लखनऊ: महाशिवरात्रि की तरह से सावन के महीने में सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) व्रत का भी बहुत महत्व होता है। सावन शिवरात्रि में भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करने से संकट, कष्ट, रोग, दोष आदि दूर होते हैं और शिव कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी। सावन शिवरात्रि का व्रत इस साल 26 जुलाई दिन मंगलवार को रखा जाएगा।
मंगलवार होने के कारण इस दिन मंगला गौरी व्रत भी होगा। महिलाएं इस दिन व्रत रहकर शिवरात्रि और मंगला गौरी दोनों व्रतों का पुण्य लाभ प्राप्त कर सकती हैं। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बता रहे हैं सावन शिवरात्रि व्रत की सही तिथि और पूजा मुहूर्त के बारे में।
सावन शिवरात्रि व्रत तिथि
सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 26 जुलाई को शाम 06 बजकर 46 मिनट पर हो रहा है। इस तिथि का समापन अगले दिन 27 जुलाई बुधवार को रात 09 बजकर 11 मिनट पर होगा, ऐसे में सावन शिवरात्रि व्रत 26 जुलाई को रखा जाएगा।
व्रत पूजा मुहूर्त
इस साल सावन शिवरात्रि व्रत पर शिव पूजा का शुभ समय 40 मिनट से अधिक का है। 26 जुलाई को सावन शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 07 मिनट से देर रात 12 बजकर 49 मिनट तक है।
सावन शिवरात्रि के दिन का शुभ समय दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक है। इस दिन का अमृत काल शाम को 04 बजकर 53 मिनट से शाम 06 बजकर 41 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल शाम 03 बजकर 52 मिनट से शाम 05 बजकर 34 मिनट तक है।
महत्व
1. जो कन्याएं मनोवांछित वर की कामना से यह व्रत करती हैं, उनको मनचाहा जीवन साथी प्राप्त होता है।
2. सावन शिवरात्रि व्रत रखने और शिव जी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
3. शिवरात्रि व्रत चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है, इस तिथि के देवता भगवान शंकर जी है। इनकी पूजा करने से पुत्र, धन, धान्य, संपत्ति और वैभव प्राप्त होता है।
4. सावन शिवरात्रि व्रत करने से समस्त पाप मिटते हैं, दुखों का नाश होता है और संकट दूर होते हैं।
 
                         
                 
                                 
                     
                     
                    
