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जाति आधारित जनगणना कराने की राज्यसभा में उठी मांग

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नई दिल्ली । सदन के उच्च सदन में जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) कराने की मांग उठी। शून्यकाल में यह मुद्दा कांग्रेस और राजद द्वारा उठाया गया। इस दौरान 2021 की जनगणना में जाति के आधार पर भी वर्गीकरण किए जाने की मांग की।

 राज्यसभा में मंगलवार को सदस्यों ने जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census)  कराए जाने की मांग की और कहा कि आरक्षण के अलावा लोगों की सामाजिक पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए ऐसा करना जरूरी है।

राजद सदस्य मनोज कुमार झा और कांग्रेस की छाया वर्मा ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और 2021 की जनगणना में जाति के आधार पर भी वर्गीकरण किए जाने की मांग की।

झा ने कहा कि पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय ने आरक्षण में 50 प्रतिशत की मौजूदा सीमा बढ़ाने के बारे में सुझाव मांगे हैं।  उन्होंने कहा कि इस लिहाज से भी जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census)  जरूरी है। उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर जनगणना से वास्तविक आंकड़े सामने आ सकेंगे और फिर विभिन्न फैसले लेने में भी आसानी होगी।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच भी आम राय है।

छाया वर्मा ने कहा कि सरकार पिछले नीतिगत निर्णय का हवाला देते हुए इस मांग को अस्वीकार कर देती है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसके लिए नीतिगत निर्णय में बदलाव लाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जनगणना में पशुओं, टीवी, गाड़ी आदि का ब्यौरा एकत्र किया जा सकता है तो जाति आधारित जनगणना में क्या दिक्कत हो सकती है? उन्होंने कहा कि जनगणना में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं लेकिन जाति के आधार पर गणना नहीं की जाती।

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शून्यकाल में ही जद (यू) के रामनाथ ठाकुर ने बड़े पैमाने पर खाद्यान्न के बर्बाद होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने मांग की कि देश में पर्याप्त भंडारण सुविधा विकसित की जानी चाहिए जिससे खाद्यान्न को सुरक्षित रखा जा सके और जरूरतमंद लोगों के बीच उनका वितरण किया जा सके। उन्होंने खाद्यान्न को बर्बाद होने से बचाने के लिए स्कूलों और आम लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने की जरूरत पर भी बल दिया।

द्रमुक के एम षणमुगम ने कोविड महामारी के दौरान तमिलनाडु में मुफ्त राशन के वितरण में कथित गड़बड़ी होने का मुद्दा उठाया और इसकी जांच कराए जाने की मांग की।

शून्यकाल में ही टीआरएस सदस्य केआर सुरेश रेड्डी ने महिलाओं की शिक्षा के लिए राजा बहादुर राम वेंकट रेड्डी के योगदान का जिक्र किया और उनकी 150वीं जयंती पर डाक टिकट जारी किए जाने की मांग की।

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