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सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना पर केंद्र से पूछे कई सवाल, कहा- ‘राष्ट्रीय समस्या के दौरान हम चुप नहीं बैठ सकते’

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नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते संकट (Corona Virus Cases in India) से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जो नेशनल प्लान मांगा था, उसपर मंगलवार को सुनवाई हुई। सरकार ने अपना प्लान दाखिल किया, सुनवाई के दौरान अदालत ने सवाल किया कि वैक्सीन के अलग-अलग दामों पर केंद्र क्या कर रहा है, अगर अभी की स्थिति नेशनल इमरजेंसी नहीं है तो क्या है। सुनवाई के दौरान ऑक्सीजन और वैक्सीन की सप्लाई पर भी चर्चा हुई।अदालत ने ऑक्सीजन समेत अन्य मेडिकल जरूरतों पर डाटा मांगा है और अब शुक्रवार को इसपर सुनवाई की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में क्या हुआ?

कोरोना संकट को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। केंद्र सरकार की ओर से सर्वोच्च अदालत में अपना जवाब दे दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई पर लेटर भेजा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस सुनवाई का मतलब हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई को रोकना नहीं है, हाईकोर्ट स्थानीय हालात को बेहतर समझ सकते हैं। राष्ट्रीय मुद्दे पर हमारा दखल देना जरूरी था। हम राज्यों के बीच समन्वय बैठाने का काम करेंगे।

अदालत में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कोरोना की पहली लहर 2019-20 में आई, लेकिन दूसरी लहर का किसी ने अंदाजा नहीं लगाया था। हमने इसको लेकर भी कई अहम कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार राष्ट्रीय लेवल पर हालात को मॉनिटर कर रही है, खुद पीएम भी मीटिंग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभी उन्होंने केंद्र द्वारा दाखिल प्लान नहीं देखा है। उम्मीद है कि राज्यों से भी इसका फायदा होगा। हम इसे देखेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से ऑक्सीजन सप्लाई और उपलब्धता का डाटा मांगा है। साथ ही मेडिकल सुविधाएं, जरूरी दवाओं को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं, उसको लेकर जानकारी मांगी है। केंद्र सरकार को अब सुप्रीम कोर्ट को वैक्सीनेशन के मिशन पर भी जानकारी देनी होगी।

वैक्सीन के दाम पर अदालत का सवाल

सुनवाई के दौरान जस्टिस एसआर भट्ट ने कहा कि सेना, रेलवे के डॉक्टर्स केंद्र के अंतर्गत आते हैं। ऐसे में क्या इन्हें क्वारनटीन, वैक्सीनेशन और अन्य इस्तेमाल में लाया जा सकता ह।  इसपर क्या नेशनल प्लान है? इस वक्त वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है, वैक्सीन के दाम पर केंद्र क्या कर रहा है। अगर ये नेशनल इमरजेंसी नहीं है, तो फिर क्या है? दरअसल, अदालत में सुनवाई के दौरान राजस्थान, बंगाल की ओर से वैक्सीन के अलग-अलग दाम पर आपत्ति जताई गई थी।

वेदांता के तूतिकोरिन प्लांट को फिर से शुरू करने की अनुमति

मंगलवार को तमिलनाडु के तूतिकोरिन में वेदांता के प्लांट वाले मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता के प्लांट को ऑक्सीजन निर्माण की अनुमति दे दी है। तमिलनाडु सरकार ने जानकारी दी है कि उन्होंने वेदांता को चार महीने तक प्लांट चलाने की अनुमति दी है, इस दौरान सिर्फ ऑक्सीजन का प्रोडक्शन होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता से पूछा है कि वह कितनी जल्दी प्रोडक्शन शुरू कर सकते हैं, इसपर वेदांता ने 10 दिन का वक्त मांगा है. तूतिकोरिन में पिछले साल हुए हादसे के बाद इसे बंद कर दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ये राष्ट्रीय संकट का वक्त है, ऐसे में सभी को साथ आना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि कॉपर प्लांट में किसी को आने की इजाजत नहीं होगी। ऑक्सीजन प्लांट कैसे काम करेगा, ये निर्णय कमेटी लेगी। कोर्ट की कमेटी में मंत्रालय के किसी व्यक्ति को भी रहना होगा। प्लांट में सिर्फ ऑक्सीजन का ही प्रोडक्शन होगा।

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