Karwa Chauth 2019 History: जानें कैसे शुरू हुआ करवा चौथ का व्रत और क्या है इसका इतिहास

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लखनऊ डेस्क। सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत बहुत मायने रखता है करवा चौथ को पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हुए महिलाएं शिव और गौरी की ​विधि ​विधान से पूजा करती हैं। शाम को करवा चौथ की कथा सुनती हैं और अंत में चंद्रमा को अघ्र्य देकर अपना व्रत खोलती हैं। यह व्रत अपने पति की लंबी उम्र के लिए रहती हैं।

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आपको बता दें एक बार देवों और असुरों में संग्राम छिड़ गया। असुर देवताओं पर भारी पड़ रहे थे, देवताओं की शक्ति असुरों के सामने कम पड़ रही थी। जिसके बाद सुरों पर विजय प्राप्ति के लिए करवा चौथ जैसा व्रत रखा था।

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जानकारी के मुताबिक ब्रह्मा जी को देवताओं की समस्या का ज्ञान पहले से ही था। उन्होंने देवताओं को असुरों पर विजय प्राप्ति का उपाय बताया। उन्होंने कहा कि देवताओं की पत्नियों को अपने पतियों की मंगलकामना और असुरों पर विजय के लिए व्रत रखना चाहिए। इससे निश्चित ही देवताओं को विजय प्राप्त होगी।

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