कोविड-19 के खात्मे के लिए 23.4 बिलियन डॉलर की जरूरत- WHO

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जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गुरुवार को कहा कि उसे अगले 12 महीनों में कोविड-19 के खात्मे के लिए 23.4 बिलियन डॉलर की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेसस ने जी20 देशों से कहा है कि आपको लीडरशिप दिखाते हुए हमारी मदद करनी चाहिए और फंड रिलीज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम गरीब देशों को अकेला नहीं छोड़ सकते। बता दें कि जी20 देशों की बैठक इस सप्ताह के आखिर में रोम इटली में होगी।

डॉ. टेड्रोस ने कहा, हमें कोरोना वैक्सीन, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के लिए पैसे की जरूरत है। इससे भविष्य में तकरीबन 50 लाख मौतों को रोका जा सकता है। जी20 देशों में इस महामारी के खिलाफ कार्रवाई करने की राजनीतिक और आर्थिक क्षमताएं हैं। हम एक निर्णायक क्षण में हैं, दुनिया को सुरक्षित बनाने के लिए निर्णायक नेतृत्व की आवश्यकता है। डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व वाले कोविड टूल्स एक्सेलेरेटर तक पहुंच का उद्देश्य महामारी से निपटने के लिए उपकरणों का विकास, उत्पादन, खरीद और वितरण करना है। संगठन ने कहा कि 23.4 बिलियन डॉलर का फंड दुनिया के खरबों डॉलर के आर्थिक नुकसान की तुलना में काफी कम है।

अब काम करने का समय है- डब्ल्यूएचओ

डॉ. टेड्रोस ने कहा, एसीटी-एक्सेलरेटर के लिए फंड देना हम सभी के लिए एक वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जरूरी है। अब कार्रवाई करने का समय है। अब तक केवल 0.4% टेस्ट और 0.5% वैक्सीन खुराक का उपयोग कम आय वाले देशों में किया गया है, जो दुनिया की आबादी का 9% हैं। WHO ने कहा कि उसकी योजना एसीटी-ए को गरीब देशों को टारगेट करना है।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा, यह असमानता अफ्रीकी महाद्वीप में ज्यादा दिखाई देती है, यहां सिर्फ 8% आबादी को कोरोना वैक्सीन की एक खुराक मिली है।54 में से केवल 5 अफ्रीकी देशों को डब्ल्यूएचओ के साल के अंत में अपनी 40% आबादी को पूरी तरह से टीका लगाने के लक्ष्य को पूरा करने का अनुमान है।

कोवैक्स ने 425 मिलियन खुराक की डिलीवरी की

एसीटी-ए ने कोवैक्स फैसिलिटी को जन्म दिया था, जिसका यह सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया था कि गरीब देशों में भी वैक्सीन पहुंचे। क्योंकि पहले भविष्यवाणी सही साबित हुई थी, जिसमें कहा गया था कि अमीर देश वैक्सीन प्रोडक्शन लाइन को हथिया लेंगे और गरीब देशों को कुछ नहीं मिलेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक, कोवैक्स ने 144 क्षेत्रों में 425 मिलियन खुराक की डिलीवरी की है।

बूस्टर डोज की जरूरत
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि इस योजना के लिए दान की गई एक अरब से अधिक खुराक देने का वादा किया गया था, लेकिन केवल लगभग 15% ही वास्तव में सफल हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 62 देशों ने बूस्टर देना शुरू कर दिया है और दूसरे देश इस पर कदम उठाने पर सोच रहे हैं। स्वामीनाथन ने कहा कि हर दिन लगभग एक मिलियन बूस्टर खुराक इंजेक्ट किए जा रहे थे यानी कम आय वाले देशों में लगाए जा रहे टीकों की संख्या से भी तीन गुना।

डब्ल्यूएचओ साल के अंत तक बूस्टर पर राहत चाहता है, ताकि गरीब देशों के लिए मुफ्त दी जा सके। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने महामारी के दौरान आपातकालीन उपयोग के लिए छह टीकों को अधिकृत किया है। संगठन के टीके प्रमुख मारियांगेला सिमाओ ने कहा कि एजेंसी भारत के भारत बायोटेक सहित आठ उम्मीदवारों का आंकलन कर रही है, जिस पर वह अगले सप्ताह प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की उम्मीद कर रही है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एसीटी-ए ने अब तक 128 मिलियन से अधिक परीक्षण किए हैं। इसने आवश्यक ऑक्सीजन, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और उपचार आपूर्ति को भी बढ़ावा दिया है। इसमें डेक्सामेथासोन की लगभग तीन मिलियन खुराक भी शामिल हैं।

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