Data center

डाटा सेंटर की स्थापना से प्रदेश की बढ़ेगी जीडीपी और सुधरेगा ईको सिस्टम

208 0

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में डाटा पार्क की स्थापना को लेकर प्रोत्साहन संबंधी चार निवेश प्रस्तावों पर कुछ शर्तों के साथ मुहर लगाई गई है। इससे प्रदेश में डाटा सेंटर (Data center) पार्क्स आसानी से स्थापित होंगे, जिसमें अन्य डाटा सेंटर इकाइयां भी होंगी। डाटा सेंटर पार्क्स की स्थापना से डाटा स्टोरेज में भारत और प्रदेश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हो सकेगा। इससे प्रदेश में डाटा सेंटर ईको-सिस्टम में सुधार होगा और जीडीपी में भी वृद्धि होगी।

सीएम योगी ने अपने पिछले कार्यकाल में डाटा सेंटर क्षेत्र की महत्ता को देखते हुए डाटा सेंटर नीति 2021 तैयार कराई थी। नीति के तहत विभिन्न वितीय और गैर वित्तीय प्रोत्साहन दिए गए हैं। हाल ही में हुए तीसरे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 80 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों में सर्वाधिक करीब 20 हजार करोड़ के प्रस्ताव डेटा सेंटर स्थापना के ही थे। करीब 15,950 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से चार डाटा सेंटर पार्क्स की स्थापना का कार्य प्रक्रियाधीन है।

इनमें 9134.90 करोड़ के निवेश वाली हीरानन्दानी समूह की एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जापान की 1687 करोड़ के निवेश वाली एनटीटी ग्लोबल सेंटर्स एंड क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, 2414 करोड़ और 2713 करोड़ की दो परियोजनाएं अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की हैं। इनसे 4000 से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेंगे। हीरानंदानी समूह की पहली बिल्डिंग जुलाई में तैयार होने और सितंबर से व्यवसायिक कार्य शुरू होने की संभावना है।

मंत्रि परिषद ने नीति के तहत इन परियोजनाओं को आवश्यक प्रोत्साहन देने का निर्णय इन शर्तों के साथ लिया है कि वित्तीय प्रोत्साहनों की अनुमन्यता के लिए नीति की अवधि के अंदर करने वाले निवेश मान्य होंगे और नीति की अवधि (5 वर्षों के दौरान शुरू हो जाएंगे। किसी भी इकाई को समस्त स्रोतों से मिलने वाले वित्तीय प्रोत्साहन, जब तक कि नीति में या विनिर्दिष्ट न हो, उसके स्थिर पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत की सीमा से अधिक नहीं होंगे।

COVID-19 हालात पर राज्यों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने की बैठक

डेटा सेंटर का हब बन रहा यूपी, और भी कंपनियां होंगी आकर्षित

डेटा सेंटर नीति के तहत दी गई रियायतों के चलते 30 बड़े निवेशकों ने आईटी सेक्टर में 20,000 करोड़ रुपए का निवेश करने में रूचि दिखाई है। आईटी सेक्टर में निवेशकों के बढ़ती रूचि को देखते हुए मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे क्षेत्र को “इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग जोन” घोषित किया है। इससे देश के दिग्गज औद्योगिक घरानों समेत चीन, ताइवान और कोरिया की अनेक प्रतिष्ठित कंपनियां अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए आगे आई हैं।

संजय राउत की मुश्किलें बढ़ी, ED ने भेजा दूसरा समन

Related Post

Kashi Tamil Sangamam

सिर्फ समागम नहीं, एक भारत श्रेष्ठ भारत का संकल्प है ‘काशी तमिल संगमम’

Posted by - November 17, 2022 0
वाराणसी। भारत में लंबे समय से नॉर्थ इंडिया और साउथ इंडिया के बहाने दिलों में दूरी पैदा करने वाले अंतरविरोधों…

खुद के साथ दुनिया की जरूरत पूरी करने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान: PM मोदी

Posted by - February 20, 2021 0
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की…