लखनऊ/मऊ: नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा (AK Sharma) के निरंतर प्रयासों और किसानों के हित में किए गए प्रभावी हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप घोसी किसान सहकारी चीनी मिल से जुड़े वे गन्ना क्रय केंद्र, जो पूर्व में काट दिए गए थे, अब पुनः बहाल कर दिए गए हैं। पुनः बहाल किए गए गन्ना क्रय केंद्रों में करखिया, खोजौली एवं लाटघाट प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन केंद्रों के वापस मिलने से मऊ जनपद के साथ-साथ घोसी, मधुबन एवं आसपास के ग्रामीण अंचलों के हजारों गन्ना किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत उक्त गन्ना क्रय केंद्रों को चीनी मिल सठियांव को आवंटित कर दिया गया था। इसके चलते घोसी क्षेत्र के किसानों को गन्ना आपूर्ति के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ रही थी। किसानों को अतिरिक्त परिवहन व्यय उठाना पड़ रहा था, जिससे उनकी आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। साथ ही समय पर गन्ना आपूर्ति न हो पाने से चीनी मिल संचालन और भुगतान प्रक्रिया पर भी असर पड़ने की आशंका बनी हुई थी।
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा (AK Sharma) के क्षेत्र भ्रमण के दौरान घोसी, मधुबन और मऊ क्षेत्र के बड़ी संख्या में गन्ना किसानों ने उनसे भेंट कर अपनी समस्याएं विस्तार से रखीं। किसानों ने स्पष्ट रूप से आग्रह किया कि परंपरागत रूप से संचालित किसान सहकारी चीनी मिल घोसी से जुड़े गन्ना क्रय केंद्रों को यथावत रखा जाए, जिससे उन्हें स्थानीय स्तर पर सुविधा मिल सके। किसानों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए मंत्री श्री शर्मा ने उन्हें हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
किसानों की समस्याओं को समझते हुए मंत्री ए. के. शर्मा (AK Sharma) ने इस विषय को केवल स्थानीय स्तर तक सीमित न रखते हुए शासन स्तर पर मजबूती से उठाया। उन्होंने प्रदेश के गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी से इस संबंध में चर्चा की तथा औपचारिक रूप से अनुरोध किया कि जनहित को दृष्टिगत रखते हुए उक्त गन्ना क्रय केंद्रों को पुनः किसान सहकारी चीनी मिल घोसी के अंतर्गत सुरक्षित रखा जाए। मंत्री श्री शर्मा (AK Sharma) द्वारा प्रस्तुत किए गए तथ्यों और किसानों की व्यावहारिक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए शासन स्तर पर सकारात्मक निर्णय लिया गया।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा (AK Sharma) ने मुख्यमंत्री तथा गन्ना मंत्री क्ष्मी नारायण चौधरी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पूरी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उनके हितों की रक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
गन्ना क्रय केंद्रों के पुनः बहाल होने की सूचना मिलते ही क्षेत्र के किसानों एवं स्थानीय निवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई। किसानों ने कहा कि अब उन्हें नजदीकी क्रय केंद्रों पर ही गन्ना आपूर्ति की सुविधा मिलेगी, जिससे समय, श्रम और धन की बचत होगी।
स्थानीय किसानों, किसान संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों ने इस जनहितकारी निर्णय के लिए नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा (AK Sharma) का आभार व्यक्त करते हुए उनके प्रयासों की सराहना की।यह निर्णय प्रदेश सरकार की किसान-हितैषी नीति और जनप्रतिनिधियों की संवेदनशील कार्यशैली का उदाहरण है। गन्ना क्रय केंद्रों की बहाली से न केवल किसानों की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि चीनी मिल के संचालन में भी सुगमता आएगी और क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों को मजबूती मिलेगी।

