लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) ने पिछले आठ वर्षों में इनक्यूबेशन (Incubation Centers) आधारित नवाचार को नई पहचान दी है। आज प्रदेश में कुल 76 इनक्यूबेशन सेंटर सक्रिय हैं। ये केंद्र विद्यार्थियों और युवाओं को विचार से उद्योग तक पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया में सहयोग देते हैं। सरकार का उद्देश्य हर जिले में ऐसा माहौल तैयार करना है जहां युवा सुरक्षित और संगठित तरीके से उद्यम शुरू कर सकें। इसी लक्ष्य के तहत वित्तीय सहायता तकनीकी मार्गदर्शन और विशेषज्ञ नेटवर्क उपलब्ध कराया जा रहा है।
इनक्यूबेशन सेंटर (Incubation Centers) वह स्थान है, जहां नए आइडिया को विकसित कर सफल कारोबार में बदलने के लिए सभी आवश्यक संसाधन एक ही स्थान पर उपलब्ध कराए जाते हैं। यह ऐसा केंद्र है जो स्टार्टअप को उसके जन्म से लेकर उसके पांव जमाने तक मार्गदर्शन, सहायता और सुविधाएं प्रदान करता है। इनक्यूबेशन सेंटर (Incubation Centers) की स्थापना से उद्यमियों की कई चुनौतियां सरल हो गई हैं। यहां शुरुआती चरण में जरूरी प्रशिक्षण कानूनी सलाह बाजार से जुड़ी जानकारी तकनीकी मार्गदर्शन और निवेशकों से संपर्क जैसे सभी तत्व एक ही स्थान पर उपलब्ध होते हैं। इससे किसी भी स्टार्टअप की सफलता की संभावना बढ़ जाती है। इन केंद्रों ने युवाओं में उद्यमिता की भावना को मजबूत किया है और उन्हें जोखिम लेने का आत्मविश्वास दिया है।
पिछले आठ वर्षों में इन केंद्रों से जुड़े हजारों युवाओं ने अपनी पहचान बनाई है। कृषि तकनीक शिक्षा स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल सेवाओं जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले कई स्टार्टअप प्रदेश के भीतर और बाहर अपनी उपयोगिता सिद्ध कर चुके हैं। इन स्टार्टअप ने रोजगार भी बढ़ाया है और स्थानीय समस्याओं के समाधान भी प्रदान किए हैं। इससे उत्तर प्रदेश के आर्थिक ढांचे को नई दिशा मिली है। स्टार्टअप विशेषज्ञ विनीत का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार स्टार्टअप को बढ़ावा देने का ठोस प्रयास कर रही है। इन्क्युबेटर्स की स्थापना से स्टार्टअप्स को बड़ी मदद मिलती है। शुरुआत में स्टार्टअप्स को बहुत दिक्कतें आती है, ऐसे में इन्क्युबेटर्स बड़े सहायक होते हैं।
योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) का मानना है कि इनोवेशन और तकनीक आधारित उद्यम ही भविष्य की अर्थव्यवस्था का आधार तैयार करेंगे। इनक्यूबेशन सेंटर (Incubation Centers) इसी सोच का विस्तार हैं। छोटे शहरों से निकलकर बड़े मंच तक पहुंचने वाले युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह परिवर्तन प्रदेश को एक मजबूत स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित कर रहा है। कुल मिलाकर इनक्यूबेशन सेंटर उत्तर प्रदेश में विकास और अवसरों के नए द्वार खोल रहे हैं। यह नेटवर्क न केवल उद्यमिता को गति दे रहा है बल्कि प्रदेश को आत्मनिर्भर और नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था की ओर भी अग्रसर कर रहा है।
योगी आदित्यनाथ सरकार से पहले इनक्यूबेशन सेंटर (Incubation Centers) मामले में स्थिति
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से पहले इनक्यूबेशन सेंटरों (Incubation Centers) की संख्या लगभग 12 से 15 के बीच थी। यह केंद्र केवल चुनिंदा विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों तक सीमित थे। न इनके विस्तार की कोई स्पष्ट नीति थी और न ही स्टार्टअप इकोसिस्टम को लेकर कोई स्पष्ट संरचना।
योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) में विस्तार
वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) ने स्टार्टअप नीति लागू की और पूरे राज्य में इनक्यूबेशन नेटवर्क का व्यापक विस्तार शुरू किया। परिणाम स्वरूप आज प्रदेश में 76 इनक्यूबेशन सेंटर सक्रिय हैं और कई और स्थापित किए जाने की प्रक्रिया में हैं।
सरकार के प्रमुख लक्ष्य
– हर जिले में कम से कम एक इनक्यूबेशन सेंटर (Incubation Centers) स्थापित करना
– उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्टार्टअप हब के रूप में विकसित करना
– युवा उद्यमिता को रोजगार सृजन का प्रमुख साधन बनाना
– स्टार्टअप की सफलता दर को बढ़ाना
– कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, डिजिटल सेवाएं सुरक्षा और ई-गवर्नेंस सहित कई क्षेत्रों में नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना
– इनक्यूबेशन सेंटरों की संख्या 100 करने का लक्ष्य

