CM Yogi attends DSR Conclave in Varanasi

यूपी अकेले करता है भारत का 21% खाद्यान उत्पादन : सीएम योगी

3 0

वाराणसी। अंतराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र में आयोजित डायरेक्ट सीडेड राइस (डीएसआर) कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश को भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक फूड बास्केट के रूप में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि यदि समय पर तकनीक और बीज उपलब्ध कराए जाएं तो प्रदेश आज से तीन गुना अधिक उत्पादन करने में सक्षम है। मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि यूपी ने लक्ष्य तय किया है कि 2029-30 तक प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाया जाएगा, जिसमें कृषि क्षेत्र सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरी (IRRI) और सीआईपी (CIP) जैसे संस्थानों के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे।

शिव और नंदी करते हैं उन्नत खेती के लिए प्रेरित

योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने काशी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान विश्वनाथ की नगरी और उनके सहयोगी वृषभ हमें उन्नत खेती की ओर प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि “अन्नं बहु कुर्वीत तद् व्रतम्” की परंपरा को आगे बढ़ाना ही हमारा संकल्प है।

उर्वरता, सिंचाई और धूप हैं भारतीय कृषि की ताकत

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि अच्छी कृषि के लिए उर्वरता, सिंचाई और पर्याप्त धूप सबसे आवश्यक हैं और इन तीनों दृष्टियों से भारत अत्यंत संपन्न है। देश के पास 17 करोड़ हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें से 60 फीसदी भूमि सिंचित है। यूपी तो अकेले देश का 21 फीसदी खाद्यान उत्पादन करता है।

कृषि में हुए हैं क्रांतिकारी बदलाव

योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि बीते 11 सालों में कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड, कृषि बीमा, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, लागत से डेढ़ गुना एमएसपी और पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं से जोड़ा गया है।

धान, गेहूं, गन्ना, आलू, दलहन और तिलहन की खेती में यूपी अग्रणी

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पास 11 फीसदी भूभाग और 17 फीसदी जनसंख्या है, लेकिन यह अकेला राज्य 21 फीसदी खाद्यान उत्पादन करता है। धान, गेहूं, गन्ना, आलू, दलहन और तिलहन की खेती में यूपी अग्रणी है।

कृषि विश्वविद्यालय और अनुसंधान

यूपी के पास राज्य सरकार के चार, केंद्र सरकार के दो और एक निजी कृषि विश्वविद्यालय हैं। इसके अलावा 89 कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को तकनीकी सहायता दे रहे हैं। 2018 में वाराणसी में ईरी का दक्षिण एशिया केंद्र खुलने के बाद धान की विभिन्न वैरायटी पर रिसर्च जारी है।

काला नमक चावल और ऐतिहासिक खेती

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि काला नमक चावल भगवान बुद्ध द्वारा तीन हजार साल पहले दिया गया था। इसे हम भगवान बुद्ध के प्रसाद के रूप में पूरी दुनिया में बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि यूपी में धान की खेती का 8 हजार साल पुराना इतिहास है। तंजावुर और रामनाथपुरम के शिलालेखों में प्राचीन भारत की उन्नत खेती के प्रमाण मिलते हैं।

खाद्यान उत्पादन में हुई है पांच गुना वृद्धि

आजादी के बाद यूपी में 11.77 मिलियन टन खाद्यान का उत्पादन होता था, जो अब बढ़कर 60 ट्रिलियन टन हो गया है। रकबा भी 170 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 240 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। यह पांच गुना की वृद्धि को दर्शाता है।

सीड पार्क और नई पहल की दी जानकारी

मुख्यमंत्री ने बताया कि लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर 250 एकड़ में सीड पार्क स्थापित किया जाएगा। यहां से जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए बेहतर बीज किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। डीजी ईरी यवोन पिंटो और डीजी सीआईपी डॉ साइमन हेक की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि आगरा में जल्द ही इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर स्थापित होगा।

ई-सीडर और प्रिसिजन हिल सीडर का सीएम ने किया लोकार्पण

कॉनक्लेव में आईआरआरआई और जेएनवीवी द्वारा विकसित बैट्री संचालित ई-सीडर और प्रिसिजन हिल सीडर का लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही धान की सीधी बुवाई, जीरो टिलेज गेहूं और समृद्धि धान नेटवर्क पर आधारित प्रकाशन सामग्री का विमोचन भी किया गया।

लैब टू लैंड मॉडल

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर वैज्ञानिक अब केवल लैब तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि जमीन पर उतरकर रिसर्च का डेमॉन्स्ट्रेशन करेंगे ताकि किसानों तक नई तकनीक सीधे पहुंचे। उन्होंने कहा कि यूपी में 70 लाख हेक्टेयर में धान, 100 लाख हेक्टेयर में गेहूं और 29 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जाती है। दलहन और तिलहन के लिए भी यहां व्यापक भूमि है।

इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल, दयाशंकर मिश्र दयालु, बलदेव सिंह औलख, प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र कुमार, डीजी ईरी यवोन पिंटो और डीजी सीआईपी डॉ साइमन हेक, श्रीलंका के कृषि सचिव डीबी विक्रमसिंघे, डायरेक्टर आईएसएआरसी डॉ सुधांशु सिंह सहित बड़ी संख्या में कृषि वैज्ञानिक और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

Related Post

AK Sharma

नगर विकास मंत्री के नेतृत्व में यमुना की तलहटी में चला स्वच्छता अभियान का जन आंदोलन

Posted by - October 1, 2023 0
आगरा/लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के.शर्मा (AK Sharma)  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान एवम् मुख्यमंत्री योगी…
Samadhan saptah

ऊर्जा मंत्री ने नंगी एलटी लाइनों को एबी केबिल से बदलने के निर्देश दिए

Posted by - August 26, 2022 0
लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित…
CM Yogi expressed grief over the demise of Bibek Debroy

डॉ. बिबेक देबरॉय का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति : योगी आदित्यनाथ

Posted by - November 1, 2024 0
लखनऊ। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) के चेयरमैन और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. बिबेक देबरॉय (Bibek Debroy) के निधन पर…