राष्ट्रीय मतदाता दिवस

लोकतंत्र में सहमति, असहमति बुनियादी सिद्धांत : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू

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हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को हैदराबाद में कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) जैसे मुद्दों पर विचारपूर्ण और सकारात्मक बहस जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

सीएए हो या एनपीआर, इन पर देश के लोगों को संवैधानिक संस्थाओं, सभाओं और मीडिया में विचारपूर्ण, सार्थक व सकारात्मक चर्चा हो

नायडू ने कहा कि सीएए हो या एनपीआर, इन पर देश के लोगों को संवैधानिक संस्थाओं, सभाओं और मीडिया में विचारपूर्ण, सार्थक व सकारात्मक चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए। यह कब आया, क्यों आया, इसका क्या प्रभाव होगा और क्या इसमें किसी बदलाव की जरूरत है?

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केंद्र को भी असंतोष प्रकट कर रहे लोगों की आशंकाओं को दूर करना चाहिए

उन्होंने कहा कि अगर हम इस बारे में चर्चा करेंगे तो हमारा तंत्र मजबूत होगा। इसके अलावा जनता की जानकारी बढ़ेगी। अविभाजित आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री एम चन्ना रेड्डी के जयंती समारोहों का उद्घाटन करते हुए उप राष्ट्रपति ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि केंद्र को भी असंतोष प्रकट कर रहे लोगों की आशंकाओं को दूर करना चाहिए।

महात्मा गांधी ने सर्वाधिक विकट चुनौतियों में भी हिंसा के सभी प्रकारों से परहेज किया

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सहमति, असहमति बुनियादी सिद्धांत है। हम किसी चीज को पसंद करते हैं या नहीं। दोनों पक्षों को सुना जाना चाहिए और उस हिसाब से कार्रवाई होनी चाहिए। प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने सर्वाधिक विकट चुनौतियों में भी हिंसा के सभी प्रकारों से परहेज किया था। उप-राष्ट्रपति ने संसद और विधानसभाओं की गरिमा बनाये रखने व उनमें चर्चाओं का स्तर बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नीतियों की आलोचना करते समय निजी हमले नहीं किए जाने चाहिए।

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