yogi

गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में मंगलवार शाम निकलेगी विजयदशमी शोभायात्रा

192 0

गोरखपुर। सामाजिक समरसता के ताने-बाने को मजबूत कर समग्र रूप में लोक कल्याण की भावना को संजोए गोरक्षपीठ से प्रति वर्ष विजयदशमी को निकलने वाली विजय शोभायात्रा (Vijayadashami Procession)  अनूठी होती है। गोरक्षपीठाधीश्वर (CM Yogi) की अगुवाई वाली परंपरागत शोभायात्रा में हर वर्ग के लोग तो शामिल होते ही हैं, इसका अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम व बुनकर समाज) के लोगों द्वारा भव्य स्वागत भी किया जाता है। वास्तव में विजयदशमी का पर्व गोरक्षपीठ की विशिष्टता और इसके ध्येय की व्यापकता को एक बड़े फलक पर अवलोकन करने का भी अवसर होता है।

गोरक्षपीठ ने कभी भी किसी को जाति या मजहब के दायरे में बांटकर नहीं देखा। गोरखनाथ मंदिर परिसर में अल्पसंख्यक समुदाय के ऐसे दुकानदार बहुतायत में हैं जो पीढ़ियों से यहीं रोजी-रोजगार में रत हैं। दशहरे के दिन गोरखनाथ मंदिर की विजयदशमी शोभायात्रा (Vijayadashami Procession) का इंतजार तो पूरे शहर को होता है लेकिन सबसे अधिक उत्साह अल्पसंख्यक समुदाय के उन लोगों में दिखता है जो मंदिर के मुख्य द्वार से थोड़ी दूर घंटों पहले फूलमाला लेकर गोरक्षपीठाधीश्वर के स्वागत को खड़े रहते हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर का काफिला जब यहां रुकता है तो सामाजिक समरसता की वह तस्वीर विहंगम होती है।

परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी विजयदशमी के दिन (मंगलवार) सायंकाल गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी। पीठाधीश्वर, गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने वाहन पर सवार होंगे। तुरही, नगाड़े व बैंड बाजे की धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी। यहां पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी। यहां चल रही रामलीला में वह प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे। इसके साथ ही प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण व हनुमानजी का पूजन कर आरती भी उतारी जाएगी। यही नहीं विजयादशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में होने वाले पारंपरिक तिलकोत्सव कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद भी देंगे। विजयादशमी के दिन शाम को गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत भोज का भी आयोजन होगा जिसमें अमीर-गरीब और जाति-मजहब के विभेद से परे बड़ी संख्या में सर्वसमाज के लोग शामिल होते हैं।

पात्र देवता के रूप में सुनवाई करेंगे गोरक्षपीठाधीश्वर

गोरक्षपीठ में विजयदशमी का दिन एक और मायने में भी खास होता है। इस दिन यहां संतों की अदालत लगती है और दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं गोरक्षपीठाधीश्वर। नाथपंथ की परंपरा के अनुसार हर वर्ष विजयदशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पीठाधीश्वर द्वारा संतों के विवादों का निस्तारण किया जाता है।

मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्‍यनाथ (CM Yogi)  नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्‍यक्ष भी हैं। इसी पद पर वह दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं। गोरखनाथ मंदिर में विजयदशमी को पात्र पूजा का कार्यक्रम होता है। इसमें गोरक्षपीठाधीश्वर संतो के आपसी विवाद सुलझाते हैं। विवादों के निस्तारण से पूर्व संतगण पात्र देव के रूप में योगी आदित्यनाथ का पूजन करते हैं। पात्र देवता के सामने सुनवाई में कोई भी झूठ नहीं बोलता है। पात्र पूजा संत समाज में अनुशासन का पर्याय माना जाता है।

Related Post

AK Sharma

सिंगापुर की औद्योगिक कम्पनियाॅ उप्र में निवेश को इच्छुक: एके शर्मा

Posted by - January 24, 2023 0
लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) से सिंगापुर के फर्स्ट सिक्रेटरी सिंगापुर हाईकमिश्नर इन…
AK Sharma

नगर विकास मंत्री ने सभी देशवासी एवं प्रदेशवासियों को दी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई

Posted by - December 31, 2023 0
लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने सभी देशवासी एवं प्रदेशवासियों को नववर्ष (New…