डीजीपी ओपी सिंह

डीजीपी ओपी सिंह बोले- निर्दोष को छेड़ेंगे नहीं, दोषियों को छोड़ेंगे नहीं

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लखनऊ। नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा के मद्देनजर शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए पूरे यूपी में अलर्ट जारी है। विभिन्न जिलों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है। इसके साथ ही ड्रोन से निगरानी की जा रही है। प्रदेश के 20 जिलों में अगले 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा फिर से बंद कर दी गई है। इनमें अधिकांश वे जिले शामिल हैं जहां पिछले सप्ताह हिंसक प्रदर्शन हुए थे।

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में

दोषियों पर कार्रवाई को लेकर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि हमने पूरी रणनीति के साथ पुलिस बलों को तैनात किया है। इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि किसी बेकसूर को नहीं पकड़ा जाएगा और हिंसा में जो लोग भी शामिल थे उन्हें किसी हाल में बख्शेंगे नहीं।

जांच के लिए हर जिले में एसआईटी बनेगी, बिना साक्ष्य के न हो गिरफ्तारी

डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा में बिना साक्ष्य के किसी की गिरफ्तारी न की जाए। उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों से कहा है कि हिंसा के मामले की जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन करें। जिस जिले में अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम का पद नहीं है वहां किसी अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन करें।

जब तक जिंदा हूं बंगाल में नागरिकता कानून नहीं लागू होगा: ममता बनर्जी

सभी जिलों के अधिकारियों को भेजे निर्देश में डीजीपी ने कहा है कि किसी भी हाल में बिना साक्ष्य किसी की गिरफ्तारी न की जाए। जो भी एफआईआर दर्ज की गई हैं, उसमें पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि किसपर कितना अपराध बनता है, उसी के हिसाब से कार्रवाई की जाए। अभियुक्तों की गिरफ्तारी में मारपीट की घटना न होने पाए। डीजीपी ने अधिकारियों को आगाह किया है कि गुण-दोष के आधार पर ही विवेचना की जाए, किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की स्थिति न पैदा होने पाए।

कई जिलों में इंटरनेट सेवा  प्रभावित

शुक्रवार की नमाज के बाद कोई अफवाह न फैले इसके लिए कई जिलों में अगले 24 घंटे के लिए जिलाधिकारियों द्वारा इंटरनेट सेवा आंशिक या पूरी तरह से प्रभावित रहेंगी। इन में प्रमुख रूप से कानपुर, लखनऊ, फिरोजाबाद, मेरठ, अलीगढ़, बुलंदशहर, बिजनौर, हापुड़, सहारनपुर, रामपुर, अमरोहा, बहराइच, बरेली, मुजफ्फरनगर, संभल, आजमगढ़, मुरादाबाद, आगरा शामिल हैं। इन लगभग सभी जिलों में सीएए के विरोध में हिंसा हुई थी।

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