भाजपा के जिस पूर्व सीएम ने की सरकारी भूमि हस्तांतरण की आलोचना वही रहा जमीन कब्जाने में आगे

447 0

जम्मू कश्मीर के दिग्गज भाजपा नेता एवं पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता का नाम राज्य के भीतर जमीन कब्जाने वाली सूची में आया है। अजीब बात ये कि उन्होंने राज्य की जमीन को निजी व्यक्तियों के हाथ में देने के रोशनी अधिनियम (अब रद्द) को गलत बताते हुए इसे भूमि जिहाद बताया था। वकील शेख शकील ने आरटीआई के तहत जो जानकारी हासिल की उसमें के मुताबिक 2010 से 2016 के बीच जम्मू जिले के घैंक गांव की एक जमीन पर कब्जा था।

कविंदर के साथ उस जमीन पर निर्दलीय पार्षद सुभाष शर्मा और शिव रतन गुप्ता का भी नाम है, दोनो ने ही सरकारी जमीन पर कब्जे की बात से इंकार कर दिया है। कविंदर गुप्ता ने माता-पिता की कसम खाते हुए कहा- मुझे नहीं पता कि राजस्व अधिकारियों ने कब्जा की गई जमीन में मेरा नाम कैसे जोड़ दिया।

शर्मा निर्दलीय पार्षद हैं। वह जम्मू नगर निगम में इंद्रा कॉलोनी, जानीपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि शिव रतन गुप्ता इंद्रा कॉलोनी के रहने वाले हैं। हालांकि, गुप्ता और शर्मा ने गांव में सरकारी जमीन पर कब्जा करने से इन्कार किया। कविंदर गुप्ता ने कहा, “मैं अपने माता-पिता की कसम खाता हूं कि मुझे नहीं पता कि राजस्व अधिकारियों ने 23 कनाल और नौ मरला राज्य भूमि से जुड़ी गिरदावरी में मेरे नाम पर कब और कैसे प्रवेश किया और इसे कैसे और कब रद्द कर दिया गया।”

साल 2010 में जम्मू कश्मीर मे नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सरकार थी और कविंदर गुप्ता जम्मू नगर निगम के मेयर थे। उसी दौरान उनके नाम खसरा गिरदावरी (राजस्व विभाग का दस्तावेज जो भूमि और फसल विवरण निर्दिष्ट करता है) में दर्ज किया गया था। हालांकि, इसे नौ फरवरी, 2017 को भलवाल तहसीलदार द्वारा जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के 2011 के आदेश के बाद रद्द कर दिया गया था, जिसमें सरकार को निजी व्यक्तियों के पक्ष में राज्य की भूमि के सभी म्यूटेशन और गिरदावरी को रद्द करने का निर्देश दिया गया था।

खट्टर सरकार का दावा- ऑक्‍सीजन की कमी से नहीं हुई कोई मौत, विपक्ष का काम सिर्फ शोर मचाना

अधिवक्ता शेख शकील के माध्यम से सेवानिवृत्त प्रोफेसर एस के भल्ला द्वारा दायर एक जनहित याचिका में यह निर्देश आया था। गुप्ता तब जम्मू-कश्मीर विधान सभा के अध्यक्ष थे। बता दें कि नवंबर 2020 में डीडीसी चुनावों से पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने ऐसे लोगों की लिस्ट जारी की थी, जिनमें विपक्षी नेता और सेवानिवृत्त नौकरशाह थे। इन्होंने द ऑक्यूपेंट्स एक्ट, 2001 (रोशनी एक्ट भी कहा जाता है) के तहत राज्य की भूमि पर कब्जा कर लिया था।

Related Post

BJP

‘जेड-प्लस’ सुरक्षा में ममता पर हमला कैसे , कहीं वोट के लिए नाटक तो नहीं : बीजेपी

Posted by - March 11, 2021 0
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हुए कथित हमले को लेकर भाजपा (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष…
CM Yogi

हिंदी को राजभाषा बनाने का पं. पंत का प्रयास अतुल्य: मुख्यमंत्री योगी

Posted by - September 10, 2024 0
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री और देश के गृहमंत्री रहे भारत…
गठबंधन की संयुक्त प्रत्याशी पूनम सिन्हा

लखनऊ : गठबंधन उम्मीदवार पूनम सिन्हा के रोड में कांग्रेस प्रत्याशी ने किया प्रचार

Posted by - April 18, 2019 0
लख्रनऊ। सपा-बसपा गठबंधन की संयुक्त प्रत्याशी पूनम सिन्हा ने गुरुवार को लखनऊ लोकसभा सीट से नामांकन किया है। अखिलेश की…