Maha Kumbh

महाकुम्भ का कीर्तिमान, सनातन की सुनामी

88 0

महाकुम्भ नगर। पावन संगम की धर्मधरा में धर्म, अध्यात्म एवं आस्था के महासंगम प्रयागराज महाकुम्भ (Maha Kumbh) में रविवार तक करीब 52 करोड़ लोग पुण्य स्नान कर चुके हैं। मात्र 33 दिनों में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन से इतिहास बन गया है। यह भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय एकता की मिसाल है। सनातन के इस विराट दर्शन के अलग-अलग निहितार्थ साधु समाज, धर्माचार्य और शोध संस्थान बता रहे हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल

संगम नगरी प्रयागराज की धरती पर 13 जनवरी से आयोजित हो रहा दिव्य-भव्य व नव्य धार्मिक, सांस्कृतिक समागम ‘महाकुम्भ 2025’ इतिहास रच चुका है। महाकुम्भ (Maha Kumbh) के समापन के पूर्व ही 33 दिनों में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम की है। साधु संत और धर्माचार्य इस उपलब्धि को सनातन की बता रहे हैं।

सनातन धर्म के ध्वज वाहक 13 अखाड़ों में सबसे पहले अस्तित्व में आए श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी का कहना है कि महाकुम्भ (Maha Kumbh) में उमड़ा जन आस्था का यह सैलाब सनातन धर्म की सुनामी है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि यह महाकुम्भ धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी सहभागिता बन गया है।

युवाओं की बढ़ी सहभागिता में सीएम योगी की भूमिका

भारत के इस विराट समागम में महाकुम्भ (Maha Kumbh) के समापन के 12 दिन पहले ही 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की यह संख्या किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की अबतक की सबसे बड़ी सहभागिता बन चुकी है। महाकुम्भ की सहभागिता पर शोध कर रही विभिन्न शोध संस्थानों ने इसे लेकर अपने अपने तथ्य पूर्ण विश्लेषण किए हैं। महाकुम्भ और तीर्थ स्थलों पर शोध कर रहे सरस्वती पत्रिका के संपादक और प्रयाग गौरव पुस्तक के लेखक रवि नंदन सिंह बताते हैं कि सत्ता और संस्कृति हमेशा से एक दूसरे को प्रभावित करते रहे हैं। सनातन को केंद्र में रखकर चल रही सत्ता की अभिव्यक्ति भी इस महा कुम्भ में हुई है। दिव्य,भव्य और डिजिटल महाकुम्भ के केंद्र में सनातन और युवा दोनों थे।

डिजिटल महाकुम्भ (Digital Maha Kumbh) के संकल्प से तकनीकी और युवाओं की निकटता बढ़ी। जो युवा पूर्व की सत्ता में धर्म और सनातन को लेकर उदासीन या निरपेक्ष था अब उत्सुकतावश वह सनातन को निकट से देखने महाकुम्भ आया। इस तरह सत्ता में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का हिंदुत्व और सनातन का चेहरा युवाओ के लिए नया सोसाइटी का फेस बन गया। तीर्थ स्थलों पर शोध और अध्ययन करने वाली संस्था पिलग्रीम सोसाइटी ऑफ इंडिया के प्रो डीपी दुबे भी मानते हैं कि महाकुम्भ के इस नए कीर्तिमान के केंद्र में युवा सनातन नेतृत्व का एक बड़ा चेहरा है।

Related Post

CM Yogi

चेहरा या मजहब नहीं, पीड़ित को देखकर दिया जाता है पैसा: सीएम योगी

Posted by - November 29, 2023 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन। खासकर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि…
CM Dhami

धामी बोले-उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में हो रहा काम

Posted by - August 30, 2024 0
नई टिहरी। मुख्यमंत्री ( CM Dhami) ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा कि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य…

स्‍वतंत्र देव सिंह ने काली बाड़ी मंदिर में की कामना, यूपी चुनाव में पूर्ण बहुमत से जीते बीजेपी

Posted by - September 28, 2021 0
गोरखपुर। बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष स्‍वतंत्र देव सिंह गोरखपुर की काली बाड़ी मंदिर में मत्‍था टेककर 2022 के विधानसभा चुनाव में…