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होमगार्ड वेतन घोटाला : लखनऊ जिला कमांडेंट कृपा शंकर पांडेय गिरफ्तार

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लखनऊ। यूपी में होमगार्ड वेतन घोटाला मामले में गुरुवार को लखनऊ के जिला कमांडेंट कृपा शंकर पांडेय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही होमगार्ड वेतन घोटाले में कार्रवाई ने रफ्तार पकड़ ली है। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कृपा शंकर पांडेय के खिलाफ काफी सबूत मिले। जिसके बाद गुडंबा के निरीक्षक ने गोमतीनगर थाने में पांडेय के खिलाफ अमानत में खयानत, धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज कराया।

डीजीपी ने बताया कि इस मामले में जो कोई भी शामिल होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसी क्रम में आज लखनऊ से गिरफ्तारी की गई है। इस मामले में कल पांच अधिकारियों व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था। डीजीपी ने बताया कि कमांडेंट कृपा शंकर पांडेय ने फर्जी मस्टररोल से गबन किया है। राजधानी के सिर्फ एक थाने में दो महीनों में पांच लाख रुपये का घोटाला हुआ। गुडंबा थाने में सिर्फ नौ जवानों को तैनात किया गया और 23 जवानों की तैनाती दिखाकर फर्जी बिल से पैसे ट्रेजरी से निकाले गए।

फर्जी ड्यूटी लगाकर सरकारी धन के बंदरबांट का आरोप

नोएडा में होमगार्ड के वेतन और तैनाती से जुड़े घोटाले के मामले में नोएडा पुलिस ने बुधवार को अलीगढ़ में तैनात डिवीजनल कमांडेंट होमगार्ड राम नारायण को गिरफ्तार किया है। राम नारायण की 13 सितंबर को यहां पर ही तैनाती हुई थी।

घोटाले की तीन सदस्यीय कमेटी कर रही है जांच

उत्तर प्रदेश में होमगार्डों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर उनका वेतन हड़पने का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में दो महीने की जांच के बाद इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जिले में तैनात होमगार्ड विभाग के अफसरों पर यह आरोप लगने के बाद महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। मामले की जांच के लिए शासन ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है और 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है।

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आशंका जताई जा रही है कि अगर एक जिले में इस तरह की गड़बड़ी हो रही है, तो अन्य जिलों में भी ऐसा संभव है। होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश में होमगार्ड के वेतन का ऑडिट करवाया जाएगा और फर्जीवाड़े की जांच डीआईजी होमगार्ड करेंगे। इस मामले में डीजीपी ओपी सिंह के निर्देश पर एफआईआर दर्ज करा दी गई है।

एक प्लाटून कमांडर के शिकायती पत्र ने खोल कर रख दी पोल

फर्जी मास्टर रोल, थाने की फर्जी मोहर की पोल एक प्लाटून कमांडर के शिकायती पत्र ने खोल कर रख दी। मामले की जांच एसएसपी के आदेश पर एसपी सिटी ने की तो पाया की यह पूरा खेल होमगार्ड विभाग के एक संगठित गिरोह के माध्यम से होता है। कुछ होमगार्ड ड्यूटी पर नहीं आते, लेकिन होमगार्ड विभाग के अधिकारी थानों में उनकी उपस्थिति दिखाकर उनका वेतन निकाल लेते हैं।

एसएसपी ने बताया कि जांच कराई तो पता चला कि होमगार्ड विभाग के अधिकारियों ने जिले के थाना प्रभारियों के फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी मुहर के सहारे इस घोटाले को अंजाम दिया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में उन्होंने शासन को पत्र लिखा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की। उनके द्वारा सरकार को पत्र लिखे जाने के बाद होमगार्ड महानिदेशक ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई है।

थाने की फर्जी मोहर का किया गया इस्तेमाल

नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया कि होमगार्ड विभाग के एक प्लाटून कमांडर ने इसकी शिकायत की थी। इसके बाद जिले स्तर पर सैंपल के लिए सात थानों में दो माह (मई व जून) के दौरान लगाई गई होमगार्डो की ड्यूटी की जांच कराई गई। इसमें करीब आठ लाख रुपये का घपला सामने आया। उन्होंने कहा कि कुछ मामले ऐसे भी हैं, जहां थानों में दो होमगार्ड की ड्यूटी लगाई गई और 10 होमगार्ड की ड्यूटी दिखाकर वेतन लिया गया। इसके लिए थाने की फर्जी मोहर का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा है, और इसकी विस्तृत जांच की जरूरत है।

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