Shri Krishna Janmabhoomi case

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में 9 मार्च को होगी अगली सुनवाई

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मथुरा । उत्तर प्रदेश के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद (Shri Krishna Janmabhoomi case) में  कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अपीलकर्ता पवन शास्त्री की याचिका को स्वीकार कर लिया गया और सुनवाई की अगली तारीख 8 मार्च 2021 दे दी गई। याचिकाकर्ता पवन शास्त्री ने अपने आपको प्राचीन ठाकुर केशव देव जी महाराज विराजमान मंदिर का सेवायत बताते हुए याचिका दायर की थी। इसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि(Shri Krishna Janmabhoomi case) की जमीन में बने अवैध अतिक्रमण को हटाने की मांग की गई है। साथ ही पूर्व में हुए समझौते को गलत बताया गया है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि(Shri Krishna Janmabhoomi case) मामले में आज सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में सुबह 11 बजे सुनवाई हुई। यह सुनवाई जन्मभूमि के मालिकाना हक और परिसर को अतिक्रमण मुक्त बनाने की मांग को लेकर एक वाद और एक याचिका पर 20 मिनट तक हुई। वादी पक्ष के अधिवक्ता ने शाही ईदगाह परिसर में राजस्व अधिकारी द्वारा मौका मुआयना करने की बात रखी है।

दूसरी पिटीशन पर सुनवाई

खुद को श्री कृष्ण भगवान के वंशज बताते हुए लखनऊ निवासी हिंदू आर्मी चीफ राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक और परिसर को अतिक्रमण मुक्त बनाने की मांग को लेकर याचिका फाइल की है। यह याचिका सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में एडवोकेट पंकज जोशी ने फाइल की है। पिछली तारीख 29 जनवरी को सिविल जज के अवकाश पर होने के कारण इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी थी।

इस पिटीशन पर भी होगी सुनवाई

23 दिसंबर को सामाजिक संस्था यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ट्रस्ट ने सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में जन्मभूमि की जमीन पर हुई डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई। सिविल जज ने याचिका सुनते ही 23 दिसंबर को वाद दर्ज करने के आदेश दिए थे। मामले की दूसरी सुनवाई आज सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में होगी।

पिटीशन में चार लोगों को बनाया गया है पार्टी

लखनऊ निवासी मनीष यादव फाइल की गई पिटिशन में सुन्नी वक्फ बोर्ड, शाही ईदगाह कमेटी, श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्री कृष्ण सेवा ट्रस्ट को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है।

जानें क्या है मांग

श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है। 11एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है। मांग है कि शाही ईदगाह की जमीन भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए। श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्री कृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट को डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है।

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