की बगिया में बौर आने लगें हैं। बौर आने से लेकर फल आने तक का समय फसल के लिए खासा संवेदनशील होता है। इस समय फसल भुनगा, मिज कीट और खर्रा रोग के प्रति बेहद संवेदनशील होती है। समय से अगर इनकी रोकथाम कर ली जाय तो बेहतर फलत के साथ प्राप्त फलों की गुणवत्ता के नाते बागवानों को बाजार भाव भी अच्छा मिलता है।

भुनगा कीट का प्रकोप नई कोपलों इनमें लगने वाले बौर और इससे बनने वाले छोटे-छोटे फलों पर होता है। ये कीट इनके रस चूस लेते हैं। प्रभावित भाग सूखकर गिर जाता है। ये कीट प्रकोप वाले हिस्से पर शहद जैसा चिपचिपा पदार्थ छोड़ते हैं, जिसके नाते पत्तियों पर काले रंग की फंफूद जमा हो जाती है। इससे पत्तियों द्वारा होने वाला प्रकाश संश्लेषण (खाना बनाने की प्रक्रिया) प्रभावित होती है।
मिज कीट की मादा मंजरियों एवं तुरंत बने फलों और मुलायम कोपलों अंडे देती हैं। ये अंडे सूड़ी में बनकर फलों और कोपलों को अंदर-अंदर ही खाकर क्षति पहुंचाते हैं। प्रभावित हिस्सा काला पड़कर सूख जाता है।

खर्रा रोग के प्रकोप की दशा में प्रभावित फल और डंठल सफेद चूर्ण जैसी फंफूद दिखाई देती है। प्रभावित हिस्सा पहले पीला दिखता है, इसके बाद मंजरियां सूखने लगती हैं।

रोकथाम के एकीकृत उपाय: डॉ एस पी सिंह

बेलीपार (गोरखपुर) कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ फल एवं सब्जी वैज्ञानिक डॉक्टर एस पी के अनुसार बौर निकलते समय तीन मिलीलीटर निंबीसिडीन प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। खर्रा एवं दहिया रोग के रोकथाम के लिए कैलेक्सीन 3 मिली एक लीटर पानी के घोल में डालकर छिड़काव करें।

दूसरा छिड़काव कार्बोरिल 0.2 या क्वीनालफास 1.3 मिली और इंडोफिल एम- 45/ दो ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। फूल खिलने या दाने सेट होने के दौरान मार्शल 1.5 मिली या कंटाफ प्लस 1.5 मिली प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।

ईंट भट्टों के पास के बाग के फल उनसे निकलने वाली सल्फरडाई आक्साइड गैस से काले पड़ जाते हैं। इसे रोकने के लिए फल जब मटर के दाने के बराबर के हो जाय तो पांच ग्राम कास्टिक सोडा प्रति लीटर पानी के दर से छिड़काव करें। इसी दौरान सूक्ष्म पोषक (मल्टीमैक्स या वोरेक्स) एक ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।

नोट- फसल जब पूरी तरह बौर (Mango Blossoms) से लदे हों तब रासायनिक दवाओं का छिड़काव न करें। इससे परागण प्रक्रिया प्रभावित होने से खासी क्षति संभव है।

Related Post

cm yogi

विकसित कृषि संकल्प अभियान के जरिए “लैब टू लैंड” नारे को साकार करने में नजीर बनाएगी योगी सरकार

Posted by - May 30, 2025 0
लखनऊ। केंद्र सरकार द्वारा शुरू विकसित कृषि संकल्प अभियान के जरिए “लैब टू लैंड” (Lab to Land) नारे को साकार…
Admission

6 साल के बच्चों का ही होगा कक्षा एक में एडमिशन, उससे कम के बच्चे जाएंगे बालवाटिका

Posted by - April 11, 2024 0
लखनऊ । शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने छात्र एवं छात्राओं के नामांकन (Admission) के संबंध में…