Mango

आम के उत्पादन में ही नहीं निर्यात में भी नंबर वन बनेगा यूपी

159 0

लखनऊ। आम (Mango) की रंगीन प्रजातियों की यूएस और यूरोपियन देशों में अच्छी मांग है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) द्वारा पिछले कुछ वर्षों में रिलीज हुई अरुणिका और अंबिका भी रंगीन हैं। जल्दी रिलीज होने वाली अवध समृद्धि भी रंगीन है। अवध मधुरिमा जो रिलीज होने की पाइप लाइन में है, वह भी रंगीन है। ऐसे में इनके निर्यात की संभावना बढ़ जाती है। योगी सरकार की मंशा सिर्फ आम (Mango) के उत्पादन में ही नहीं निर्यात में भी उत्तर प्रदेश को नंबर वन बनाने की है।

निर्यात मानकों को पूरा करने के लिए जेवर के पास रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करेगी योगी सरकार

यूएस और यूरोपियन देशों के निर्यात मानकों को पूरा करने के लिए सरकार जेवर एयरपोर्ट के पास रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करेगी। अभी तक उत्तर भारत में कहीं भी इस तरह का ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है। इस तरह के ट्रीटमेंट प्लांट सिर्फ मुंबई और बेंगलुरु में है। इन्हीं दो जगहों के आम की प्रजातियों (अलफांसो, बॉम्बे ग्रीन, तोतापारी, बैगनफली) की निर्यात में सर्वाधिक हिस्सेदारी भी है। ट्रीटमेंट प्लांट न होने से संबंधित देशों के निर्यात मानक के अनुसार ट्रीटमेंट के लिए इनको मुंबई या बेंगलुरु भेजिए। ट्रीटमेंट के बाद फिर निर्यात कीजिए। इसमें समय और संसाधन की बर्बादी होती है। साथ ही सेल्फ लाइन कम होने से गुणवत्ता भी खतरे में रहती है। इसीलिए योगी सरकार पीपीपी मॉडल पर जेवर इंटर नेशनल एयरपोर्ट के पास रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट लगाने जा रही है। रेडिएशन ट्रीटमेंट तकनीक में निर्यात किए जाने वाले फल, सब्जी,अनाज को रेडिएशन से गुजरा जाता है। इससे उनमें मौजूदा कीटाणु मर जाते हैं और ट्रीटेड उत्पाद की सेल्फ लाइफ भी बढ़ जाती है।

प्लांट चालू होने पर यूपी के आम के लिए यूएस और यूरोप के बाजार तक पहुंच होगी आसान

ट्रीटमेंट प्लांट चालू होने पर उत्तर प्रदेश के आम बागवानों के लिए यूएस और यूरोपियन देशों के बाजार तक पहुंच आसान हो जाएगी। चूंकि उत्तर प्रदेश में आम (Mango) का सबसे अधिक उत्पादन होता है, इसलिए निर्यात की किसी भी नए अवसर का सर्वाधिक लाभ भी यहीं के बागवानों को मिलेगा।

उपज और गुणवता बढ़ाने के लिए पुराने बागों के कैनोपी प्रबंधन के बारे शासनादेश जारी कर चुकी है योगी सरकार

पुराने बागों की उपज और गुणवत्ता सुधारने के लिए आम के कैनोपी प्रबंधन की जरूरत होती है। इस काम में गतिरोध दूर करने के लिए योगी सरकार शासनादेश भी जारी कर चुकी है। वैज्ञानिक लगातार बागवानों को पुराने बागों की इस विधा से प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। कुछ समय बाद आम की उपज और गुणवत्ता पर इसका असर दिखेगा।

आम (Mango) के निर्यात की संभावनाएं

आम (Mango) के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। खासकर अमेरिका और यूरोपीय देशों में। पिछले दिनों सीआईएसएच रहमानखेड़ा (लखनऊ) में आम पर आयोजित राष्ट्रीय गोष्ठी में इजरायल के वैज्ञानिक युवान कोहेन ने कहा भी था कि भारत को यूरोपीय बाजार की पसंद के अनुसार आम का उत्पादन करना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हरदम किसानों से कृषि विविधिकरण और बाजार की मांग के अनुसार फसल लेने पर जोर देते हैं। हालांकि आम के उत्पादन में भारत में भारत नंबर एक है। देश के उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी एक तिहाई से अधिक है।

उत्पादन में नंबर एक, निर्यात में फिसड्डी

पर जब बात आम (Mango) के निर्यात की आती है तो भारत फिसड्डी देशों में शामिल है। आम के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी मात्र 0.52 फीसद है। आम (Mango) के प्रमुख निर्यातक देश हैं, थाईलैंड, मैक्सिको, ब्राजील, वियतनाम और पाकिस्तान आदि। इनके निर्यात का फीसद क्रम से 24, 18, 11, 5 और 4.57 है। ऐसे में वैश्विक बाजार में भारत के आम के निर्यात की अपार संभावना है।

चौसा और लंगड़ा की यूएस और यूरोपियन बाजार में ठीक ठाक मांग

पिछले साल इनोवा फूड के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि उत्पादन आयुक्त देवेश चतुर्वेदी से मुलाकात की थी। निर्यात के बाबत बात चली तो उन लोगों ने बताया कि यूएस और यूरोपियन बाजार में चौसा और लगड़ा की ठीक ठाक मांग है। उनके निर्यात के मानकों को पूरा किया जाय तो उत्तर प्रदेश के लिए यह संभावनाओं वाला बाजार हो सकता है। मालूम हो कि ये दोनों प्रजातियां उत्तर प्रदेश में ही पैदा होती हैं। जरूरत सिर्फ बाजार की मांग के अनुसार आम के उत्पादन और संबंधित देशों के निर्यात मानकों को पूरा करने की है। इसके लिए योगी सरकार संभव प्रयास भी कर रही है।

रंगीन आम (Mango) सिर्फ आकर्षक ही नहीं पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं

आम (Mango) की लाल रंग की प्रजातियां सिर्फ देखने में ही आकर्षक नहीं होती। स्वाद के लिहाज से भी ये बेहतर हैं। आम या किसी भी फल के लाल रंग के लिए एंथोसायनिन जिम्मेदार होता है। इससे इसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है। अब तक के शोध बताते हैं एंथोसायनिन मोटापे और मधुमेह की रोकथाम में सहायक हो सकता है।

यह संज्ञानात्मक और मोटर फ़ंक्शन को मॉड्यूलेट करने, याददाश्त बढ़ाने और तंत्रिका कार्य में उम्र से संबंधित गिरावट को रोकने में भी मददगार हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट भी सेहत के लिए जरूरी है। इसमें एंटीइंफ्लेमेट्री गुण भी पाए जाते हैं। साथ ही आम में मिलने वाले अतिरिक्त पोषक तत्व भी।

Related Post

Dams

यूपी के बांध बनेंगे टूरिस्ट स्पॉट, योगी सरकार डेवलप करेगी इन्फ्रास्ट्रक्चर

Posted by - April 19, 2025 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्प है।…
CM Yogi

सीएम योगी की मतदाताओं से अपील, आतंकवादियों की समर्थक सपा को कतई वोट न देना

Posted by - May 5, 2024 0
हरदोई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि अपने शासनकाल में समाजवादी पार्टी आतंकवादियों के मुकदमों को वापस लेने…
Maha Kumbh

एकता का महाकुम्भ: पिंकी की मम्मी एक नंबर ब्रिज पर पहुंचें, उनकी बेटी उनका इंतजार कर रही है…

Posted by - January 13, 2025 0
महाकुम्भ नगर। ‘अंबिकापुर छत्तीसगढ़ के रहने वाले शिवम और युवराज भूला भटका शिविर में पहुंचें, यहां श्याम शर्मा आपका इंतजार…
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की पीएम मोदी ने की अगवानी, राष्ट्रपति भवन में स्वागत

Posted by - November 29, 2019 0
नई दिल्ली। श्रीलंका में सत्ता की बागडोर संभालने के बाद शुक्रवार को भारत दौरे पर नवनियुक्त राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पहुंच…