राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने परम मित्र से मिलने 27 जून को जा रहे कानपुर देहात

783 0

आधुनिक युग में लोगों का मानना है कि यदि जिंदगी में अगर कोई कुछ बन जाता है या फिर किसी अच्छे मुकाम पर पहुच जाता है तो वह अपनों को भी भूल जाता है। लेकिन देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पुराने दोस्तों को नहीं भूले हैं। इसी के चलते राष्ट्रपति खुद अपने बीमार दोस्त से मिलने कानपुर देहात आ रहे हैं। कानपुर देहात निवासी सतीश मिश्रा को जैसे राष्ट्रपति की आने जानकारी मिली तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। साथ ही अपने आप को धन्य मान रहे हैं कि राष्ट्रपति दोस्ती के खातिर उनसे मिलने कानपुर देहात आ रहे हैं। राष्ट्रपति के कानपुर देहात आने की जानकारी मिलने के बाद बीमार सतीश मिश्रा में नई ऊर्जा आ गई है।

दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और कानपुर देहात के ग्रामीण इलाके भोगनीपुर के पुखरायां निवासी सतीश मिश्रा करीब 30 वर्षों से घनिष्ठ मित्र हैं। इन दिनों सतीश मिश्रा की तबीयत बेहद खराब चल रही है। अपने मित्र सतीश के बीमार होने की जानकारी जब राष्ट्रपति को हुई। तो सबसे पहले उन्होंने फोन कर सतीश से बात की और कानपुर देहात आकर सतीश को देखने का वादा भी किया। अपने व्यस्त शेड्यूल की परवाह न करते हुए राष्ट्रपति अपने परिवार के साथ कानपुर देहात अपने परम् मित्र सतीश से मिलने आ रहे हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के 27 जून को कानपुर देहात दौरे से जहां जनपद के लोगों में खुशी है। वहीं, सभी अपने आप को गौरान्वित मान रहे हैं कि, राष्ट्रपति पहले तो कानपुर देहात के रहने वाले हैं और दूसरा की वे अब 27 जून को कानपुर देहात आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उनके परम मित्र पुखरायां के सतीश मिश्रा की खुशी का कोई ठिकाना ही रह गया है। सतीश जहां राष्ट्रपति जी के आने की अनुभूति कर रहे हैं। वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ बिताए पुराने समय को याद कर रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति के दोस्त सतीश मिश्रा ने बताया कि वह और रामनाथ कोविंद बीएनएसडी कॉलेज में पढ़ते थे। जहां उनकी पहली बार मुलाकात हुई थी। यही हाल डीएवी कॉलेज में भी रहा। इसके बाद राष्ट्रपति एलएलबी करने लगे और वह पुखरायां वापस आ गए थे। उन्होंने बताया कि 1991 में जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर की घाटमपुर से लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने आए थे। इस दौरान फिर से पुरानी यादें ताजा हो गईं और मुलाकात होने लगीं।

सतीश मिश्रा ने बताया कि कस्बे के ही एक और मित्र रहे स्व.केदार द्विवेदी ने रामनाथ कोविंद को संघ के वीरेश्वर द्विवेदी से मिलवाया था और फिर अशोक सिंघल से उनका संपर्क कराया था। जिसके बाद उनकी दोस्ती और पक्की हो गई। सतीश मिश्रा यह भी बताते हैं कि, दोस्ती गहरी होने के बाद हर छोटे बड़े कार्यक्रमों में भी परिवार के साथ आना-जाना रहता रहा है। राष्ट्रपति अपने हर कार्यक्रम में उन्हें जरूर बुलाते हैं। 8 अगस्त 2015 में जब रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल बने तो उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में विशेष अतिथि के रूप में बुलाया था। 20 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह में भी वह दिल्ली गए थे। अब 27 जून को राष्ट्रपति उनसे मिलने के लिए अपने परिवार के साथ आ रहे हैं। जिसको लेकर बेहद खुश हैं।

Related Post

Maha Kumbh

मुक्ति का मार्ग दिखाते हैं प्रयागराज के तीर्थपुरोहित प्रयागवाल

Posted by - December 18, 2024 0
महाकुम्भनगर। तीर्थराज प्रयागराज का नाम आते ही हमारी स्मृति में त्रिवेणी संगम और महाकुम्भ (Maha Kumbh) का नाम आता है।…
जेएनयू में बढ़ी फीस घटाई

जेएनयू में छात्रों के प्रदर्शन के आगे झुकी सरकार, बढ़ी हुई फीस घटाई

Posted by - November 13, 2019 0
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों के लगतार विरोध-प्रदर्शन ने मोदी सरकार को झुकने को मजबूर कर दिया।…
CM Yogi

इस चुनावी महाभारत में दुर्योधन और दुशासनों के खिलाफ कृष्ण की भूमिका में हैं पीएम मोदीः सीएम योगी

Posted by - May 15, 2024 0
जालौन । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने बुधवार को जालौन लोकसभा क्षेत्र के उरई में केंद्रीय मंत्री और भाजपा, अपना…

नरेंद्र तोमर के प्रस्ताव पर बोले राकेश टिकैत, 10 साल तक जारी रह सकता है प्रदर्शन

Posted by - September 27, 2021 0
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन अब भी जारी है। संयुक्त किसान मोर्चा…