Corona

कोरोना काल में भी शहर से लेकर गांव तक तेजी से बढ़ीं स्वास्थ्य सेवाएं

385 0

लखनऊ: आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का इजाफा साल 2017 के पहले सबसे बड़ा मुद्दा हुआ करता था, लेकिन पिछले 5 सालों में योगी सरकार (Yogi government) ने प्रदेश के स्वास्थ्य सुविधाओं में जान फूंकते हुए न सिर्फ चिकित्सीय सेवाओं में इजाफा किया बल्कि चिकित्सा शिक्षा (Medical education) पर भी विशेष तौर पर काम किया। सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना (Corona) में जान भी जहान भी के मूल मंत्र पर काम करते हुए 2 सालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बूस्टर डोज देने का काम प्रदेश सरकार ने किया है। जिसका परिणाम है कि आज शहर से लेकर गांव तक स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ीं हैं। बड़े शहरों में रेफर केस में कमी, सीएचसी पीएचसी का कायाकल्प, बड़े अस्पतालों में नए संसाधनों के साथ इलाज, वन डिस्ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज के साथ वन डिस्ट्रिक वन लैब की नीति पर तेजी से काम किया जा रहा है।

मार्च 2020 में जब कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे तब केजीएमयू में सिर्फ 70 सेंपल की जांच की व्यवस्था थी। आज सभी जिलों में आरटीपीसीआर लैब हैं जिसका परिणाम है कि यूपी में रोजाना हर दिन दो से ढाई लाख तक जांच की जा रही हैं। यूपी 30 करोड़ से अधिक कोविड टीके की डोज देने वाला एकमात्र राज्‍य है। इसके साथ ही प्रदेश में अब तक 24 लाख से अधिक प्री-कॉशन डोज दी भी जा चुकी हैं। ट्रि‍पल फोर की रणनीति के तहत यूपी ने कम समय में न सिर्फ संक्रमण पर काबू पाया, बल्कि कोरोना के नए वेरिएंट के प्रसार को भी रोकने में सक्षम रहा।

कुशल प्रबंधन से तीसरी लहर का प्रभाव कम दिखा

प्रदेश में स्वच्छता, कोविड गाइडलाइन,प्रोटोकॉल, फोकस टेस्‍टिंग, टीकाकरण, सर्विलांस, सैनिटाइजेशन का काम युद्धस्‍तर पर चल रहा है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में 100 बेड वाले पीकू नीकू और सीएचसी और पीएचसी में 50 नए बेड की व्यवस्था की गई है। सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने पहली दूसरी लहर के बाद भी तीसरी लहर के नए वैरिएंट को लेकर अस्‍पतालों में व्‍यवस्‍थाओं को दुरुस्‍त करने के समय से नए निर्देश जारी किए गए जिसके कारण बेहतर व्‍यवस्‍था होने से तीसरी लहर प्रदेश में कम प्रभावी रही।

छात्रों से लेकर कामगरों की सुविधाओं का रखा गया ख्‍याल

कोरोना काल के दौरान प्रदेश सरकार ने प्रदेश के श्रमिकों व कामगारों, ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वाले या दैनिक कार्य करने वाले सभी लोगों के भरण-पोषण की व्‍यवस्‍था को सुनिश्‍चित किया। इसके साथ ही निर्माण श्रमिकों को भी भरण-पोषण भत्ता देने का कार्य किया गया है। कोरोना महामारी के दौरान अप्रैल 2020 से जून 2020 तक कुल 12.15 लाख नए राशन कार्ड जारी किए। प्रदेश सरकार ने कोटा, राजस्थान और प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं को भी सुरक्षित व सकुशल उनके घर पहुंचाया।

यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री योगी ने विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का किया शुभारंभ

कम्युनिटी किचन के जरिए करोड़ों फूड पैकेट घर-घर जाकर बांटे गए। प्रदेश में लोगों को कोरोना से बचाव के लिए प्रशिक्षित आशा, आगंनबाड़ी कार्यक्रत्री, एएनएम को शामिल करते हुए सर्विलांस टीमों का गठन के साथ डिजिटल इंटरवेंशंस व मेरा कोविड केन्‍द्र एप्‍लीकेशन से कोरोना से लड़ने में काफी सहायता मिली। लॉकडाउन से लेकर अनलॉक प्रक्रिया तक सैनिटाइजेशन, कोविड प्रोटोकॉल, ग्रुप टेस्टिंग, कोल्‍ड चेन, हेल्‍पडेस्‍क, कांटेक्‍ट ट्रेसिंग, टीकाकरण के जरिए कोरोना को मात दी गई। आज दूसरे प्रदेशों के मुकाबले अधिक आबादी के बावजूद यूपी के बेहतर कोरोना प्रबंधन एक नजीर बना।

यह भी पढ़ें : पुलिस को नहीं पड़ी भनक, PNB में दिनदहाड़े 12 लाख की लूट

Related Post

Akhilesh Yadav

‘आज पहली बार लगा बिन सूरज के उगा सवेरा’, पिता मुलायम सिंह को याद कर भावुक हुए अखिलेश

Posted by - October 12, 2022 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh) का मंगलवार को अंतिम…
Jan Aushadhi kendra

सरकारी जन औषधि केंद्रों पर लगे ताले, प्राइवेट जनऔषधि केंद्रों से लाइव जुड़ेंगे पीएम

Posted by - March 6, 2021 0
लखनऊ। देशभर में इस समय जन औषधि दिवस (Jan Aushadhi Diwas 2021) समारोह मनाया जा रहा है। रविवार को प्रधानमंत्री…

कोविड काल में अनाथ हुई युवतियों की शादी करवाएगी यूपी सरकार!

Posted by - August 13, 2021 0
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड काल के दौरान अनाथ युवतियों की शादी कराने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री बाल…