खेल से न सिर्फ फिटनेस ही बल्कि बढ़ाता है इंसान का आत्मविश्वास

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नई दिल्ली। हर किसी को पता है कि खेलकूद का एक इंसान की ज़िंदगी में बड़ा महत्व होता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो कोई भी खेल आपके शरीर को रोज़ाना खुराक के तौर पर मिलना चाहिए। खेल शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। यह एक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।

एक टीम स्पिरिट पैदा करता है खेल 

फिट रहने, वज़न कम करने और सेहत की रखरखाव में खेल मदद करते हैं। इसके साथ ही शरीर का स्टैमिना भी बढ़ाता है। न सिर्फ वयस्कों, बल्कि बच्चों में खेल की आदत जीवनभर काम आती है। खेल आपको जीत के बाद हार को स्वीकार करना सिखाता है। खेल एक टीम स्पिरिट पैदा करता है। बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन ने बताया कि जो बच्चे खेल में अच्छे होते हैं वह डिप्रेशन का शिकार नहीं होते हैं।

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मानसिक तौर पर खेल आपका मूड सुधारने, एकाग्रता, आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को बढ़ाने का करता है काम 

मानसिक तौर पर खेल आपका मूड सुधारने, एकाग्रता, आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को बढ़ाने का काम करता है। जब आप कोई खेल खेलते हैं तो एंडोर्फिन नामक फील-गुड, मूड अच्छा वाले रसायन दिमाग़ में बनते हैं। खेल बच्चों को कई तरह की सीख देता है, जो जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं में काम आते हैं। रिसर्च में ये भी पाया गया है कि जो बच्चे बचपन से किसी न किसी खेल में हिस्सा लेते हैं, वह उनके बड़े होने पर सक्रिय और फिट रहने की संभावना अधिक होती है।

मानसिक तनाव भी दूर करता है खेल

खेलों को अच्छा मानसिक खत्म करने वाला भी माना जाता है। ये मानसिक तनाव को दूर करने एक अच्छा साधन होता है। यानी खेलने से आपको तनाव के साथ-साथ कई बीमारियों से मुक्ति भी मिलती है। जो लोग नियमित रूप से खेलों में शामिल होते हैं, उनमें चिंता और अवसाद के लक्षणों का अनुभव कम होता है।

खेल शारीर और दिमाग की ऐसे करता है मदद

  • डिप्रेशन और चिंता खेलों के ज़रिए यह काम बहुत अच्छे तरीके से दूर किया जा सकता है। यह अवसाद के लक्षणों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • खेलों का आत्मसम्मान पर भी बड़ा असर पड़ता है। इंसान के मानसिक स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेत है। खेल में सक्रिय लोगों का दूसरों के साथ संबंधों में सुधार होता है।
  • रोज़ाना कोई न कोई खेल खेलने से तनाव भी कम होता है। आपको अंदर से काफी फ्रेश और तरोताज़ा महसूस होता है। एक शोध में पता चला है कि जो लोग खेल में सक्रिय होते हैं वह तनाव को बेहतर तरीके से से झेल लेते हैं।
  • खेल का शारीरिक गतिविधि का मनोदशा पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। चाहे फिर आप 30-45 मिनट वॉक ही क्यों न करें?

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