उत्‍तर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में बनेगी रिसर्च यूनिट

365 0

लखनऊ: चिकित्‍सा क्षेत्र (Medical field) को नए आयामों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने अपनी कमर कस ली है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में तेजी से बढ़ते मेडिकल कॉलेज (Medical colleges) और चिकित्‍सा सुविधाओं के साथ अब रोगों पर शोध कर उसके कारणों का पता लगाकर सस्‍ते इलाज की रणनीति तैयार की जाएगी।

इसके तहत मेडिकल कॉलेजों में मल्‍टी डिसक्लिपनरी रिसर्च यूनिट (एमआरयू) बनाई जा रही है। यह यूनिट संबंधित इलाके की बीमारी पर शोध और उसके कारणों का पता लगाकर सस्ते इलाज की रणनीति तैयार करने में लाभदायक होगा। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने शोध को बढ़ावा देने के लिए रणनीति तैयार किया है जिसमें आईसीएमआर आर्थिक और तकनीकी तौर पर सहयोग देगा।

प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कुछ खास बीमारियां अधिक होती हैं। कहीं मुंह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर समेत दूसरी बीमारियों के अधिक मरीज मिल रहे हैं तो कुछ इलाकों में फाइलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस दूसरी बीमारियों के रोगी अधिक हैं।

इन बीमारियों पर केजीएमयू, एसजीपीजीआई, लोहिया संस्‍थान तेजी से शोध कर रहे हैं। लेकिन अब चिकित्‍सा शिक्षा विभाग हर मेडिकल कॉलेज से संबंधित क्षेत्र की बीमारियों पर शोध कराने के उद्देश्‍य से इस प्रोजेक्‍ट पर तेजी से काम कर रहा है।

गोरखपुर समेत दूसरे मेडिकल कॉलेज में शुरू हुई एमआरयू

गोरखपुर, जीएसवीएम कानपुर और ग्रेटर नोएडा में एमआरयू शुरू की गई। जहां पर अब तेजी से शोध भी किए जा रहे हैं इसके साथ भी अब झांसी, आगरा और मेरठ में भी शुरू होने वाली है। जल्‍द ही प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में ऐसे रिसर्च यूनिट शुरू करने की तैयारी है जिससे वहां के संकाय सदस्‍यों को भी चिकित्‍सा संस्‍थानों की तरह शोध का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं शोध में रुचि रखने वाले संकाय सदस्‍य विभिन्‍न मेडिकल कॉलेजों में योगदान भी देंगे।

संबंधित क्षेत्र में जिस बीमारी के अधिक मरीज आएंगे उसका होगा मूल्‍यांकन

प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों से एमआरयू के लिए आवेदन मांगा गया है। पहले चरण में 10 मेडिकल कॉलेजों में इसकी शुरूआत होगी। आवेदन में मेडिकल कॉलेजों से यूनिट की स्थापना के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर स्टाफ व अन्य सुविधाओं का विवरण मांगा गया है। जिस मेडिकल कॉलेज में निर्धारित सुविधाएं होंगी वहां यूनिट खुलेगी।

यह भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा की जमानत रद्द

डीजीएमई डॉ एनसी प्रजापति ने बताया कि जल्‍द ही प्रदेश के 18 मेडिकल कॉलेजों में भी इसका विस्‍तार किया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि नॉन कम्‍युनिकेबल रोगों पर शोध किया जाएगा। मेडिकल कॉलेजों में एमआरयू शुरू होने से संबंधित क्षेत्र में जिस बीमारी के अधिक मरीज आएंगे उसका मूल्‍यांकन किया जा सकेगा। वहां संकाय सदस्‍य इलाज की नई सस्‍ती तरकीब ढूंढने में योगदान दे सकेंगे जिससे चिकित्‍सा की गुणवत्‍ता बेहतर होगी।

यह भी पढ़ें: कानपुर, आगरा और गोरखपुर में ‘फ्लैटेड’ फैक्ट्रियां जल्द होंगी स्थापित

Related Post

लखनऊ बंद

लखनऊ : डीएम ने इन क्षेत्रों में 23 मार्च तक किया बंदी का एलान, उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

Posted by - March 20, 2020 0
लखनऊ। लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कोरानावायरस के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए शुक्रवार को कुछ सख्त निर्देश…

ओवैसी ने सियासी दलों पर बोला हमला, कहा- यूपी में नहीं है मुसलमानों का कोई नेता

Posted by - September 27, 2021 0
कानपुर। ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लीमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को जाजमऊ में आयोजित सभा…