Amrit Abhijat

नगरीय निकायों को मिलेगी अधिक स्वायत्तता: SOP संशोधित, अब बिना लागत सीमा के कर सकेंगे कार्य

4 0

लखनऊ: मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में नगर विकास विभाग (Nagar Vikas Vibhag) ने 74 वें संवैधानिक संशोधन 1992 के अनुरूप नगरीय निकायों को और अधिक वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वायत्तता प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। वर्ष 2021 में जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) में व्यापक संशोधन करते हुए नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों के लिए विकास कार्यों की प्रक्रिया को सरल और अधिक जवाबदेह बनाया गया है।

तेज़ी से हो सकेंगे प्रकाश, खड़ंजा और एक मीटर चौड़ी नालियों के कार्य

नगर पंचायतों को एक करोड़ रुपए और पालिका परिषदों को दो करोड़ रुपए तक के कार्य स्वयं करने की अनुमति

बाजार दरों में वृद्धि के कारण शेड्यूल ऑफ रेट्स (SOR) में बदलाव को ध्यान में रखते हुए निकायों की वित्तीय सीमा को पुनः निर्धारित किया गया है। अब सक्षम स्तर से स्वीकृति मिलने पर नगर निकाय मार्ग प्रकाश, खड़ंजा तथा एक मीटर तक चौड़ी नालियों का निर्माण कार्य कर सकेंगे।

इसके अतिरिक्त, नगर पंचायतें एक करोड़ रुपए और नगर पालिका परिषदें दो करोड़ रुपए तक भवन निर्माण एवं अन्य कार्य करा सकती हैं, अभी तक उन्हें केवल 40 लाख तक के कार्य कराने की अनुमति थी|

सड़कों के निर्माण में नई तकनीकें होंगी शामिल, FDR तकनीक के प्रयोग को प्राथमिकता

3.75 मीटर से कम चौड़ी सड़कों पर इंटरलॉकिंग टाइल्स की होगी अनुमति, गुणवत्ता होगी प्रमाणित

नवीन SOP के अनुसार, 3.75 मीटर तक चौड़ी सड़कों पर इंटरलॉकिंग टाइल्स का प्रयोग किया जा सकता है, बशर्ते वह मुख्य मार्ग न हों और उन पर भारी वाहन न चलते हों। इन टाइल्स की गुणवत्ता मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से प्रमाणित होनी अनिवार्य होगी, साथ ही PWD और IRC की तकनीकी विशिष्टियों का पालन करना अनिवार्य किया गया।

3.75 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों के लिए सीसी या डामरीकृत सड़कों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, स्थलीय उपयुक्तता के अनुसार सड़क निर्माण में आधुनिक फुल डेप्थ रेक्लमेशन (FDR) तकनीक का उपयोग भी किया जा सकता है। जिससे निर्माण सामग्रियों की रिसाइक्लिंग संभव हो सकेगी|

नई SOP के तहत 3.75 मीटर से कम चौड़ी सड़कों के लिए KC टाइप नाली और उससे अधिक चौड़ी सड़कों के लिए U-टाइप RCC नाली के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इनका निर्माण लोक निर्माण विभाग और IRC मानकों के अनुसार किया जाएगा।

साथ ही निकायों को निर्देशित किया गया है कि वे वार्डवार सड़क डायरेक्ट्री, अभिलेखीकरण और आवश्यकता अनुसार GIS मैपिंग करें, ताकि दीर्घकालिक योजना बन सके। सभी विकास योजनाएं सड़क, जल निकासी और मार्ग प्रकाश को समाहित करते हुए समेकित रूप में बनाई जाएंगी।

अब दोषपूर्ण निर्माण पर होगी जवाबदेही, वसूली का नया फार्मूला तय

गुणवत्ता में कमी या मापन त्रुटि से अधिक भुगतान हुआ तो ठेकेदार और अभियंता होंगे जिम्मेदार

SOP में किए गए प्रमुख संशोधन के अनुसार, किसी भी निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी या मापन में त्रुटि के कारण यदि अतिरिक्त भुगतान होता है, तो उसकी वसूली ठेकेदार से 50 प्रतिशत और शेष 50 प्रतिशत राशि संबंधित तकनीकी एवं प्रशासनिक अधिकारियों से की जाएगी। वसूली की प्रक्रिया जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित की जाएगी और यदि वसूली न हो सके तो इसे भू-राजस्व की तरह वसूला जाएगा।

प्रमुख सचिव अमृत अभिजात का बयान:

“मुख्य मंत्री जी के मार्गदर्शन में हमारी मंशा है कि नगरीय निकाय ज्यादा सक्षम और उत्तरदायी बनें। संशोधित SOP से स्थानीय निकायों को न सिर्फ वित्तीय स्वायत्तता मिलेगी, बल्कि कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। यह शहरी प्रशासन को जनहित में अधिक प्रभावी बनाएगा।”

यह संशोधित SOP नगरीय प्रशासन के विकेंद्रीकरण और जवाबदेही को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। इससे न केवल नगरीय अवसंरचना के कार्य तीव्र होंगे, बल्कि नागरिकों को बेहतर सुविधाएं और पारदर्शिता का लाभ मिलेगा।

Related Post

मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी के खिलाफ

राहुल के खिलाफ मीनाक्षी लेखी ने दाखिल की अवमानना याचिका, इतने अप्रैल को होगी सुनवाई

Posted by - April 12, 2019 0
नई दिल्ली। भाजपा पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने शुक्रवार यानी आज कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ अदालत में अवमानना याचिका…
मायावती

मायावती की बढ़ी मुश्किलें , 21 चीनी मिल बिक्री मामले में सीबीआई ने दर्ज की FIR

Posted by - April 26, 2019 0
लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 के बीच ही बसपा सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। सीबीआई ने वर्ष 2010-11…