Pradhanmantri Swamitva Yojana

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में उत्तर प्रदेश सबसे आगे

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व में केंद्र की योजनाओं को नागरिकों तक पहुंचाने के लिए पूरी तत्परता से काम किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Pradhanmantri Swamitva Yojana) को लागू करने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर इस योजना के अंतर्गत ड्रोन सर्वे का कार्य जल्द पूरा करने का दिशा-निर्देश दिया है।

90,900 ग्रामों में ड्रोन सर्वे हुआ पूरा

राजस्व विभाग की आयुक्त एवं सचिव मनीषा त्रिघाटिया ने बताया कि स्वामित्व योजना का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के लगभग समस्त जिलों के 90,900 ग्रामों में अब तक ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। साथ ही 34,193 ग्रामों की घरौनियां तैयार कर ली गई हैं। इस प्रकार अब तक कुल 50,58,229 घरौनियां तैयार हो चुकी हैं, जिनमें 25 जून 2022 तक 34,69,879 घरौनियों को वितरित कर दिया गया है। वहीं 25 जून के बाद अब तक 15,88,350 नई घरौनियां तैयार कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि आगामी जून तक सभी ग्रामों में ड्रोन सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।

क्या है प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Pradhanmantri Swamitva Yojana) ?

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की शुरुआत केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2020 अप्रैल में की गई थी। योजना का मकसद है कि ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इस योजना के जरिए सरकार तकनीक का इस्तेमाल करके ग्रामीण भारत को सशक्त और मजबूत बनाना चाहती है।

ऐसे में ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना किसी वरदान से कम नहीं है। इसके जरिए गांव के उन लोगों को अपनी जमीन का मालिकाना हक मिल रहा है जिनकी जमीन किसी सरकारी आंकड़े में दर्ज नहीं है।

कागज नहीं होने पर भी मिल रहे घरौनी के कागजात

ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए स्वामित्व योजना आने से ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड के लिए योजना के तहत आवेदन नहीं करना पड़ेगा। सरकार जैसे-जैसे ग्रामीण भारत में सर्वे और मैपिंग का काम करती जाएगी, वैसे-वैसे लोगों को उनकी जमीन का प्रॉपर्टी कार्ड मिलता जाएगा। ध्यान रखने की बात यह है कि जिन लोगों के पास पहले से जमीन के कागजात मौजूद हैं उन लोगों को तुरंत अपने कागजात की फोटो कॉपी करके जमा करानी होगी। वहीं जिन लोगों के पास जमीन के कागज नहीं हैं उन्हें सरकार की तरफ से घरौनी नाम का डॉक्यूमेंट दिया जा रहा है।

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लोगों को मिलेंगे यह फायदे

घरौनी मिलने से लोगों को कई फायदे होंगे। जमीन खुद के नाम होने पर गांव के लोग उसे आसानी से किसी को भी बेच या उसकी संपत्ति खरीद सकेंगे। इसके साथ ही वह बैंक से लोन आदि की सुविधा भी आसानी से उठा पाएंगे।

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