Dev Deepawali

सनातन की दिव्यता से काशी हुई प्रकाशमान, देव दीपावली पर 21 लाख दीपों से रोशन हुई शिव की नगरी

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वाराणसी। देव दीपावली (Dev Deepawali) के पावन अवसर पर काशी के घाटों पर दीपों की अविरल शृंखला ने पूरी दुनिया को आकर्षित कर दिया। क्षितिज में भगवान सूर्य जैसे ही अस्ताचल हुए, संपूर्ण विश्व के नाथ बाबा विश्वेश्वर की नगरी काशी दीपों की रोशनी से नहा उठी। उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर श्रृंखलाबद्ध दीपों ने अद्वितीय अलौकिक दृश्य प्रस्तुत किया। देव दीपावली का पहला दीप नमो घाट पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करकमलों से प्रज्वलित हुआ। इस दौरान नमो घाट पर भव्य आतिशबाजी भी हुई।

गंगा आरती और क्रूज़ पर मेहमानों का स्वागत

इसके उपरांत उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित अन्य मेहमानों ने क्रूज़ पर सवार होकर मां गंगा की महाआरती का दर्शन किया। इस दौरान नौका विहार करते समय पर्यटक भी अपने सीएम योगी सहित अन्य गणमान्य हस्तियों को पाकर खुशी से झूम उठे और हर-हर महादेव एवं जय श्रीराम के उद्घोष से उनका स्वागत किया। उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री समेत क्रूज़ पर सवार सभी गणमान्य लोगो ने हाथ हिलाकर और हाथ जोड़कर पर्यटकों का अभिवादन स्वीकार किया। वहीं चेत सिंह घाट पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग, लेजर शो और गंगा पार रेत पर आतिशबाजी के भव्य दृश्य ने उपस्थित सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सभी घाटों पर शंखनाद, घण्ट-घड़ियालों की ध्वनि में भव्य महाआरतिआं काशी की धरती पर देवताओं का स्वागत करती दिखीं।

51 हजार दीपों से सजा सीएम योगी का स्लोगन ‘बंटोगे तो कटोगे’

काशी में इस बार की देव दीपावली (Dev Deepawali) अद्भुत नजारों से भरी रही। गंगा के घाटों पर लाखों दीपों की रौशनी ने आस्था और भक्ति का अनुपम संगम प्रस्तुत किया तो वहीं विशेष आकर्षण का केंद्र बना पांडेय घाट, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रसिद्ध नारा ‘बटोगे तो कटोगे’ 51 हजार दीपों से उकेरा गया। पांडेय घाट पर जलाए गए इन दीपों ने लोगों का ध्यान खींचा और चर्चाओं का विषय बन गया। लोगों ने इस कला के माध्यम से मुख्यमंत्री के संदेश की प्रशंसा की वहीं घाटों पर उमड़े श्रद्धालुओं ने इस अद्भुत दृश्य को कैमरों में कैद कर अपने अनुभव साझा किए।

राष्ट्रवाद और अध्यात्म का संगम

दशाश्वमेध घाट पर आयोजित महाआरती में धर्म के साथ-साथ राष्ट्रवाद का संदेश भी दिया गया। अमर जवान ज्योति की अनुकृति पर वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस वर्ष महाआरती कारगिल युद्ध के शहीदों को समर्पित रही और ‘भगीरथ शौर्य सम्मान’ के तहत वीर योद्धाओं को सम्मानित किया गया। 21 अर्चक व 42 देव कन्याओं रिद्धि सिद्धि के रूप में दशाश्वमेध घाट पर महाआरती की। शहर के छह प्रमुख स्थानों पर लगी एलईडी स्क्रीन पर दशाश्वमेध घाट की देव दीपावली की महाआरती का सजीव प्रसारण किया गया।

आकर्षण का केंद्र बना 3डी शो और ग्रीन आतिशबाजी

पर्यटकों के लिए इस बार काशी के चेत सिंह घाट पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग शो का आयोजन किया गया, जिसमें काशी का धार्मिक इतिहास और गंगा अवतरण की कथा प्रस्तुत की गई। श्री काशी विश्वनाथ धाम के सामने गंगा पार रेत पर ग्रीन क्रैकर्स शो ने लोगों का दिल जीत लिया। घाटों और मंदिरों को आकर्षक विद्युत सजावट और तिरंगे स्पाइरल झालरों से सजाया गया था।

दीपों से रोशन हुए काशी के घाट और कुंड

इस वर्ष देव दीपावली (Dev Deepawali) पर 17 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए गए, जिसमें 12 लाख दीप योगी सरकार द्वारा और 3 लाख गाय के गोबर से बने दीपों का योगदान रहा। दीपों की अटूट श्रृंखला में जन सहभागिता की आहुति से कुल 21 लाख से अधिक दीपों ने देवताओं का स्वागत किया। काशी के घाटों, कुंडों, तालाबों और देवालयों और गंगा उस पार भी दीपों की अविरल श्रृंखला ने आकाशगंगा जैसी छटा बिखेरी। गंगा-गोमती तट, मार्कण्डेय महादेव और वरुणा नदी के तटों पर भी लाखों दीप जलाए गए। देव दीपावली पर काशी के सभी मंदिरों, घाटों पर फसाड लाइट, सड़क के विद्युत खंभों को भी आकर्षक तिरंगे स्पाइरल झालरों से सजाया गया।

फूलों से सजा श्री काशी विश्वनाथ धाम

देव दीपावली के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई और धाम परिसर को फूलों से सजाया गया। बाबा के आंगन में दीपों की रोशनी ने इस स्थान को और भी दिव्य बना दिया।

कड़ी सुरक्षा और यातायात प्रबंधन

देव दीपावली (Dev Deepawali) के मौके पर वाराणसी को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया। सुरक्षा की दृष्टि से घाटों पर कड़ी निगरानी रखी गई, ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध था और सादे कपड़ों में महिला पुलिस और एंटी रोमियो स्क्वाड तैनात थे। गंगा में नाव संचालन के लिए दिशाओं के आधार पर लेन निर्धारित की गई, नाविकों को सुरक्षा के सख्त निर्देश दिए गए थे। एनडीआरएफ और जल पुलिस ने वाटर एम्बुलेंस और चिकित्सकीय उपकरणों के साथ तैनाती की थी। घाटों, नदी और सड़क पर सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, पार्किंग, इमर्जेंसी प्रबंधन, क्यूआरटी टीम, इंट्री एंड एग्जिट को लेकर पूरी तैयारी का खाका पहले तैयार किया गया था।

सोशल मीडिया पर भी छाई काशी की देव दीपावली (Dev Deepawali) 

वाराणसी में शुक्रवार को मनाई गई देव दीपावली (Dev Deepawali) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लगातार ट्रेंड करती रही। हैशटैग #DevDeepawali2024 के जरिए यूजर्स ने अपने अनुभव साझा किए, जिससे यह उत्सव वैश्विक ध्यान आकर्षित करने में सफल रहा। मोदी-योगी सरकार में काशी की देव दीपावली अब लोकल से ग्लोबल बन गई है। वाराणसी के 84 घाटों पर 17 लाख से अधिक दीये जलाए गए और भव्य आतिशबाजी ने रात को रोशन कर दिया, जिसे लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर साझा किया।

देव दीपावली (Dev Deepawali) पर इस वर्ष काशी की भव्यता ने न केवल देश बल्कि विदेशों से आए पर्यटकों का भी मन मोह लिया। परंपरा और आधुनिकता के संगम ने इस महोत्सव को अविस्मरणीय बना दिया। शिव नगरी काशी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीयता का ऐसा संगम किसी और स्थान पर नहीं देखा जा सकता।

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