हमारे लोकतंत्र को मजबूत नींव देने वाले चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का हो गया निधन

881 0

नई दिल्ली। आज सोमवार को भारत के दसवें चुनाव आयुक्त और हमारे लोकतंत्र को मजबूत नींव देने वाले टीएन शेषन का निधन हो गया हैं। उनके निधन होने से लोगो को काफी दुख पहुंचा हैं। इस समय इनकी उम्र 86 वर्ष थी। बता दें कि टीएन शेषन एक ईमानदार इंसान थे। और अपनी इसी ईमानदारी के साथ वो लोगो की सेवा करते थे।

जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा हैं कि पिछले कई सालों से शेषन जी चेन्नई में रह रहे थे और कई सालों से बीमार चल रहे थे। इसी बीमारी के चलते आज  86 वर्षीय टीएन शेषन को दिल का दौरा पड़ने से चेन्नई में ही निधन हो गया। बता दें कि इनका पूरा नाम तिरुनेलै नारायण अय्यर शेषन था। उन्होंने 1990 से 1996 के दौरान चुनाव प्रणाली को मजबूत बनाया। और इसी समय से चुनाव प्रणाली की दशा और दिशा बदल गई। शेषन को लेकर उस वक्त यह कहा जाता था कि नेताओं को या तो भगवान से डर लगता है या फिर शेषन से।

Ayodhya Verdict 2019: सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के दौरान क्यूं ली अनुच्छेद 142 की मदद? पढ़ें पूरा 

बता दें कि उनके कार्यकाल से पहले तक चुनाव में बेहिसाब पैसा खर्च होता था और पार्टी एवं प्रत्याशी इसका हिसाब भी नहीं देते थे। उन्होंने आचार संहिता के पालन को इतना सख्त बना दिया कि कई नेता शेषन से खार खाते थे। इनमें लालू प्रसाद यादव प्रमुख थे। यह शेषन की ही देन है कि अब चुनावों में राजनीतिक दल और नेता आचार संहिता के उल्लंघन की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। उनके कार्यकाल के दौरान ही पहचान पत्र बने।

चुनाव में वोट डालने के लिए वोटर आईडी कार्ड का इस्तेमाल होने लगा। इससे फर्जी मतदान पड़ने कम हुए। यह भी कहा जाता है कि शेषन जब चुनाव आयुक्त थे उस वक्त वोट देने के लिए शराब बांटने की प्रथा एकदम खत्म हो गई थी। चुनाव के दौरान धार्मिक और जातीय हिंसा पर भी रोक लगी थी।

दो ट्रेनों के बीच सिग्नल फेल होने के कारण हुआ बड़ा हादसा, कई लोग घायल 

के आर नारायणन के खिलाफ लड़ा चुनाव

टीएन शेषन तमिलनाडु कार्डर के 1995 वैज के आईएएस अधिकारी थे। चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी निभाने से पहले वह सिविल सेवा में थे। वह स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे कम वक्त तक सेवा देने वाले कैबिनेट सचिव बने। 1989 में वह सिर्फ आठ महीने के लिए कैबिनेट सचिव बने। शेषन ने के आर नारायणन के खिलाफ राष्ट्रपति पद का चुनाव भी लड़ा। वह तब के योजना आयोग के सदस्य भी रहे।

Related Post

CDS General Bipin Rawat

मानवाधिकार कानून के लिए अत्यंत सम्मान का भाव रखती है सेना: बिपिन रावत

Posted by - December 27, 2019 0
नई दिल्ली। भारतीय सशस्त्र बल बहुत अनुशासित है। इसके साथ ही सेना मानवाधिकार कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के लिए…
एम वेंकैया नायडू

उच्च शिक्षण संस्थानों में हिंसा वाली राजनीति की प्रवृति तकलीफदेह : एम वेंकैया नायडू

Posted by - January 7, 2020 0
बेंगलुरु। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कैंपस में बीते रविवार को नकाबपोशों ने घुसकर छात्रों पर हमला किया था। इस…
CM Dhami

परियोजना प्रबंधन की कला सीखनी है तो गडकरी जी से बेहतर कोई शिक्षक नहीं हो सकता: धामी

Posted by - June 3, 2025 0
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की प्रशंसा की और…