अयोध्या का 25वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न

अयोध्या का 25वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न

550 0

वैश्विक चुनौतियों के इस समय में विद्यार्थी शिक्षा-जगत में हो रहे परिवर्तनों पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हुए अर्जित किए ज्ञान को जन-कल्याण के लिए यथार्थ के धरातल पर रूपांतरित करने की कला का विकास करें। ये विचार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के विवेकानन्द सभागार में आयोजित 25वें दीक्षांत समारोह में 67 मेधावियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 26 को कुलपति स्वर्ण पदक तथा 17 मेधावियों को विशिष्ट पदक प्रदान करते हुए व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि युवा संसाधन के रूप में यह एक अच्छा अवसर है जब विद्यार्थी देश की सांस्कृतिक व बौद्धिक विरासत को अक्षुण्ण बनाये रखते हुए आर्थिक महाशक्ति के रूप में देश को आगे ले जाने में अपना योगदान प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे ज्ञान व मूल्य सम्पदा के द्वारा विश्वविद्यालय की गरिमा को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र का गौरव बढ़ायें।

आनंदी बेन पटेल ने कहा अर्जित ज्ञान किसानों तक पहुंचायें विद्यार्थी

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय शैक्षणिक कार्य के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी सहभाग करें, ताकि सामाजिक समस्याओं का जल्द ही समाधान हो सके। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अयोध्या की पौराणिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासतों को संजोने एवं उसे नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने में अपना सर्वोत्कृष्ट योगदान दिया है। उसी योगदान के परिणाम स्वरूप दिव्य-दीपोत्सव जैसे महा अभियान में विश्वविद्यालय के सात हजार स्वयं सेवकों, छात्रों तथा शिक्षकों ने एक साथ सरयू नदी के घाटों पर छह लाख छह हजार पॉच सौ उनहत्तर दीपक जलाकर गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में चौथी बार नाम दर्ज कराया, जिससे पूरे भारत में विश्वविद्यालय ने अपना नाम रोशन किया।

कैदी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय ने परिसर में वीमेन ग्रीवेंस एवं वेलफेयर सेल की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि परिसर के प्लेसमेंट सेल द्वारा छात्र-छात्राओं को रोजगार के अवसर प्राप्त करना, उनके व्यक्तित्व विकास के कार्यक्रम संचालित कराना तथा कोविड-19 की चुनौतियों में

ऑनलाइन प्लेसमेंट कराना विश्वविद्यालय का सराहनीय कदम है।
श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की संकल्पना समाज की आवश्यकता तथा विद्यार्थियों की रचनात्मक सोच, तार्किकता एवं नवाचार की भावना पर आधारित है।

नई शिक्षा नीति में भारत की परम्परा, विरासत, सांस्कृृतिक मूल्यों एवं तकनीकी ज्ञान तथा कौशल विकास में समन्वय स्थापित करने का सफल प्रयास किया गया है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं विश्व मौसम विज्ञान संगठन के प्रतिनिधि डॉ. लक्ष्मण सिंह राठौर, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, विशिष्ट अतिथि एवं प्रदेश के उच्च शिक्षा व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्रीमती नीलिमा कटियार, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह आदि  उपस्थित थे।

Related Post

CM Yogi inaugurated 100 feet high tricolor

यमकेश्वर के विथ्याणी पहुंचे सीएम योगी, 100 फिट ऊंचे तिरंगे का किया उद्घाटन

Posted by - February 6, 2025 0
देहारादून। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) यमकेश्वर के विथ्याणी पहुंचे। जहां उन्होंने ब्रम्हलीन राष्ट्रसंत महंत अवेदनाथ महाराज…
CM Dhami honored 261 students of Sanskrit education

संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा : मुख्यमंत्री ने 261 छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित

Posted by - February 16, 2025 0
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित…
Yogi government's police destroyed the criminals

योगी सरकार की पुलिस ने अपराधियों को किया नेस्तनाबूद, मुठभेड़ में 9 हजार से अधिक अपराधियों को लगी पैर में गोली

Posted by - July 17, 2025 0
लखनऊ: योगी सरकार की मजबूत कानून व्यवस्था देश ही नहीं विदेशों में भी सुर्खियों में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के…