मलाला का तालिबान को खुला पत्र, तुरंत खोले जाएं लड़कियों के स्कूल

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने अफगानिस्तान में तालिबान नेतृत्व से लड़कियों के लिए तत्काल प्रभाव से माध्यमिक विद्यालयों को फिर से खोलने की अपील की है। उन्होंने इस मांग को युद्धग्रस्त राष्ट्र के नए शासकों को संबोधित एक खुले पत्र में रखा है।

मलाला यूसुफजई और अन्य अफगान महिला अधिकार कार्यकतार्यओं ने खुले पत्र में लिखा, तालिबान अधिकारियों के लिए.. लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध हटाओ और लड़कियों के माध्यमिक विद्यालयों को तुरंत फिर से खोलो।

अफगानिस्तान दुनिया का एकमात्र देश है जहां लड़कियों की शिक्षा पर रोक है
लंदन में रह रहीं 24 वर्षीय पाकिस्तानी कार्यकर्ता ने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए अपने पत्र में कहा, अफगानिस्तान अब दुनिया का एकमात्र देश है जहां लड़कियों की शिक्षा पर रोक है। हर अफगान लड़की को स्कूल में वापस लाने के लिए सभी जगह नेताओं को तत्काल, निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।

मलाला ने तालिबान से कहा, आपने दुनिया को आश्वासन दिया था कि आप लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करेंगे। लेकिन आप लाखों लोगों को उनके सीखने के अधिकार से वंचित कर रहे हैं। लड़कियों की शिक्षा पर लगे प्रतिबंध को वापस लें और बालिका माध्यमिक विद्यालयों को तुरंत फिर से खोलें।

जी20 देशों के नेताओं से अपील

मलाला युसुफजई ने जी-20 देशों के नेताओं से भी आग्रह किया कि वे इस संबंध में निर्णायक कदम उठाएं। उन्होंने मुस्लिम देशों के नेताओं से आग्रह किया कि वे तालिबान को स्पष्ट करें कि लड़कियों को स्कूल जाने से रोकना धर्म के हिसाब से जायज नहीं है।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों ने जी20 नेताओं से अफगान बच्चों की शिक्षा परियोजना के लिए तत्काल धन उपलब्ध कराने की अपील की है। इस पत्र के साथ एक याचिका भी दाखिल की गई है जिस पर सोमवार तक 6,40,000 से अधिक हस्ताक्षर हो चुके थे। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में शहजाद अकबर भी शामिल थे, जो अमेरिका समर्थित पूर्व अशरफ गनी सरकार में अफगान मानवाधिकार आयोग के प्रमुख थे।

बता दें कि पाकिस्तानी कार्यकर्ता मलाला युसुफजई को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों ने 2012 में स्वात घाटी में गोली मारकर घायल कर दिया था, जब वह स्कूल बस से घर लौट रही थी। क्योंकि वह महिला शिक्षा की प्रचारक और समर्थक थीं।

मलाला अब 24 साल की हो गई हैं और खासतौर पर लड़कियों को शिक्षित करने में सक्रिय हैं।इस बीच अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, जहां तक ​​मुझे पता है स्कूल और विश्वविद्यालय जल्द ही खोले जाएंगे और लड़कियां और महिलाएं स्कूल जा सकेंगी और शिक्षण सेवाएं प्रदान कर सकेंगी। इजाजत दी जाएगी। तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा कि अभी लड़कियों को स्कूल जाने से रोका जा रहा है क्योंकि अभी पर्यावरण सुरक्षित नहीं है।

गौरतलब है कि मलाला युसुफजई का खुला पत्र अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा सत्ता हथियाने के एक महीने बाद सामने आया है। तालिबान नेताओं ने पहले कहा था कि वे देश में बालिका शिक्षा की अनुमति देंगे। हालांकि, तालिबान ने केवल लड़कों के शिक्षण संस्थानों को खोलने की अनुमति दी है और लड़कियों के स्कूलों को फिर से खोलने की अनदेखी की है।

 

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