सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को फटकारा, कहा- आजादी के इतने वर्ष बाद भी राजद्रोह कानून क्यों?

502 0

देशद्रोह विरोधी कानून की संवैधानिक वैधता को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जहां जजों ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा- यह कानून अंग्रेजो को जमाने का है, वह स्वतंत्रता आंदोलन को कुचलने के लिए इसका इस्तेमाल करते थे। कोर्ट ने आगे कहा- आजादी के 75 साल बाद भी ऐसा कानून कि क्या जरूरत है? इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है, केंद्र कानून को हटाती क्यों नहीं?

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा इस कानून का प्रयोग महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक जैसे आंदोलनकारियों के खिलाफ हुआ था। बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों में सरकार के खिलाफ उठती आवाजों को इस कानून के जरिए दबाने की कोशिश की जाती रही है, कोर्ट अक्सर लोगों को बाइज्जत बरी करता है।

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके विचार में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 124 ए, 153 ए और 505 के प्रावधानों के दायरे और मापदंडों की व्याख्या की आवश्यकता होगी। ख़ासकर इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के समाचार और सूचना पहुँचाने के सन्दर्भ में। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस व्याख्या का हिस्सा वे समाचार या सूचनायें भी होंगी जिनमे देश के किसी भी हिस्से में प्रचलित शासन की आलोचना की गई हो।

भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के अनुसार, जब कोई व्यक्ति बोले गए या लिखित शब्दों, संकेतों या दृश्य प्रतिनिधित्व द्वारा या किसी और तरह से घृणा या अवमानना या उत्तेजित करने का प्रयास करता है या भारत में क़ानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति असंतोष को भड़काने का प्रयास करता है तो वह राजद्रोह का आरोपी है।

कांवड़ यात्रा रोकने के लिए मुस्तैद उत्तराखंड सरकार, पूरा हरिद्वार सील

राजद्रोह एक ग़ैर-जमानती अपराध है और इसमें सज़ा तीन साल से लेकर आजीवन कारावास और जुर्माना है।केदार नाथ सिंह बनाम बिहार राज्य (1962) के मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 124ए के बारे में कहा था कि इस प्रावधान का इस्तेमाल “अव्यवस्था पैदा करने की मंशा या प्रवृत्ति, या क़ानून और व्यवस्था की गड़बड़ी, या हिंसा के लिए उकसाने वाले कार्यों” तक सीमित होना चाहिए।

Related Post

एकेटीयू

सामूहिक नक़ल वाले सेंटरों के परीक्षार्थियों ने एकेटीयू में दी परीक्षा

Posted by - March 13, 2020 0
लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने परीक्षा प्रणाली के डिजिटाईजेशन के माध्यम से हाल ही में आयोजित विषम…
UCC

UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड, विशेषज्ञ समिति धामी सरकार को जल्द सौंप सकती है रिपोर्ट

Posted by - January 27, 2024 0
देहारादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) के नेतृत्व में उत्तराखंड एक और इतिहास रचने की तैयारी में है। जल्द…
यौन उत्पीड़न

यौन उत्पीड़न के मामले में गोगोई का खुद सुनवाई करना कानूनन गलत : संतोष हेगड़े

Posted by - April 23, 2019 0
नई दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में खुद सुनवाई करना कानून…
मोदी बायोपिक

मोदी बायोपिक: चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट, जानें होगी अगली सुनवाई

Posted by - April 22, 2019 0
नई दिल्ली। पीएम मोदी के जीवन पर बनी फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की रिलीज को लेकर चुनाव आयोग ने सील…