Mann Ki Baat

मन की बात कार्यक्रम में बोले प्रधानमंत्री

560 0

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल को जीवन के साथ ही आस्था का प्रतीक और विकास की धारा करार देते हुए रविवार को देशवासियों से इसका संरक्षण करने का आह्वान किया।
आकाशवाणी के   मन की बात   कार्यक्रम की 74वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण के लिए केंद्र सरकार इस साल   विश्व जल दिवस   से 100 दिनों का अभियान भी शुरू करेगी। मोदी ने कहा कि दुनिया के हर समाज में नदी के साथ जुड़ी हुई कोई-न-कोई परम्परा होती ही है और नदी तट पर अनेक सभ्यताएं भी विकसित हुई हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति क्योंकि हजारों वर्ष पुरानी है इसलिए इसका विस्तार देश में और ज्यादा मिलता है।  उन्होंने कहा,  भारत में कोई ऐसा दिन नहीं होगा जब देश के किसी-न-किसी कोने में पानी से जुड़ा कोई उत्सव न हो। माघ के दिनों में तो लोग अपना घर-परिवार, सुख-सुविधा छोड़कर पूरे महीने नदियों के किनारे कल्पवास करने जाते हैं। इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है। जल हमारे लिये जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है।

राजनीति के चलते देशभर में कांग्रेस का अवसान : अमित शाह

पानी को पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन और विकास के लिये जरुरी है।
उन्होंने कहा,   पानी के संरक्षण के लिये, हमें, अभी से ही प्रयास शुरू कर देने चाहिए।   आगामी 22 मार्च को मनाए जाने वाले विश्व जल दिवस का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण सिफ सरकार की नहीं बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है और इसे देश के नागरिकों को समझना होगा।

उन्होंने अपने आसपास के जलस्त्रोतों की सफाई के लिये और वर्षा जल के संचयन के लिये देशवासियों से 100 दिन का कोई अभियान शुरू कने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा,   इसी सोच के साथ अब से कुछ दिन बाद जल शक्ति मंत्रालय द्वारा भी जल शक्ति अभियान-  कैच द् रैन  भी शुरू किया जा रहा है। इस अभियान का मूल मन्त्र है पानी जब भी और जहां भी गिरे उसे बचाएं।

उन्होंने कहा,  हम अभी से जुटेंगे और पहले से तैयार जल संचयन के तंत्र को दुरुस्त करवा लेंगे तथा गांवों में, तालाबों में, पोखरों की सफाई करवा लेंगे, जलस्त्रोतों तक जा रहे पानी के रास्ते की रुकावटें दूर कर लेंगे तो ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल का संचयन कर पायेंगे।

प्रधानमंत्री ने संत रविदास जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी और कहा कि आज भी उनके ज्ञान, हमारा पथप्रदर्शन करता है
उन्होंने कहा,  हमारे युवाओं को एक और बात संत रविदास जी से जरूर सीखनी चाहिए। युवाओं को कोई भी काम करने के लिये, खुद को पुराने तौर तरीकों में बांधना नहीं चाहिए। आप, अपने जीवन को खुद ही तय करिए।

Related Post

Chief Minister's Global Nagarodaya Yojana

निकाय से लेकर राज्य स्तर पर होगी मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना की निगरानी

Posted by - July 26, 2024 0
लखनऊ : शहरी स्थानीय निकायों में बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही उनकी इनकम में बढ़ोत्तरी के उद्देश्य से शुरू की गई…
CM Yogi

मुख्यमंत्री ने किया वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा का अनावरण

Posted by - November 28, 2024 0
बांदा/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर बांदा पहुंचे। यहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज के मुख्य…
CM Dhami

चारधाम यात्रा व्यवस्था संभालने के मोर्चे पर लगी मुख्यमंत्री की टीम

Posted by - May 17, 2024 0
देहरादून। राज्य में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) के शुरुआती चरण में उमड़ रही अप्रत्याशित भीड़ को नियंत्रित करने के साथ…