Reserve Bank of India

Money Lending Act समाप्त करने के लिए राजस्व विभाग को लिखा पत्र

671 0

लखनऊ। राजधानी में बैंकों के होने के बावजूद साहूकारों से लोन लिया जा रहा है। साहूकारों से लोन लेने के लिए शासन स्तर से कुछ अधिनियम बनाए गए हैं। अब प्रशासन साहूकारी अधिनियम  (Money Lending Act) को समाप्त करने की तैयारी में है। इसके लिए राजस्व विभाग को पत्र भी लिखा गया है।

वाराणसी : 100 साल का हुआ जंतु विभाग, दो दिन तक चला कार्यक्रम

बैंकों में लोन लेने की तमाम प्रक्रिया के चलते लोग साहूकारों से लोन लेने को मजबूर हैं। साहूकारों के पास सोना-चांदी या अन्य अपनी प्रॉपर्टी आदि गिरवी रखकर लोग अपनी जरूरत के अनुसार तत्काल ब्याज पर लोन लेते हैं। वहीं, सरकार ने साहूकारों से लोन लेने के लिए भी अभिनियम बनाए हैं, लेकिन अब इन नियमों को समाप्त करने की तैयारी की जा रही है।

साहूकार देते हैं ब्याज पर पैसे

कई बार कुछ साहूकारों द्वारा अधिक ब्याज लेने के मामले भी सामने आते हैं। इस दौरान प्रशासन स्तर से लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई भी होती है। फिलहाल राजधानी में साहूकारों का धंधा फल-फूल रहा है। साहूकारों का दावा है कि यह लोग महज डेढ़ से दो फीसद की ब्याज दर पर ही लोन देते हैं।

बैंकों में परेशानी से बचने के लिए साहूकारों से लेते हैं लोन

साहूकारों का कहना है कि साहूकारी व्यवस्था बहुत पुरानी व्यवस्था है। लोग जरूरत के अनुसार अपनी ज्वेलरी आदि बंधक रखकर ब्याज पर लोन लेते थे, जब बैंकों की संख्या काफी कम थी। उस समय बैंक के स्तर पर लोन देने को लेकर तमाम तरह की प्रक्रिया से लोग परेशान होते थे। ऐसे में साहूकारों के स्तर पर लोगों को पैसा देने की व्यवस्था शुरू की गई।

साहूकार अधिनियम समाप्त (revenue department) करने की हो रही तैयारी

प्रशासन स्तर पर साहूकारी अधिनियम को समाप्त किए जाने को लेकर तैयारी हो रही है। आने वाले समय में सरकार के स्तर पर साहूकारी अधिनियम को समाप्त करने को लेकर क्या फैसला होता है, अभी नियत नहीं है। लखनऊ जिला प्रशासन की तरफ से राजस्व विभाग को साहूकारी अधिनियम को समाप्त करने को लेकर पत्र भी लिखा गया है।

पारदर्शी तरीके से लोगों को देते हैं ब्याज पर पैसा

अमीनाबाद स्थित एक प्रतिष्ठित ज्वेलर्स व साहूकार शैलेंद्र रस्तोगी ने बताया कि हम पारदर्शी तरीके से और नियमों के अनुसार लोगों को ब्याज पर पैसा देते हैं। यह बहुत पुरानी प्रथा है। लोग अपनी जरूरत के अनुसार सामान गिरवी रखकर ब्याज पर पैसा लेते हैं। महज डेढ़ से 2 फीसदी ब्याज दर पर लोगों को तुरंत पैसा दिया जाता हैं, जबकि बैंकों से लोन लेने में लोगों को लंबी प्रक्रिया से गुजरना होता है। तमाम तरह की फॉर्मेलिटी बैंकों में की जाती है, जिससे लोग परेशान होते हैं।

सरकार निर्धारित कर दे ब्याज दर

साहूकार शैलेंद्र रस्तोगी कहते हैं कि सही बात है कि कुछ साहूकार लोगों को परेशान करने के लिए अधिक ब्याज पर पैसा देते हैं. लोगों का उत्पीड़न होता है, ऐसे लोगों के लिए सरकार को सख्त नियम बनाने चाहिए। साथ ही एक निर्धारित ब्याज दर तय कर देनी चाहिए, ताकि लोग परेशान न हों।

शिकायत मिलने पर की जाती है कार्रवाई

एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह कहते हैं कि साहूकारी अधिनियम अभी भी अस्तित्व में है। साहूकारी अधिनियम के अंतर्गत पहले लाइसेंस दिए जाने की व्यवस्था थी, लेकिन अब नए लाइसेंस नहीं बनाए जा रहे हैं। वर्तमान समय में राजधानी में 42 साहूकारी अधिनियम के अंतर्गत लाइसेंस संचालित हैं। इसके अलावा 150 से अधिक लाइसेंस निरस्त भी किए गए हैं। साथ ही अगर किसी साहूकार ने ज्यादा ब्याज दर पर लोन दिया है तो शिकायत मिलने पर कार्रवाई भी की जा रही है। इसके अलावा साहूकारी अधिनियम को समाप्त किए जाने को लेकर राजस्व विभाग को पत्र प्रेषित किया गया है।

Related Post

अखिलेश यादव- किसानों-मजदूरों और छात्रों के साथ छल करने वाली भाजपा के दिन पूरे, सत्ता से विदाई तय।

Posted by - June 20, 2021 0
यूपी में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- यूपी से…
Keshav Prasad Maurya

केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम राफन में किया अमृत सरोवर का भूमि पूजन व शिलान्यास

Posted by - June 13, 2022 0
लखनऊ/मेरठ: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) द्वारा ग्राम राफन विकास खंड मवाना में शहीद नरेन्द्र सिंह अमृत…
Maha Kumbh

सांस्कृतिक और सामाजिक के साथ आर्थिक पुनरोत्थान की भी नींव रखेगा महाकुम्भ 2025

Posted by - January 18, 2025 0
महाकुम्भ नगर। तीर्थराज प्रयागराज में हो रहा महाकुम्भ 2025 (Maha Kumbh) न सिर्फ सांस्कृतिक और सामाजिक बल्कि आर्थिक पुनरोत्थान की…