Peepal

पीपल में त्रिदेव करते हैं निवास, वैज्ञानिक दृष्टि से है महत्वपूर्ण

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नई दिल्ली। सनातन धर्म में पीपल (Peepal) को वृक्षों का राजा कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं व पितरों का वास भी माना गया है। पीपल  वृक्ष भगवान विष्णु का जीवन्त और पूर्णत:मूर्तिमान स्वरूप ही है।

गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं-‘अश्वत्थः सर्ववृक्षाणाम’ अर्थात ‘मैं सब वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूं’ इस कथन में उन्होंने अपने आपको पीपल के वृक्ष के समान ही बताया है। इसलिए इस वृक्ष को धार्मिक क्षेत्र में श्रेष्ठदेव वृक्ष की पदवी मिली और इसका विधिवत पूजन आरंभ हुआ।

पद्म पुराण के अनुसार पीपल (Peepal) के वृक्ष को प्रणाम कर उसकी परिक्रमा करने से मानव की आयु लंबी होती है। जो व्यक्ति इसके वृक्ष पर जल अर्पित करता है। उसके सभी पापों का अंत होकर स्वर्ग की प्राप्ति होती है। शनिदेव की पीड़ा को शांत करने लिए भी पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान बताया गया है। धर्म शास्त्रों के अनुसार हर व्यक्ति को अपने जीवन में पीपल का एक पेड़ तो अवश्य ही लगाना चाहिए। पीपल का पौधा लगाने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी भी प्रकार संकट नहीं रहता है। इस पौधे को लगाने के बाद रविवार को छोड़कर नियमित रूप से जल भी अवश्य ही अर्पित करना चाहिए। जैसे-जैसे यह वृक्ष बढ़ेगा आपके घर में सुख-समृद्धि भी बढ़ती जाएगी।  पीपल का पेड़ लगाने के बाद बड़े होने तक इसका पूरा ध्यान भी अवश्य ही रखना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि पीपल को आप अपने घर से दूर लगाएं, घर पर पीपल की छाया नहीं पड़नी चाहिए।

ब्रह्मा,विष्णु,शंकर करते हैं निवास

पीपल (Peepal)  ऐसा वृक्ष है जिसमें त्रिदेव निवास करते हैं। जिसकी जड़ में श्री विष्णु, तने में भगवान शंकर तथा अग्रभाग में साक्षात ब्रह्माजी निवास करते हैं। अश्वत्थ वृक्ष के रूप में साक्षात श्रीहरि ही इस भूतल पर निवास करते हैं। जैसे संसार में ब्राह्मण,गौ तथा देवता पूजनीय होते हैं,उसी प्रकार पीपल का वृक्ष भी अत्यंत पूजनीय माना गया है। पीपल को रोपने, रक्षा करने, छूने तथा पूजने से क्रमशः धन, उत्तम संतान, स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करता है। इसके आलावा पीपल में पितरों का वास माना गया है,सब तीर्थों का इसमें निवास होता है इसलिए मुंडन आदि संस्कार पीपल के नीचे करवाने का विधान है।

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पूजा करने से सारे संकट होते हैं दूर

पीपल (Peepal)  की छाया यज्ञ, हवन, पूजापाठ, पुराण कथा आदि के लिए श्रेष्ठ मानी गई है। इसके पत्तों की वंदनवार को शुभ कार्यों में द्वार पर लगाया जाता है। यदि पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर रविवार को छोड़कर नित्य हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो यह चमत्कारी फल प्रदान करने वाला उपाय है। मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति पीपल के वृक्ष के नीचे शिवलिंग स्थापित करता है तो उसके जीवन से बड़ी से बड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती है। पीपल के नीचे शिवलिंग स्थापित करके उसकी नित्य पूजा भी अवश्य ही करनी चाहिए। इस उपाय से जातक को सभी भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है।

24 घंटे ऑक्सीजन देने वाला एकमात्र अद्भुत वृक्ष

वातावरण के दूषित तत्वों, कीटाणुओं को नष्ट करने के कारण पीपल को देवतुल्य माना जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से पीपल रात-दिन निरंतर 24 घंटे ऑक्सीजन देने वाला एकमात्र अद्भुत वृक्ष है,जिसके निकट रहने से प्राणशक्ति बढ़ती है। इसकी छाया गर्मियों में ठंडी और सर्दियों में गर्म रहती है। इसके अलावा पीपल के पत्ते, फल आदि में औषधीय गुण होने के कारण यह रोगनाशक भी होता है।

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