Gorakhpur

नैसर्गिक झील रामगढ़ताल की खूबसूरती निहारने दूर-दूर से आ रहे लोग

372 0

गोरखपुर। इसका (Gorakhpur) शुमार पूर्वांचल के प्रमुख शहरों में होता है। वाराणसी के बाद यह पूर्वांचल का सबसे प्रमुख शहर है। नेपाल की राजधानी काठमांडू, बिहार की राजधानी पटना और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बीच यह सबसे प्रमुख शहर है।  शहर की ऐतिहासिकता, देश की प्रमुख पीठों में शुमार गोरक्षपीठ, सौ साल से सस्ती धार्मिक एवं नैतिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए पूरी दुनिया में मिसाल गीता प्रेस और भौगोलिक रूप से बौद्धिस्ट सर्किट (कुशीनगर, कपिलवस्तु एवं श्रावस्ती) के बीचोबीच अवस्थिति गोरखपुर को खुद में और खास बनाती है। इस लिहाज से देखें तो गोरखपुर में पर्यटन के लिहाज से खासी संभावनाएं हैं। यही वजह है कि पर्यटन विभाग ने अगले पांच वर्षों में जिन पांच शहरों को वैश्विक स्तर की सविधाओं से संतृप्त करने का लक्ष्य रखा है। उसमें गोरखपुर भी शामिल हैं। बाकी शहर हैं अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, चित्रकूट और बौद्धिस्ट सर्किट से जुड़ी जगहें।

बन रहा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

उल्लेखनीय है कि पांच साल पहले यह शहर मच्छर एवं माफिया के लिए बदनाम था। उस समय कोई यहां की पर्यटन की संभावनाओं के बाबत सोच भी नहीं सकता था। अब वही गोरखपुर (Gorakhpur) क्रमशः  पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। अगले पांच साल में इन क्षेत्र की संभावनाओं को और विस्तार देते हुए पर्यटन विभाग ने पर्यटन के लिहाज से वैश्विक स्तर का बनाने का लक्ष्य रखा है। यानी आने वाले समय में गोरखपुर की चमक पर्यटन के ग्लोबल मैप पर होगी।

गोरखपुर (Gorakhpur) पहले से धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध रहा है। यहां के गोरखनाथ मंदिर और मकर संक्रांति पर्व पर एक माह तक चलने वाले खिचड़ी मेले की महत्ता जग प्रसिद्ध है। पर, लंबे अर्से तक गोरखनाथ मंदिर के अलावा और कोई ऐसी जगह नहीं दिख रही थी जहां सैलानियों को लुभाया जा सके। हालांकि अनेक ऐसे स्थान थे जो पर्यटन विकास की संभावनाओं से भरपूर थे। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में पर्यटन विकास की सभी संभावनाओं को आगे बढ़ाया। मरीन ड्राइव एवं जूही चौपाटी से होती है रामगढ़ ताल

इनमें सबसे अहम है रामगढ़ताल

एक दौर वह भी था जब 1700 एकड़ में फैले इस ताल की पहचान गंदगी से होती थी। आज इसकी पहचान खूबसूती से है। लेक व्यू पॉइंट, नौकायन केंद्र, सेल्फी पॉइंट जैसे स्थल इसकी शोभा बढ़ाते हैं। सैलानियों को साउंड एंड लाइट शो भी खूब आकर्षित करता है। यहां आने वाले पर्यटकों को ताल में कई तरह की नावों की सवारी करने के साथ ही डबल डेकर बोट और कयाकिंग का भी आनंद मिलने लगा है।

13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा फहराएं: धामी

जल्द ही यहां क्रूज और फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का आनंद मिलने जा रहा है तो सी प्लेन सेवा की कार्ययोजना आगे बढ़ रही है। आज इसकी तुलना लोग मुंबई के मरीन ड्राइव एवं जूहू चौपाटी से करते हैं।

एडवेंचर एवं वाटर स्पोर्ट्स का हब बन रहा गोरखपुर

रामगढ़ताल के समीप ही सीएम योगी ने करीब 45 करोड़ रुपये की लागत से एक विश्वस्तरीय वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया है। इस वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की जल क्रीड़ा प्रतियोगिताओं और उनके प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा। पूरे प्रदेश के लिए यह सार्वजनिक क्षेत्र का पहला वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है।

ज्ञान एवं मनोरंजन का केंद्र बना चिड़ियाघर

इसी क्रम में गोरखपुर (Gorakhpur) का चिड़ियाघर पूर्वी उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म के ऐसे बड़े केंद्र के रूप में विख्यात हुआ है जहां आप ज्ञान व मनोरंजन का संगम देख सकते हैं।चिड़ियाघर मने पूर्वांचल में पर्यटन विकास को नए पंख दिए हैं। गोरखपुर चिड़ियाघर की नींव 18 मई 201 को ही पड़ गई थी लेकिन मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने तक काम के नाम पर मिट्टी पटाई की रस्म अदायगी ही थी। सीएम योगी ने उपेक्षित हाल पर छोड़े गए इस प्रोजेक्ट को पुनर्जीवित किया। 27 मार्च 2021 को होली के उपहार स्वरूप इस चिड़ियाघर को लोकार्पित किया। तमाम वन्यजीवों की यहां विस्तृत श्रृंखला के साथ दुर्लभ सफेद बाघ भी है।

उत्तर प्रदेश में भूजल स्तर सुधारने में जुटी सरकार

श्रावस्ती और कपिलवस्तु जाने वाले बौद्धिस्ट पर्यटकों को लुभाएगा चिलुआताल

संयोग से चिड़ियाघर और रामगढ़ताल, दोनों शहर के दक्षिणी छोर पर हैं। ऐसे में सरकार उत्तरी छोर को भी पर्यटन के दृष्टि से चमकाने जा रही है। इसके लिए महत्वपूर्ण जरिया होगा

शहर के उत्तरी छोर पर स्थित चिलुआताल। आने वाले समय में यह ताल खूबसूरती के मामले में रामगढ़ताल को टक्कर देगा। देश-विदेश के सैलानियों को लुभाने में चिलुआताल, रामगढ़ताल से पीछे न रहे, इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। प्रथम चरण का काम भी शुरू हो चुका है। यहां रामगढ़ताल की तर्ज पर पर्यटकों को सभी सुविधाएं मुहैया होंगी। सुंदरीकरण के बाद शहर के दक्षिणी छोर पर रहने वाले लोगों के साथ सड़क मार्ग से कपिलवस्तु एवं श्रावस्ती जाने वाले बौद्धिस्ट पर्यटकों को भी इसकी खूबसूरती लुभाएगी।

Related Post

Siddharth Nath

रोड़ा अटकाने वाले हर काम का श्रेय लेने में लगे : सिद्धार्थनाथ

Posted by - December 13, 2021 0
राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह (Siddharth Nath) ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर गंभीर…
Kukrail River

एक्शन में सीएम योगी : साबरमती रिवर फ्रंट जैसा मनोरम होगा कुकरैल रिवर फ्रंट

Posted by - June 27, 2024 0
लखनऊ । लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे प्रस्तावित रिवर फ्रंट (Kukrail River Front) अहमदाबाद में स्थित साबरमती रिवर फ्रंट…
Poor children are getting the opportunity to get quality education under RTE

गरीब बच्चों को बड़े स्कूलों में प्रवेश दिला रही योगी सरकार, प्रथम चरण में 1.32 लाख से अधिक आवेदन आए

Posted by - December 21, 2024 0
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार की दिशा…