Oxygen Concentrator

कृत्रिम अंगों की सूची में शामिल हुआ ऑक्सीजन कंसनट्रेटर

240 0

लखनऊ। योगी सरकार (Yogi Sarkar)  ने उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) नियमावली 2011 में संशोधन करते हुए कृत्रिम अंगों की सूची में ऑक्सीजन कंसनट्रेटर (Oxygen Concentrator) को भी शामिल कर लिया है। अब प्रदेश के सेवारत एवं सेवानिवृत अधिकारी, कर्मचारी यदि स्वास्थ्य कारणों से आवश्यक्ता पड़ती है तो ऑक्सीजन कंसनट्रेटर (Oxygen Concentrator) , सीपैप, बाईपैप खरीदकर उसकी प्रतिपूर्ति (रिइंबर्समेंट) का दावा कर सकेंगे। प्रदेश सरकार नियमों के तहत इसकी प्रतिपूर्ति करेगी।

उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश भर में ऑक्सीजन संकट ने जिस तरह लोगों और सरकार को प्रभावित किया। उसे देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने किसी भी विषम परिस्थिति में ऑक्सीजन की कमी न हो इसको लेकर गंभीरता से प्रयास किए हैं। अस्पतालों में नए ऑक्सीजन प्लांट बनाए गए तो इमरजेंसी में कई कंपनियों को अपने प्लांट को ऑक्सीजन प्लांट में बदलने की अनुमति दी गई। इसके साथ ही कृत्रिम तरह से ऑक्सीजन बनाने वाले ऑक्सीजन कंसनट्रेटर (Oxygen Concentrator) समेत कई संबंधित यंत्रों की भी बड़ी मात्रा में खरीद की गई। इसी क्रम में अब सरकार ने गंभीर रोगियों को ऑक्सीजन कंसनट्रेटर की आवश्यक्ता होने पर इसकी प्रतिपूर्ति का निर्णय लिया है और इस संबंध में गाइडलाइंस भी जारी की गई है।

सीएमओ की अध्यक्षता में समिति करेगी आवेदन पर विचार

ऑक्सीजन कंसनट्रेटर (Oxygen Concentrator) खरीदने और इसकी प्रतिपूर्ति के संबंध में जो गाइडलाइंस दी गई है उसके अनुसार निर्धारित आवेदन प्रारूप में संबंधित चिकित्सक द्वारा अनुमोदित दावों पर ही विचार किया जाएगा। इसके साथ ही मूल जांचों की रिपोर्ट भी आवेदन के साथ संलग्न की जाएगी। इसमें ऑक्सीजन कंसनट्रेटर एवं बाई लेवल वेंटीलेटर्स सप्लायर्स सिस्टम के लिए रोगी के स्टेबल दशा में कमरे की हवा में ली गई धमनियों की ब्लड गैस रिपोर्ट देनी होगी।

साथ ही सीपैप और बाई लेवल सीपैप के लिए विस्तृत इन लैब लेवल-1 पॉलीसोम्नोग्रॉफी रिपोर्ट भी देनी होगी। इन मशीनों की स्वीकृति सीएमओ की अध्यक्षता में समिति द्वारा की जाएगी। सीएमओ के अलावा इसमें सीएमओ द्वारा नामित दो श्वास, फुफ्फुस रोग विशेषज्ञ (रेसपेरेटरी एंड पल्मोनरी एक्सपर्ट्स) बतौर सदस्य शामिल होंगे।

पांच वर्ष बाद हो सकेगा मशीनों का रिप्लेसमेंट

शासन ने माना है कि ये सभी उपकरण जीवनरक्षक यंत्र हैं और पांच वर्ष की अधिकतम आयु रखते हैं। इसलिए इन्हें पांच वर्ष के बाद सर्विस इंजीनियर के द्वारा पूर्व यंत्र की मरम्मत न हो पाने के प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने पर प्रतिस्थापित (रिप्लेस) किया जा सकेगा। लाभार्थी को इन पांच वर्षों में समान प्रकार के यंत्र की प्रतिपूर्ति न लिए जाने के संबंध में अंडरटेकिंग भी देनी होगी। संबंधित यंत्र की उपयोगिता समाप्त होने के बाद लाभार्थी को इसे जनपद के सीएमओ के पास जमा करना होगा। संबंधित सीएमओ इसे महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा मुख्यालय पर जमा कराना सुनिश्चित करेंगे। इस यंत्र को किसी अन्य रोगी को जारी नहीं किया जाएगा। ऐसे सभी संयंत्रों का पूरा लेखा-जोखा महानिदेशालय द्वारा रखा जाएगा।

50 हजार से 1.20 लाख तक के दावों की होगी प्रतिपूर्ति

शासन द्वारा प्रतिपूर्ति की अधिकतम सीमा भी निर्धारित की गई है। इसके अनुसार ऑक्सीजन कंसनट्रेटर (Oxygen Concentrator) के लिए 60 हजार, सीपैप के लिए 50 हजार, बाई लेवल सीपैप के लिए 80 हजार और बाई लेवल वेंटीलेटरी सिस्टम के लिए 1.20 लाख तक की प्रतिपूर्ति की जा सकेगी। इसमें पांच वर्ष के लिए यंत्र की मरम्मत और स्पेयर पार्ट्स की कीमत सम्मिलित रहेगी। मरम्मत और पुर्जों की कीमत के लिए अलग से कोई दावा मान्य नहीं होगा। पांच वर्ष के बाद यंत्र प्रतिस्थापना के लिए वही प्रक्रिया लागू होगी जो पहले यंत्र के अनुमोदन के लिए निर्धारित की गई है।

Related Post

mahila gram pradhan

योगीराज में ‘घूंघट’ से निकलकर गांव की सूरत बदल रहीं महिला ग्राम प्रधान

Posted by - July 25, 2023 0
लखनऊ। मिशन शक्ति (Mission Shakti) के तहत प्रदेश की महिलाओं को सशक्त, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने में जुटी योगी सरकार…
Keshav Prasad Maurya

केशव प्रसाद मौर्य ने यापन ग्राम पंचायत में किया अमृत सरोवर का शिलान्यास

Posted by - June 13, 2022 0
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने रविवार को जनपद मेरठ के ग्राम पंचायत राफन,…
Independence Day

स्वतंत्रता दिवस पर स्कूल, कॉलेज, बाजार, सभी कार्यालय नहीं होंगे बंद

Posted by - July 14, 2022 0
लखनऊ: स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर अब तक स्कूल-कॉलेज व सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालय सहित पुरे भारत में अधिकतर सब…