cm yogi

धार्मिक स्थलों का कायाकल्प करेगी योगी सरकार

208 0

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की औद्योगिक व आर्थिक उन्नति के साथ ही आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही योगी सरकार (Yogi Government) प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। यूं तो, उत्तर प्रदेश धार्मिक महत्व वाले स्थलों के लिहाज से काफी समृद्ध रहा है, मगर इनमें काशी, प्रयागराज, मथुरा-वृंदावन, अयोध्या, मिर्जापुर, गोरखपुर, चित्रकूट, नैमिषारण्य व देवीपाटन क्षेत्रों के तीर्थस्थलों को प्रमुखता दी जाती है। वहीं, प्रदेश में अब उन धार्मिक, आध्यात्मिक व ऐतिहासिक महत्व वाले स्थलों को भी सौंदर्यीकरण व विकास कार्यों के लिए वरीयता जा रही है जो कई वर्षों से इस प्रक्रिया से वंचित रहे हैं।

इस क्रम में, सीएम योगी (CM Yogi) की मंशा के अनुरूप एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है जिसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (यूपीएसटीडीसी) ने शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत यूपीएसटीडीसी ने बस्ती में काली माता मंदिर, झरखंडी मंदिर व श्रीराम-जानकी मंदिर, आजमगढ़ में कालिका मंदिर व उन्नाव में सिद्धपीठ माता मंशारानी मंदिर तथा लखीमपुर में काली मंदिर, सेठ घाट तथा बाबा बनवारी दास धाम व बरेली के धोपेश्वर नाथ मंदिर समेत कुल 10 धार्मिक महत्व वाले स्थलों पर सौंदर्यीकरण समेत विकास कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। इन स्थलों के सौंदर्यीकरण व लंबित विकास कार्यों के पूर्ण होने से न केवल इन तीर्थों पर पर्यटन का विकास होगा बल्कि इसके जरिए क्षेत्र की उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

बस्ती समेत 5 जिलों के तीर्थों का होगा कायाकल्प

उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (यूपीएसटीडीसी) द्वारा शुरू की गई सौंदर्यीकरण व विकास प्रक्रिया के मौजूदा चरण में कुल 5 जिलों के चिह्नित तीर्थों में विकास प्रक्रिया को पूर्ण करने की तैयारी की गई है। इनमें बस्ती व लखीपुर के मंदिरों व तीर्थस्थलों को प्रमुखता दी गई है। बस्ती के विक्रमजोत स्थित देवखार गांव में स्थित झरखंडी मंदिर, दुबखारा स्थित काली माता मंदिर व रेपुरा के जंगलों में स्थित श्रीराम-जानकी मंदिर में सौंदर्यीकरण व विकास कार्यों को पूर्ण करने के लिए यूपीएसटीडीसी की ओर से ई-टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की गई है जिसके जरिए चयनित कंपनी व एजेंसी को कार्य आवंटित किए जाएंगे।

इसी प्रकार आजमगढ़ के हरखोरी स्थित माता कालिका मंदिर में भी विकास कार्यों को पूर्ण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दूसरी ओर, उन्नाव के सिद्धपीठ माता मंशारानी मंदिर व नवल जातापुर स्थित बौद्ध तीर्थस्थल के विकास और सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

5000 साल पुराने धोपेश्वर नाथ मंदिर को भी मिलेगी अलग पहचान

बरेली के छावनी क्षेत्र में स्थित धोपेश्वरनाथ मंदिर केवल धार्मिक तीर्थ ही नहीं, बल्कि कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी भी रहा है। ऐसी मान्यता है कि 5000 साल पुराने इस मंदिर में द्रौपदी के गुरू ध्रूम ऋषि ने द्वापर युग में तपस्या की थी। इस दौरान उन्होंने यहां शिवलिंग की स्थापना की और तभी से इसका नाम धोपेश्वरनाथ पड़ गया। उनके प्राण त्यागने के कुछ वर्षों बाद यह मंदिर धोपेश्वर नाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। कई श्रद्धालु इसे धोपा मंदिर भी बोलते हैं।

यह भी कहा जाता है कि अवध के नवाब शुजाउद्दौला की मनोकामना भी इस मंदिर में पूर्ण हुई थी। इसी प्रकार, लखीमपुर के सेठ घाट, बांकेगंज स्थित बाबा बनवारी दास धाम तथा पडसर के मोहम्मदी गांव स्थित काली माता मंदिर भी किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इन सभी तीर्थस्थलों में सौंदर्यीकरण समेत विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए शीष्र ही कार्य आवंटित कर दिया जाएगा।

Related Post

CM Yogi

डबल इंजन की सरकार सपने नहीं दिखाती, हकीकत बुनती है : योगी आदित्यनाथ

Posted by - March 16, 2024 0
मुरादाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने शनिवार को यहां आवास विकास मैदान में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया।…

सीएम योगी ने दी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्घांजलि!

Posted by - August 16, 2021 0
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।इस…
NCC cadets conduct Swachhta Abhiyan in Maha Kumbh

महाकुम्भ में एनसीसी कैडेट्स ने चलाया स्वच्छता अभियान

Posted by - March 10, 2025 0
प्रयागराज। महाकुम्भ 2025 (Maha Kumbh) के सफल आयोजन के उपरांत, प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा मेला क्षेत्र की स्वच्छता सुनिश्चित करने…