कमिश्नरी बनाने संबंधी निर्णयों को बदल सकती है सरकार

कमिश्नरी बनाने संबंधी निर्णयों को बदल सकती है सरकार

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उत्तराखंड की भाजपा सरकार के अठारह मार्च को चार साल पूरे होने के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों को रद्द करने के बाद अब पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के देवस्थानम बोर्ड और गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने संबंधी निर्णयों को भी बदला जा सकता है।

इस बारे में हालांकि, नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने साफ कुछ नहीं कहा लेकिन इस बात के संकेत दिए कि संबंधित पक्षों को सुनकर जनता की आवाज पर ही कोई निर्णय लिया जाएगा।    यहां संवाददाताओं से बातचीत में, मुख्यमंत्री रावत ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि वह पंडा समाज समेत सभी संबंधित पक्षों को बुलाएंगे, उनकी भावनाओं को जानेंगे और उनकी बात सुनकर ही कोई फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कोई क्या कह रहा है, इस पर उनका ध्यान नहीं जाता। उन्होंने कहा,   जनता के हित में क्या है, और जनता क्या कह रही है, यह महत्वपूर्ण है। पार्टी क्या कह रही है, यह महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि उसे तो राजनीतिक रोटियां सेंकनी हैं। हम जनता के प्रतिनिधि हैं, जनता की आवाज को सुनकर ही निर्णय किया जाएगा।

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चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड बनाए जाने का चारधामों सहित अन्य मंदिरों के तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज भी भारी विरोध करते रहे हैं। तीर्थ पुरोहितों ने वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के जरिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय में इसे रद्द किए जाने की मांग को लेकर एक याचिका भी दाखिल की गयी है।

इस माह की शुरुआत में गैरसैंण में राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान गैरसैंण को प्रदेश का तीसरा मंडल (कमिश्नरी) बनाए जाने का अल्मोड़ा समेत वे जिले विरोध कर रहे हैं जिन्हें इनमें शामिल किया गया है। इस संबंध में वहां के विधायकों की नाराजगी की बात भी सामने आई है।  इसके अलावा, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को भी कोविड मुक्त जांच रिपोर्ट लाने से छूट दे दी। उन्होंने कहा कि कुंभ केवल उत्तराखंड का नहीं है और इसलिए यहां कोविड से बचाव के लिए जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए सभी को आने की अनुमति होनी चाहिए।  उन्होंने कहा कि कुंभ में आने के लिए निगेटिव कोविड रिपोर्ट लाने की जरूरत नहीं है।

इससे पहले, भाजपा सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे। इस संबंध में शनिवार को मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने जारी अपने आदेश में कहा कि 18 मार्च को विधानसभाओं में प्रस्तावित कार्यक्रमों को  अपरिहार्य कारणों  से निरस्त कर दिया गया है। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 मार्च को अपनी सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में हर विधानसभा में भव्य कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की थी। नौ मार्च को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह तीरथ सिंह रावत प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने।

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