हल्दी से कैंसर की दवा

Research: शोधकर्ताओं ने हल्दी से बनाई कैंसर की नई दवा

1175 0

नई दिल्ली। हल्दी हमारी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद होती है। यह बात हम सभी सदियों से जानते हैं पर इसका नया फायदा शोधकर्ताओं ने बताया है, जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी।  जी हां, शोधकर्ताओं ने curcumin जो कि हल्दी में पाया जाने वाला मुख्य तत्व होता है। इसकी मदद से एक ऐसी नई दवाई बनाई है जो कि हड्डी के कैंसर सेल्स को फैलने से रोकती है और स्वस्थ हड्डी के सेल्स का विकास करती है।

osteosarcoma बच्चों में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे प्रमुख कारण

Applied Materials and Interfaces की रिपोर्ट के अनुसार osteosarcoma (हड्डियों के कैंसर का एक प्रकार है) जो कि बच्चों में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे प्रमुख कारण है। इसके ऑपरेशन के बाद मिलने वाले इलाज में इस दवाई से सुधार होगा। युवा रोगियों को अक्सर सर्जरी के पहले और बाद में कीमोथेरेपी की उच्च खुराक दी जाती है उनमें से कई के खतरनाक साइड इफेक्ट भी होते हैं।

बिहार के बाद अब यूपी में भी ‘बदनाम’ हुई लीची, गुस्से में दुकानदार 

हल्दी सूजन को खिलाफ काम करने और हड्डी निर्माण की भी होती है क्षमता

शोधकर्ता एक ऐसे सौम्य इलाज को विकसित करने के विकल्प तलाश रहे हैं। खासतौर से सर्जरी के बाद जब मरीज हड्डियों को हुए नुकसान से उभरने की कोशिश कर रहे होते हैं और उसी समय ऐसी दवाईयां को भी ले रहे होते हैं। जो ट्यूमर के विकास को कम करती हैं। एशियाई देशों में सदियों से इसका इस्तेमाल एक दवाई के रूप में और खाना पकाने में हो रहा है। इसमें पाया जाने वाला तत्व curcumin में anti-oxidant होते हैं, सूजन को खिलाफ काम करने और हड्डी निर्माण की क्षमता भी होती है। इतना ही नहीं ये कई तरह के कैंसर से भी बचाव करता है।

मात्र 11 दिनों में osteosarcoma cells के विकास को 96 प्रतिशत तक कम किया

शोधकर्ता ने कहा कि मैं चाहता हूं कि लोग इस प्राकृतिक यौगिक के लाभ को जाने। Natural biomolecules जो कि प्लांट आधारित उत्पादों से निकाले जाते हैं कृत्रिम दवाईयों का सस्ता और सुरक्षित विकल्प है। हालांकि जब इसे मौखिक रूप से दवाई के रूप में लिया जाता है तो ये अच्छी तरह से शरीर में घुल नहीं पाता, ये बहुत जल्दी पच जाता है और जल्दी ही गायब हो जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि उनके सिस्टम ने मात्र 11 दिनों में osteosarcoma cells के विकास को 96 प्रतिशत तक कम किया उन सैम्पल की तुलना में जिन पर इस तरह का कोई उपचार नहीं किया गया।

Related Post

Health

ब्रजेश पाठक बोले- यूपी में किए जा चुके हैं 10 करोड़ 94 लाख़ कोरोना टेस्ट

Posted by - April 13, 2022 0
लखनऊ: स्वास्थ्य विभाग प्रदेश (Health department) के लोगों के लिए बेहतर काम कर रहा है। लोगों का स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता…
डा. दिनेश शर्मा 

आम जनमानस को कोरोना से बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता : डा. दिनेश शर्मा 

Posted by - April 2, 2020 0
लखनऊ। यूपी के उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए अपनी विधायक निधि से लखनऊ, आगरा…
पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह की ब्रेन हैमरेज से हुई मौत

पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह की ब्रेन हैमरेज से हुई मौत

Posted by - March 30, 2021 0
एसटीएफ में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह का रविवार को ब्रेन हैमरेज से निधन हो गया। राजेश 47 वर्ष के थे। 2000 बैच के प्रांतीय पुलिस सेवा के अधिकारी राजेश सिंह पीपीएस एसोसिएशन के महासचिव भी थे। वे लखनऊ में कई सर्किल में सीओ रहे। मूल रूप से अमेठी के रहने वाले राजेश पुलिस मुख्यालय में एडीजी कानून व्यवस्था के स्टाफ अफसर भी रह चुके हैं। रेलवे ट्रैक पर मिला महिला का शव राजेश को एसटीएफ मुख्यालय में सलामी भी दी गई। उनका अंतिम संस्कार गृह जिले अमेठी में किया गया। राजेश के निधन पर डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी, अपर पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार, एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश, पीपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश यादव समेत कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।