एसडीएम रोशनी

मैम मेरे पिता एक्सपायर हो गए हैं, मुझे घर पहुंचवा दीजिये…

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लखनऊ। मैम मेरे पिता एक्सपायर हो गए हैं, प्लीज मुझे घर पहुंचवा दीजिये…ये गुहार लॉकडाउन में अपने घर से करीब 300 किलोमीटर दूर फंसी एक बेटी ने एसडीएम रोशनी से लगाई। जानकारी मिलते ही एसडीएम ने अपने दल-बल के साथ बेटी तक मदद पहुंचाई जिसकी बदौलत उसे अपने पिता के अंतिम दर्शन नसीब हो सके।

कोरोना महामारी को लेकर सम्पूर्ण देश में लॉकडाउन है। ऐसे में जो जहां था वो वहीं पर सीमित हो गया है। सबसे ज्यादा समस्या उन लोगों को आ रही है जो अपने घरों व परिवार से दूर कहीं बाहर रह रहे थे। उन्हें इतना समय मिला ही नहीं कि वह अपने घरों को लौट सके जहां थे वहीं आइसोलेशन में रहने को मजबूर हैं। प्रशासन और पुलिस दिन रात मुस्तैद होकर तमाम लोगों तक हर जरूरी सामान पहुंचा रहा है जिससे कि उनकी दैनिक क्रिया चलती रहे। किसी भी तरह कि परेशानी न होने पाए। शनिवार को भी एक ऐसा ही मामला देखने को मिला जहां एक अधिकारी ने ऑफ ड्यूटी रहते हुए भी बता दिया कि फर्ज के आगे समय और नींद कुछ भी मायने नहीं रखता है।

आधी रात ऑफ ड्यूटी आई एसडीएम के प्राइवेट नंबर पर मदद के लिए कॉल

महाराजगंज निवासी अन्नपूर्णा लखनऊ यूनिवर्सिटी में पीजी प्रथम वर्ष की छात्रा है। लखनऊ में ही उसने गर्ल्स पीजी ले रखा है। करोड़ों आमजनों की तरह वह भी लॉकडाउन में अपने परिवार से दूर ही फंसी हुई थी। शुक्रवार देर रात करीब 10 बजे किसी परिचित द्वारा अन्नपूर्णा को जानकारी मिली कि उसके पिता की आकस्मिक मौत हो गई है। घर पर सम्पर्क करने पर भी साफ जवाब नहीं मिल सका ऐसे में अन्नपूर्णा को शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है। उसने अपने साथियों से सहायता मांगी।

लॉक डाउन के बीच अन्नपूर्णा के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी अपने शहर पहुंच पिता के अंतिम दर्शन करने की। ऐसे में उनके एक दोस्त ने कलेक्ट्रेट परिसर से सम्बद्ध एसडीएम रोशनी यादव (जो कि कंट्रोल रूम की ज़िम्मेदारी संभाल रहीं हैं) का नंबर दिया और कहा कि आप इनसे मदद मांगे। भोर में ही 5 बजे रोशनी के पास लगातार फोन आने शुरू हो गए। उन्हें फ़ोन पर सारी समस्या की जानकारी मिली। उन्होंने अन्नपूर्णा की हर मदद करने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि आप जल्दी से ऑनलाइन-पास रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर दीजिए।

इसके बाद जैसे ही रजिस्ट्रेशन नंबर मिला तैसे ही उन्होंने लखनऊ से महाराजगंज के लिए अन्नपूर्णा का पास जारी कर दिया साथ ही साथ घर पहुंचने के लिए गाड़ी की भी व्यवस्था करवाई। पास मिलने के साथ ही वह अपने एक क्लास-मेट्स के साथ सुबह घर के लिए निकल पाई।

मुझे सुबह प्राइवेट नम्बर पर कॉल आया कि मैम मेरी मदद कर दीजिए। मेरे पिता की डेथ हो गई है और मैं लखनऊ में ही फंसी हूँ मुझे अपने गांव महराजगंज जाना है। लॉक डाउन में क्योंकि शहर की सारी सीमाएं सील हैं ऐसे में बिना गाड़ी पास के उसका घर पहुंचना मुश्किल था। ऐसे में मुझसे जो मदद हो सकती थी मैं करने का प्रयास किया।

एसडीएम रोशनी यादव, लखनऊ

मुझे अन्नपूर्णा का कॉल देर रात को आया। वो बहुत रो रही थी पूछने पर उसने बताया कि उसके पिता की डेथ हो गई है। ऐसे में उसे अपने घर जाना है। मैंने अपने कुछ साथियों से कंसल्ट किया तब जाकर मेरे एक साथ ने रोशनी जी का नंबर दिया। हमने उन्हें कॉल की और मदद के लिए कहा। उन्होंने पास के साथ ही गाड़ी का अरेंजमेंट करवाकर बहुत सहायता की।

पंकज कुमार, अन्नपूर्णा का क्लास-मेट

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