CM Dhami

सीएम धामी ने साहित्यकारों को उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान से किया सम्मानित

220 0

देहरादून। उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा उत्तराखंड साहित्य गौरव, सम्मान समारोह (Uttarakhand Sahitya Gaurav Samman) का आयोजन किया गया, जिसमें सीएम धामी (CM Dhami) बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से आयोजित साहित्य सम्मान समारोह में कुल 10 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।

बुधवार को आईआरडीटी सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। सभी साहित्यकारों को मुख्य अथिति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami)ने सम्मानित किया। इस अवसर विभिन्न भाषाओं का मिश्रण पुस्तक तराण का विमोचन किया गया। उत्तराखंड भाषा संस्थान ने वर्ष 2023 के साहित्य पुरस्कारों की घोषणा करते हुए 10 साहित्यकारों को कई श्रेणियों में साहित्य गौरव सम्मान के लिए चुना।

दीर्घकालीन साहित्य सृजन के लिए साहित्यकार प्रो. लक्ष्मण सिंह बिष्ट बटरोही को सुमित्रानंदन पंत साहित्य गौरव, कथा साहित्य के लिए डॉ. सुशील उपाध्याय को शैलेश मटियानी सम्मान दिया गया। उत्तराखंड भाषा संस्थान की निदेशक स्वाति एस भदौरिया के अनुसार, इस वर्ष कुमाऊंनी लोक साहित्य में दीर्घकालिक साहित्य सृजन के लिए देवकीनंदन भट्ट मयंक को गुमानी पंत पुरस्कार प्रदान किया गया।

गढ़वाली लोक साहित्य में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए भजन सिंह सिंह पुरस्कार गिरीश सुंदरियाल को प्रदान किया गया। कुमाऊंनी एवं गढ़वाली में भिन्न बोलियों एवं उप बोलियों में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए गोविंद चातक पुरस्कार डॉ. सुरेश ममगाई को देने का निर्णय लिया गया। उर्दू साहित्य में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार केए खान को मिला।

धामी सरकार पहुंची अयोध्या, भक्ति भाव से किए रामलला के दर्शन

वहीं पंजाबी साहित्य दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए शिक्षक पूर्ण सिंह पुरस्कार प्रेम साहिल को, महाकाव्य, खंड काव्य एवं काव्य रचना के लिए महादेवी वर्मा पुरस्कार प्रो. शैलेय को, अन्य गद्य विद्या के लिए डाॅ. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार डाॅ. ललित मोहन पंत को एवं साहित्य की मासिक, त्रैमासिक पत्रिकाओं के लिए भैरव दत्त धूलिया पुरस्कार गणेश खुगशाल गणी को दिया गया।

इसके अलावा मौलिक पुस्तक लेखन श्रेणी कथा साहित्य वर्ग में शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए चयनित डॉ. सुशील उपाध्याय को उनके उपन्यास सुनो, सबरीना के लिए यह पुरस्कार दिया गया। यह उपन्यास एक उज्बेकिस्तानी लड़की के संघर्ष की कहानी है। अब तक डॉ. सुशील उपाध्याय की 18 किताबें प्रकाशित हुई हैं।

Related Post

SC

कोरोना के हालात पर SC सख्त, CJI बोले – ‘लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं’, अगली सुनवाई 27 अप्रैल को

Posted by - April 23, 2021 0
ऩई दिल्ली। देश में कोविड-19 संक्रमण की लगातार बिगड़ती स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने…
कामिनी रॉय

स्वतंत्रता-पूर्व भारत में सबसे पहले इस महिला ने हासिल की थी ग्रेजुएशन की डिग्री

Posted by - March 9, 2020 0
न्यूज़ डेस्क। कामिनी रॉय एक ऐसी महिला में से है, जिन्होने स्वतंत्रता-पूर्व भारत में सबसे पहले ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल…
CM Yogi

हैदराबाद के भाग्यलक्ष्मी मंदिर में सीएम योगी ने की पूजा-अर्चना

Posted by - July 3, 2022 0
हैदराबाद: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने रविवार को हैदराबाद (Hyderabad) के भाग्यलक्ष्मी मंदिर, चारमीनार में पूजा-अर्चना की।…