लखनऊ: प्रदेश में राजस्व मामलों (Revenue Cases) के त्वरित निस्तारण की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की सख्त मॉनीटरिंग का असर साफ नजर आ रहा है। सीएम योगी खुद हर माह जिलावार मामलों की समीक्षा भी करते रहते हैं। योगी सरकार की विशेष पहल के तहत तेजी से मामलों के निपटारे की रणनीति को अपनाया गया, जिससे राजस्व विवादों के मामलों में बड़ा सुधार देखने को मिला है। इसी का नतीजा है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश भर में राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी देखी गयी है। राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (RCCMS) द्वारा अगस्त माह की जारी रिपोर्ट में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक राजधानी में मामलों को निस्तारित किया गया है जबकि जनपद स्तरीय न्यायालय में राजस्व के मामले निपटाने में एक बार फिर जौनपुर ने बाजी मारी है। बता दें कि जनपद स्तरीय न्यायालयों में राजस्व (Revenue) वादों के निस्तारण में पिछले दस माह से जौनपुर टॉप फाइल जिलों में बना हुआ है।
राजधानी में सबसे अधिक कुल 19,178 मामले निस्तारित किये गये
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के स्पष्ट निर्देश हैं कि राजस्व (Revenue) विवादों के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए। उनकी इस पहल का उद्देश्य न केवल जनता को त्वरित न्याय दिलाना है, बल्कि प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को भी बढ़ावा देना है। इसी के तहत प्रदेश के जिलाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी पूरी तत्परता से मामलों का निस्तारण कर रहे हैं।
राजस्व (Revenue) परिषद की आरसीसीएमएस की अगस्त माह की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में पूरे प्रदेश में कुल 3,69,293 राजस्व मामलों का निस्तारण किया गया। लखनऊ जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने बताया कि सबसे अधिक राजधानी लखनऊ में 19,178 मामले निस्तारित किये गये, जो पूरे प्रदेश में सबसे अधिक हैं। इसके बाद प्रयागराज में कुल 10,693 मामलों को निस्तारित कर पूरे प्रदेश में दूसरे, गोरखपुर 9,560 मामलों को निस्तारित कर तीसरे स्थान पर है। इसी तरह जाैनपुर ने 8,779 मामले निस्तारित कर चौथा और बाराबंकी ने 8,615 मामलों का निस्तारण कर पांचवां स्थान प्राप्त किया है।
जनपद स्तरीय न्यायालयाें में जौनपुर ने मारी बाजी, सबसे अधिक 612 मामले किये निस्तारित
जौनपुर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार राजस्व मामलों को निस्तारित किया जा रहा है। बोर्ड ऑफ रेवन्यू की अगस्त माह की राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) की रिपोर्ट के अनुसार जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के निर्धारित मानक निस्तारण से अधिक मामलों का निस्तारण किया है। जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के प्रति माह निस्तारण के मानक 250 के सापेक्ष 612 मामलों का निस्तारण किया है। इसका रेश्यो 244.80 प्रतिशत है। इसी के साथ जनपदीय न्यायायल में राजस्व मामलों के निस्तारण में प्रदेश में जौनपुर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है जबकि मानक 300 के सापेक्ष 379 मामलों का निस्तारण कर दूसरे स्थान पर लखीमपुर खीरी और मानक 350 के सापेक्ष 400 मामले निस्तारित कर तीसरे स्थान पर आजमगढ़ है।
इसी तरह अगस्त में मऊ के जिलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के मुकाबले 91 मामलों का निस्तारण कर 303.33 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की, जो की प्रदेश भर में सबसे अधिक है और मऊ प्रदेश भर में पहले स्थान पर है। वहीं बुलंदशहर के जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा 79 मामले निस्तारित किये गये। वहीं जाैनपुर के जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा 68 मामले निस्तारित किये गये। इसी तरह जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा निस्तारित किये गये मामलों में बुलंदशहर दूसरे और जौनपुर तीसरे स्थान पर है।
भू राजस्व (Land Revenue संबंधित मामलों के निस्तारण में भी जौनपुर अव्वल
इसी प्रकार अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व जौनपुर निर्धारित मानक 50 के सापेक्ष कुल 208 वादों का निस्तारण कर प्रदेश में प्रथम स्थान पर हैं। वहीं अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व गाजीपुर कुल 30 वादों का निस्तारण कर दूसरे स्थान पर हैं तथा अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व मीरजापुर कुल 24 वादों का निस्तारण कर तीसरे स्थान पर हैं। इसके साथ ही अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने 50 के मानक के मुकाबले 211 मामलों का निस्तारण कर 422 प्रतिशत हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है जबकि 105 मामले निस्तारित कर आजमगढ़ दूसरे और 80 मामले निस्तारित कर झांसी तीसरे स्थान पर है।