लखनऊ। उत्तर प्रदेश की समृद्ध कला, हस्तशिल्प (Handicrafts) और पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय–अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार (Yogi Government) लगातार निर्णायक कदम उठा रही है। ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ODOP) के माध्यम से परंपरागत शिल्प की चमक लौटाने वाली योगी सरकार अब प्रधानमंत्री एकता मॉल के जरिए 75 जिलों की पहचान को देश-दुनिया में स्थापित करने की तैयारी में है।
परंपरागत उद्योगों को मिलेगी संजीवनी
ग्रामीण क्षेत्रों में दम तोड़ रहे परंपरागत उद्योगों को फिर से खड़ा करने के लिए सरकार की ओर से बढ़ाया गया यह कदम न सिर्फ शिल्पकारों की आजीविका को मजबूत कर रहा है, बल्कि स्थानीय उत्पादों को “स्वदेशी की नई ताकत” के रूप में स्थापित भी कर रहा है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना पीएम एकता मॉल राज्यों में स्थानीय उत्पादों की बिक्री, प्रदर्शन और ब्रांडिंग का बड़ा केंद्र बनकर उभर रही है।
आगरा, वाराणसी और लखनऊ में तेजी से आकार ले रहे ‘एकता मॉल’
मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रदेश के प्रमुख शहरों में अत्याधुनिक पीएम एकता मॉल का निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है। आगरा के शिल्पग्राम में 128.85 करोड़ रुपये की लागत से 11.53 एकड़ में निर्माण कार्य प्रगति पर है। यहां ब्रज, आगरा, फिरोजाबाद और आस-पास के जिलों के उत्पादों की देशभर में ब्रांडिंग होगी।
वहीं, वाराणसी के गंगानगर कॉलोनी में 154.71 करोड़ रुपये की लागत से 1.46 एकड़ में बन रहे एकता मॉल में काशी की प्राचीन बनारसी साड़ी, ज़री-ज़रदोज़ी, लकड़ी खिलौने, रुद्राक्ष जैसे उत्पादों को नई ऊंचाई मिलेगी। लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में 64 करोड़ रुपये की लागत से 4.86 एकड़ में अगले वर्ष दिसंबर 2026 तक एकता मॉल स्थापित किया जाएगा। यहां अवध की चिकनकारी, ज़री कार्य और अन्य स्थानीय उत्पादों को विशाल बाजार उपलब्ध होगा।
रोजगार व ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती
एकता मॉल न सिर्फ स्थानीय उत्पादों की बिक्री बढ़ाएंगे, बल्कि हजारों नए रोजगार पैदा होंगे। साथ ही, कारीगरों, महिलाओं और युवाओं को बड़ा बाजार मिलेगा। यही नहीं, प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी। योगी सरकार की यह पहल आपदा के बाद संघर्ष कर रहे छोटे कारीगरों के लिए वरदान साबित होने वाली है। ODOP से मिली नई पहचान अब एकता मॉल के जरिए वैश्विक विस्तार की ओर बढ़ रही है।

