CM Bhajanlal

भजनलाल सरकार ने गुर्जर समाज की मांगों पर चर्चा के लिए बनाई मंत्रिमंडलीय कमेटी

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जयपुर: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार (Bhajanlal Government) ने एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील कदम उठाते हुए गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों पर गंभीरता से विचार करने के लिए मंत्रिमंडलीय कमेटी का गठन किया है। यह कदम न केवल सरकार की सकारात्मक मंशा को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि राज्य सरकार समाज की आवाज़ को नज़दीक से सुनने और समझने को तैयार है।

कमेटी के संयोजक होंगे संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल, जबकि अन्य दो प्रमुख सदस्य सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम होंगे। यह कमेटी संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के साथ संवाद करेगी और उनकी चिंताओं को सरकार तक पूरी संवेदनशीलता से पहुंचाएगी।

गुर्जर समाज ने जताया भरोसा

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने इस पहल का खुले दिल से स्वागत किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “8 जून 2025 को पीलूपुरा महापंचायत में हुए ऐतिहासिक समझौते के तहत मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रीमंडलीय समिति बनाए जाने के लिए हम उनके आभारी हैं। हमें पूरा भरोसा है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal)  के नेतृत्व में सरकार जल्द ही कैबिनेट मीटिंग बुलाकर MBC आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालने की सिफारिश केंद्र को भेजेगी।”

उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि समझौते में शामिल अन्य सभी मांगों को भी तय समय सीमा में सरकार सकारात्मक रूप से पूरा करेगी। समाज में इस पहल को एक उम्मीद की किरण की तरह देखा जा रहा है।

पीलूपुरा महापंचायत बनी थी बदलाव की बुनियाद

यह याद दिलाना जरूरी है कि 8 जून को भरतपुर के पीलूपुरा में आयोजित गुर्जर महापंचायत समाज की एकजुटता और संकल्प का प्रतीक बनी। हजारों की संख्या में आए समाज के लोगों ने शांतिपूर्ण और संगठित तरीके से अपनी मांगें सरकार के सामने रखीं। इस महापंचायत की अगुवाई विजय बैंसला ने की और सरकार से सहमति बनने के बाद दोपहर में इसे समाप्त करने का ऐलान किया गया।

मांगें जो बनीं सहमति का आधार:

MBC आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करने की सिफारिश की जाए।

आंदोलन के दौरान हुए समझौतों की पालना सुनिश्चित की जाए।

सरकारी नौकरियों में 5% आरक्षण का पूर्ण लाभ समाज को मिले।

देवनारायण योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो।

आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।

मृतकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।

REET भर्ती 2018 के बचे हुए 372 पदों पर शीघ्र नियुक्ति की जाए।

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