Maha Kumbh

महाकुम्भ में देवलोक की अनुभूति कराएंगे 30 पौराणिक तोरण द्वार

37 0

महाकुम्भनगर: पूरी दुनिया का स्वागत करने के लिए तीर्थों के राजा तीर्थराज प्रयागराज तैयार हैं। महाकुम्भनगर में प्रवेश करते ही समुद्र मंथन के 14 रत्न सभी श्रद्धालुओं का वंदन करेंगे। जैसे ही आगे बढ़ेंगे शिव शम्भु का विशाल डमरू दिखेगा। इसके साथ ही कच्छप, समुद्र मंथन और नंदी द्वार भी श्रद्धालुओं का स्वागत करेंगे। महाकुम्भनगर में 30 पौराणिक तोरण द्वार बनाए जा रहे हैं, जो श्रद्धालुओं को देवलोक की अनुभूति कराएंगे।

प्रदेश के कई हिस्सों से आए कारीगरों ने निभाई भूमिका

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) इस बार के महाकुम्भ (Maha Kumbh) को पहले के सभी कुम्भों से अधिक दिव्य और भव्य बनाना चाहते हैं। इसी के तहत देश दुनिया से यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। सबसे खास बात ये है कि यहां की तैयारियां कुछ इस तरह की गई हैं कि महाकुम्भ की आभा देख लोगों को एक अलग तरह की दुनिया का एहसास होगा। महाकुम्भ में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को देवलोक की दिव्य अनुभूति होगी। यहां 30 अलग अलग पौराणिक महत्व के तोरण द्वार बनाए गए हैं। प्रदेशभर से आए कारीगरों ने पूरे उत्साह से इसे अंजाम दिया है।

श्रद्धालुओं को दिव्य महाकुम्भ (Maha Kumbh) का होगा अहसास

महाकुम्भनगर में श्रद्धालुओं को बहुत ही मनोहारी दृश्य दिखाई पड़ेगा। यहां की पौराणिकता आने वाले श्रद्धालुओं को दिव्यता से भर देगी। सबसे पहले मेला क्षेत्र में एंट्री करते ही 14 रत्न आपका स्वागत करने के लिए तत्पर दिखाई पड़ेंगे। जिसमें ऐरावत, कामधेनु गाय, घोड़ा, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, महालक्ष्मी, चंद्रमा, शारंग धनुष, शंख, धन्वंतरि, अमृत आदि शामिल हैं।

सुरक्षित महाकुम्भ के लिए तैनात 70 से अधिक जिलों की फोर्स

इसके बाद नंदी द्वार और भोले भंडारी का विशालकाय डमरू नजर आएगा। जिसकी लंबाई 100 फीट और ऊंचाई लगभग 50 फीट से भी अधिक है। इस विशालकाय डमरू को बनाने में बड़ी संख्या में कारीगर जुटे हैं। इसके अलावा समुद्र मंथन द्वार और कच्छप द्वार समेत 30 विशेष तोरण द्वार श्रद्धालुओं को पौराणिकता की अनुभूति करा रहे हैं।

सकारात्मक ऊर्जा और मंत्रों के जाप से गुंजायमान होने लगा समूचा महाकुम्भनगर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि महाकुम्भ को दुनिया के सामने इस तरह से सजाया और संवारा जाए कि जो पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बनकर उभरे। इस महाआयोजन की ओर बढ़ते ही लोगों को यहां की दिव्यता का एहसास होने लगेगा।

महाकुम्भनगर का पूरा क्षेत्र सकारात्मक ऊर्जा और मंत्रों के जाप से गुंजायमान होने लगा है। यहां की महिमा ऐसी है कि पहुंचने के बाद लोग इसी पॉजिटिव एनर्जी में रच बस जाएं।

Related Post

Obra-C

ओबरा सी से 660 मेगावाट बिजली उत्पादन शुरू, ऊर्जा मंत्री ने सभी कार्मिकों को दी हार्दिक बधाई

Posted by - December 27, 2023 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए Obra-C 2×660 मेगावाट पावर प्लांट…