Chardham Yatra

आपदा को लेकर ग्राउंड लेवल पर सरकारी तंत्र, हर गतिविधियों पर धामी की नजर

183 0

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) की इच्छाशक्ति से जल्द उत्तराखंड राज्य आपदा से उबरेगा। उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा मार्ग एक बार फिर देश-दुनिया से आने वाले तीर्थयात्रियों से गुलजार होगा और आस्था पथ पर रौनक बिखरेगी। अतिथि देवो भव: की भाव से धामी सरकार आस्था के सम्मान के साथ सुरक्षित चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) कराएगी तो वहीं आपदा से प्रभावित जनजीवन फिर पटरी पर लौटेगा। उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडेय ने यह भरोसा जताया है।

लोक निर्माण विभाग की महत्वपूर्ण बैठक में अधिकारियों ने स्थिति की समीक्षा करते हुए बताया आपदा प्रभावित राज्य उत्तराखंड में इन दिनों राज्य के मुखिया पुष्कर सिंह से लेकर पूरा सरकारी तंत्र ग्राउंड लेवल पर है। खुद मुख्यमंत्री धामी (CM Dhami) की हर गतिविधियों पर नजर है।

सरकार की कोशिश है कि मौसम ठीक रहा तो एक सप्ताह के अंदर केदारनाथ धाम के लिए पैदल मार्ग चालू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि हर यात्री और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि आपदा से क्षतिग्रस्त मार्गों पुनर्निर्माण के लिए अविलंब कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। सड़क एवं पैदल मार्गों का त्वरित गति से निर्माण करने के लिए हर साइट पर अलग ठेकेदार को काम दिया जाएगा। हर साइट पर एक सहायक अभियंता (एई) और एक संयुक्त अभियंता (जेई) तैनात होंगे। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कुल 29 साइट्स पर कार्य किया जाना है। कुछ साइट्स पर कार्य अधिक चुनौतीपूर्ण रहेगा। लोक निर्माण विभाग के सचिव ने बड़े क्षतिग्रस्त मार्गों के निर्माण के लिए कम से कम 50 लोगों को तैनात करने तथा जिन मार्गों पर कम क्षति हुई है, वहां 10 कार्मिक तैनात करने के निर्देश दिए। इसके अलावा बड़ी साइट्स पर पोकलैंड भी तैनात रहेंगे। वहीं नदी-नालों से हो रहे भू-कटाव को रोकने के लिए चैनलाइजेशन किए जाएंगे।

चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) की शुरूआत से ही केदारनाथ धाम में देखने को मिला तांडव

भारत की 12 ज्योतिर्लिगों में से एक भगवान शिव 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में स्वयंभू शिव के रूप में विराजमान हैं। गत 10 मई को केदारनाथ का कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू हुई। इसी बीच कई बार श्रीकेदार धाम के पीछे की पहाड़ियों में ग्लेशियर टूटने की घटनाएं सामने आईं।

इसके बाद एक प्राइवेट कंपनी का हेलीकाॅप्टर भी हादसे का शिकार होते-होते बच गया, फिर मानसून के बीच केदारनाथ पैदल मार्ग की पहाड़ी पर चट्टान टूटने से कुछ यात्रियों की मौत हुई। इसके बाद गत 31 जुलाई की रात केदार घाटी में आई आपदा ने सबको हिलाकर रख दिया।

हर स्थिति से निपटने के लिए शासन-प्रशासन ने झोंकी ताकत

वर्ष 2013 की भीषण आपदा के 10 साल बाद केदार घाटी में आई आपदा ने भयावह मंजर दिखाया है। जनहानि के साथ सरकार को भी काफी नुकसान हुआ है। इन दिनों केदारनाथ धाम में मौसम पल-पल बदल रहा है। ऐसे में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए शासन-प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक रखी है।

राहत-बचाव कार्य में कुल 1166 कार्मिक जुटे हैं। बिजली, पानी, सड़क, दूर संचार आदि समस्याओं को तेजी से दुरुस्त किया जा रहा है। शासन-प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ के सुरक्षा जवानों के साथ राहत-बचाव कार्य में जुटे कर्मचारी देवदूत की भूमिका निभा रहे हैं।

Related Post

Election commission

चुनाव आयोग ने बंगाल के रिटर्निंग अधिकारी सहित तीन को हटाया

Posted by - March 31, 2021 0
कोलकाता। निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने कोलकाता के बल्लीगंज विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी सहित तीन अधिकारियों को हटा दिया।…
CM Dhami paid tribute to Dr. Sarvepalli Radhakrishnan

डॉ. राधाकृष्णन का जीवन दर्शन हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा: सीएम धामी

Posted by - September 5, 2025 0
देहारादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने पूर्व राष्ट्रपति, महान दार्शनिक, शिक्षाविद् एवं विचारक भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन…